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| ** देने की संस्कृति | | ** देने की संस्कृति |
| ** माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या | | ** माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या |
| + | == कक्षा ३ पाठ्यक्रम == |
| + | सार्थ कंठस्थीकरण: |
| + | * श्रीमदभगवद्गीता- अ. 15, अध्याय 7 के श्लोक 4, 5, 6, 7, 10 (कुल 5) |
| + | * मंत्रपुष्पांजलि |
| + | * ईशोपनिषद् के मंत्र क. 1, 2, 3, 9, 11, (कुल 5) |
| + | * योगसूत्र- क. 1, 2, 3, 7, 12 (कुल 5) |
| + | * अष्टांगयोग-अहिंसासत्यास्तेयब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमाः | शौचसंतोषतपस्वाध्यायेश्वरप्रणिधानानि नियमा: || |
| + | * मंत्र कुल 2 |
| + | * गीता के निम्न श्लोक- सार्थ |
| + | ** अध्याय 16: 1, 2, 3, 4, 6, 13, 14, 18, 21 |
| + | ** अध्याय 8: 17 |
| + | ** कुल 10 |
| + | * जीवनदृष्टि का गीत |
| + | ** हमारा देश |
| + | * स्वर्ग की संकल्पना |
| + | * व्यक्तिगत स्तर |
| + | * पंचमहाभूत |
| + | * सत्ताईस नक्षत्र |
| + | * वर्णमाला, उच्चारण, |
| + | * देवनागरी लिपि एवं अंकपद्धति |
| + | * कालगणना |
| + | * हमारे षड्रिपु- तुलसीदास जी दवरा लिखित छः: मानस रोग |
| + | * हमारा आहार- उसके विविध स्रोत | |
| + | * क्या खाएँ, कैसे खाएँ- श्रीमद्भगवदगीता के अनुसार सात्विक, राजस और तामस आहार। |
| + | * भोजन के मंत्र- सकारण स्पष्टीकरण। |
| + | * भारतीय भोजन की विविधता और विदेशों में उसकी लोकप्रियता |
| + | * हवा में तैरने वाली पत्थर की मूर्तियाँ बनाने की कला- भुवनेश्वर |
| + | * आठ गणितीय प्रकियाओं का शोध |
| + | * हमारा साहित्य |
| + | * यम-नियम |
| + | * पतंजलि के योगसूत्र |
| + | * भास्कराचार्य की लीलावती एवं वैदिक गणित |
| + | * पंचतंत्र हितोपदेश |
| + | * हमारे पूर्वज |
| + | ** श्रीमंत शंकरदेव |
| + | ** स्वामी विद्यारण्य |
| + | ** श्रीशंकराचार्य |
| + | ** भारत की गौरवशाली शासक परंपराएँ - गुप्त साम्राज्य |
| + | ** विजयनगर साम्राज्य |
| + | ** बाप्पा रावल, ललितादित्य, मुक्तापीड, राजेन्द्र चोल, आहोम राजवंश, कुष्णदेवराय, मसुनुरी नायक, रणजितसिंह, बाजीराव पेशवे, लाचित बडफुकन |
| + | * कृतिपाठ |
| + | ** योगासन (अल्पकालीन), सुखासन- पालथी लगा कर बैठना। |
| + | ** आकाश का निरीक्षण एवं ग्रहनक्षत्रों का परिचय |
| + | ** क्रोधसंयम |
| + | ** घर में घरेलू कार्य सीखना और करना |
| + | ** व्यवहारसूत्र |
| + | *** एक सद् विप्राः बहुधा वदन्ति। |
| + | *** तेन त्यक्तेन भुंजीथा:। |
| + | *** यत्पिण्डे तद् ब्रह्माण्डे। |
| + | *** यम-सत्य, अहिंसा। |
| + | *** नियम-शौच, संतोष। |
| ==References== | | ==References== |
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