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सुप्रसिद्ध कृष्णभक्त कवि। इनका पूरा नाम सैयद इब्राहीम ‘रसखान' था। ये दिल्ली के पठान सरदार थे। इनका देश की राष्ट्रीय परम्परा से अटूट नाता था। इन्होंने भगवान् श्रीकृष्ण के अलौकिक प्रेम के रंग में रंगकर ब्रजभाषा में भक्ति रस के कवित्त-सवैयों की रचना की। वृन्दावन मेंगोस्वामी विट्ठलनाथने इन्हेंपुष्टिमार्ग की दीक्षा दी। इनकी रचनाओंमें कृष्णभक्ति की सहज और निर्मल अभिव्यक्ति पूर्ण आन्तरिकता और मार्मिकता से हुई है। 'प्रेम-वाटिका' और 'सुजान रसखान' इनके प्रसिद्ध काव्य-संग्रह हैं।  
 
सुप्रसिद्ध कृष्णभक्त कवि। इनका पूरा नाम सैयद इब्राहीम ‘रसखान' था। ये दिल्ली के पठान सरदार थे। इनका देश की राष्ट्रीय परम्परा से अटूट नाता था। इन्होंने भगवान् श्रीकृष्ण के अलौकिक प्रेम के रंग में रंगकर ब्रजभाषा में भक्ति रस के कवित्त-सवैयों की रचना की। वृन्दावन मेंगोस्वामी विट्ठलनाथने इन्हेंपुष्टिमार्ग की दीक्षा दी। इनकी रचनाओंमें कृष्णभक्ति की सहज और निर्मल अभिव्यक्ति पूर्ण आन्तरिकता और मार्मिकता से हुई है। 'प्रेम-वाटिका' और 'सुजान रसखान' इनके प्रसिद्ध काव्य-संग्रह हैं।  
 
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<blockquote>'''<big>रविवर्मा भातखण्डे भाग्यचन्द्रः स भूपतिः। कलावन्तश्च विख्याता स्मरणीया निरन्तरम् ॥ २१  ॥</big>'''</blockquote>
 
<blockquote>'''<big>रविवर्मा भातखण्डे भाग्यचन्द्रः स भूपतिः। कलावन्तश्च विख्याता स्मरणीया निरन्तरम् ॥ २१  ॥</big>'''</blockquote>
  
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