यह व्रत माघ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है। यह दिन माघ स्नान का अन्तिम दिन होता है। इस दिन प्रयाग स्नान से नर्क की यातनायें नहीं भुगतनी पड़ती और मनुष्य भवसागर से पार होकर विष्णु-लोक को जाता है। | यह व्रत माघ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है। यह दिन माघ स्नान का अन्तिम दिन होता है। इस दिन प्रयाग स्नान से नर्क की यातनायें नहीं भुगतनी पड़ती और मनुष्य भवसागर से पार होकर विष्णु-लोक को जाता है। |