भारत में वैज्ञानिक बनने के लिए योग की साधना एक महत्वपूर्ण साधन हुआ करती थी। प्रत्याहार के अभ्यास से मन एकाग्र और बुद्धि कुशाग्र बनती थी। एकाग्रता के कारण इन्द्रियों से परे कुछ देखने समझने की क्षमता योग साधना से प्राप्त होती थी। हमारे सभी खगोल शास्त्रज्ञ योगी रहे हैं। उन्होंने जिस ज्ञान को उजागर किया है वह बड़ी बड़ी दूरबीनों के माध्यम से नहीं किया था। अपनी साधना के उच्च स्तर के आधार पर किया था।
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भारत में वैज्ञानिक बनने के लिए योग की साधना एक महत्वपूर्ण साधन हुआ करती थी। प्रत्याहार के अभ्यास से मन एकाग्र और बुद्धि कुशाग्र बनती थी। एकाग्रता के कारण इन्द्रियों से परे कुछ देखने समझने की क्षमता योग साधना से प्राप्त होती थी। हमारे सभी खगोल शास्त्रज्ञ योगी रहे हैं। उन्होंने जिस ज्ञान को उजागर किया है वह बड़ी बड़ी दूरबीनों के माध्यम से नहीं किया था। अपनी साधना के उच्च स्तर के आधार पर किया था। विज्ञान पर [[Dharmik Science and Technology (धार्मिक विज्ञान एवं तन्त्रज्ञान दृष्टि)|यह लेख]] एवं [[शिक्षा पाठ्यक्रम एवं निर्देशिका-विज्ञान|यह लेख]] भी देखें।