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=== महानदी ===
 
=== महानदी ===
 
उत्कल (उड़ीसा) राज्य की यह प्रमुख नदी मध्यप्रदेश के रायपुर जिले के दक्षिण पूर्व में सिहाँवा पर्वत श्रेणी से निकलकर उड़ीसा में कटक के पास सागर में मिलती है। नदी का कुल बहाव ८६० कि.मी. है। बहाव की आधी दूरी छत्तीसगढ़ के रायपुर, बस्तर, बिलासपुर तथा रायगढ़ जिलों में कोयना, पंचगंगा, घटप्रभा, मल्लप्रभा आदि लघु सरिताओं का जल समेटे तय करती है। शिवनाथ, जोंक, हस्दों इसकी सहायक नदियाँ हैं। महानदी का जल सिंचाई व विद्युत-निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। विश्व का सबसे लम्बा बांध हीराकुण्ड महानदी पर ही बना है। उपर्युक्त प्रमुख नदियों के अतिरिक्त निम्न नदियों का भी स्मरण बड़ी श्रद्धाभक्ति के साथ किया जाता है। इनमें स्नान करने पर शाप-ताप शान्त हो जाते हैं तथा मानव देवत्व की ओर अग्रसर होता हैं। ये नदियाँ हैं महेन्द्रतनया, वेत्रिवती, क्षिप्रा, भीमा, ताप्ती, चम्बल, गोमती, चर्मण्वती आदि।
 
उत्कल (उड़ीसा) राज्य की यह प्रमुख नदी मध्यप्रदेश के रायपुर जिले के दक्षिण पूर्व में सिहाँवा पर्वत श्रेणी से निकलकर उड़ीसा में कटक के पास सागर में मिलती है। नदी का कुल बहाव ८६० कि.मी. है। बहाव की आधी दूरी छत्तीसगढ़ के रायपुर, बस्तर, बिलासपुर तथा रायगढ़ जिलों में कोयना, पंचगंगा, घटप्रभा, मल्लप्रभा आदि लघु सरिताओं का जल समेटे तय करती है। शिवनाथ, जोंक, हस्दों इसकी सहायक नदियाँ हैं। महानदी का जल सिंचाई व विद्युत-निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। विश्व का सबसे लम्बा बांध हीराकुण्ड महानदी पर ही बना है। उपर्युक्त प्रमुख नदियों के अतिरिक्त निम्न नदियों का भी स्मरण बड़ी श्रद्धाभक्ति के साथ किया जाता है। इनमें स्नान करने पर शाप-ताप शान्त हो जाते हैं तथा मानव देवत्व की ओर अग्रसर होता हैं। ये नदियाँ हैं महेन्द्रतनया, वेत्रिवती, क्षिप्रा, भीमा, ताप्ती, चम्बल, गोमती, चर्मण्वती आदि।
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== पॉच सरोवर ==
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जिस प्रकार भारत के चार कोनों पर चार धाम (उत्तरी सीमा पर बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम्, पूर्व में जगन्नाथपुरीतथा पश्चिम में द्वारिका स्थापित कर देश की एकता को सुदृढ़ किया गया। उसी प्रकार मनीषियों ने पंच सरोवरों की मान्यता देकर समस्त भारतवासियों को प्रान्त व जातिभेद से ऊपर उठकर भारत को एक राष्ट्र के रूप में सुदूढ़ करने की प्रेरणा दी। सभी हिन्दू इनके प्रतिश्रद्धाभाव रखते हैं। ये पॉच सरोवर निम्नलिखित हैं)
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१. विन्दु सरोवर
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२. नारायण सरोवर
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३. पम्पा सरोवर
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४. पुष्कर झील
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५, मान सरोवर
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=== विन्दु सरोवर ===
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विन्दु सरोवर दो हैं : 1. भुवनेश्वर के मुख्य बाजार में स्थित 2. विन्दु सरोवर सिद्धपुर। देश की एकात्मता की दृष्टि सेपूर्व दिशा स्थित भुवनेश्वर का विन्दुसरोवर अधिक महत्वपूर्ण है। यह एक सुविस्तृत सरोवर है। सरोवर के मध्य एकविशाल मन्दिरहै। इसमेंभगवान् नारायण,शिव-पार्वती, गणेश की सुन्दर प्रतिमाएँ हैं। सरोवर केचारों ओर बहुत सेमन्दिरबने हैं। इस सरोवर में समस्त तीथों का जल लाकर डाला हुआ है,अतः यह परम पवित्र माना जाता हैं। भारतवर्ष में पितृश्राद्ध के लिए गया प्रसिद्ध है तो मातृश्राद्ध के लिए सिद्धपुर स्थित विन्दुसरोवर की मान्यता है। इसे मातृगया भी कहा जाता है| प्राचीन नाम श्रीस्थल है। पवित्र सरस्वती से लगभग डेढ़-दो किलोमीटर दूरएक सरोवरहै। लगभग 12 मीटर लम्बा व 12मीटरचौड़ा यह सरोवर कर्दम ऋषि, कपिल मुनि, समुद्र-मन्थन औरभगवान परशुराम की कथाओं से सम्बद्ध है। सरोवर के पास गोविन्द माधव मन्दिर विद्यमान है। तीर्थयात्री सरोवरमें स्नान कर मातृ-श्राद्ध करते हैं। दक्षिणी छोरपर बने मन्दिर में महर्षि कर्दम, देवहूति और महर्षि कपिल की मूर्तियाँ हैं। इसके अतिरिक्त राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण, सिद्धेश्वरमहादेव के मन्दिर,ज्ञानवापी(बावली) तथा वल्लभाचार्य महाप्रभु की बैठक यहाँ विद्यमान है।
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जाटण श्लोवाट
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कच्छ के रनों का यह अति प्राचीन तीर्थ क्षेत्र है। यहाँ स्वच्छ जल का
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एक पवित्र तालाब है।इसका निर्माण नारायण भगवान् ने गांगोत्री से पवित्र
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जल लाकर किया। स्वयं नाराण यहाँपर कुछ काल रहे। सरोवर के पास
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आदि नारायण, गोवर्द्धननाथ और टीकम जी के सुन्दर मन्दिर बने हैं। श्री
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वल्लभाचार्य महाप्रभु की बैठक भी नारायण सरोवर के पास है। नारायण
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सरोवर से लगभग 3 कि.मी. दूर कोटेश्वर महादेव का प्राचीन मन्दिर है।
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कार्तिक पूर्णिमा केअवसर परयहाँ एक मेला लगता है। तीर्थ-यात्रियों की
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सुविधा के लिए यहाँ कईधर्मशालाएँ बनी हुई हैं।
    
==References==
 
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