उपनिषदों में पाई जाने वाली केंद्रीय अवधारणाओं में निम्नलिखित पहलू शामिल हैं जो सनातन धर्म के मौलिक और अद्वितीय मूल्य हैं और जो युगों से भारतवर्ष के लोगों के चित्त (मनस) का मार्गदर्शन करते रहे हैं। इनमें से किसी भी अवधारणा का कभी भी दुनिया के किसी भी हिस्से में प्राचीन साहित्य में उल्लेख या उपयोग नहीं किया गया है<ref name=":2" /><ref name=":3" /><ref>''Sanatana Dharma : An Advanced Textbook of Hindu Religion and Ethics''. (1903) Benares : The Board of Trustees, Central Hindu College</ref> | उपनिषदों में पाई जाने वाली केंद्रीय अवधारणाओं में निम्नलिखित पहलू शामिल हैं जो सनातन धर्म के मौलिक और अद्वितीय मूल्य हैं और जो युगों से भारतवर्ष के लोगों के चित्त (मनस) का मार्गदर्शन करते रहे हैं। इनमें से किसी भी अवधारणा का कभी भी दुनिया के किसी भी हिस्से में प्राचीन साहित्य में उल्लेख या उपयोग नहीं किया गया है<ref name=":2" /><ref name=":3" /><ref>''Sanatana Dharma : An Advanced Textbook of Hindu Religion and Ethics''. (1903) Benares : The Board of Trustees, Central Hindu College</ref> |