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== मोक्ष प्राप्ति के लिए भूगोल/खगोल ==
 
== मोक्ष प्राप्ति के लिए भूगोल/खगोल ==
सृष्टि निर्माण की मान्यता खगोलीय ज्ञान के आधार पर ही पुष्ट होती है। खगोल की चक्रीयता, यत् पिंडे तत् ब्रह्मांडे की अनुभूति खगोल के ज्ञान से ही अच्छी तरह से हो सकती है। चराचर में व्याप्त आत्मतत्व को अनुमान प्रमाण के आधार पर जानने के लिए भी खगोल भूगोल का ज्ञान आवश्यक है। सृष्टि निर्माण की जो भी वैज्ञानिक मान्यताएँ हैं वे सभी मान्यताएँ खगोल के ज्ञान की ही उपज हैं। जड़वादी सृष्टि निर्माण की अधार्मिक (अधार्मिक) खगोलीय दृष्टि ने ही विश्व को जड़वादी, व्यक्तिवादी और इहवादी बनाकर विनाश की कगार पर लाकर खडा किया है। एकात्मवादी, अध्यात्मवादी, समग्रता की धार्मिक (धार्मिक) दृष्टि भी खगोलीय सृष्टि निर्माण के ज्ञान के आधार से ही पुष्ट हुई है। इस खगोलीय ज्ञान के कारण ही जीवन की स्थल और काल के सन्दर्भ में अखण्डता की अनुभूति हो पाती है। डेव्हिड बोह्म की खोज से हजारों वर्ष पूर्व से धार्मिक (धार्मिक) मनीषी यह जानते थे कि सारी सृष्टि बहुत निकटता से परस्पर सम्बद्ध है। धूल का एक कण हिलने का प्रभाव और परिणाम सारी सृष्टि पर होता है (द होल युनिव्हर्स इज व्हेरी क्लोजली इंटरकनेक्टेड – डेव्हिड बोह्म की प्रतिष्ठापना)। खगोल के ज्ञान से ही जीवन की चक्रियता समझ में आती है। उत्पत्ति, स्थिति और लय की सही समझ मन में बनती है। सृष्टि की प्राकृतिक व्यवस्थाओं के नियमों के आधार पर ही कर्म सिद्धांत, ऋण सिद्धांत जैसे धार्मिक (धार्मिक) जीवनदृष्टि के तर्क आधारित और मनुष्य को सन्मार्गगामी बनाने के लिए अत्यंत उपयुक्त व्यवहार सूत्र उभरकर आते हैं।  
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सृष्टि निर्माण की मान्यता खगोलीय ज्ञान के आधार पर ही पुष्ट होती है। खगोल की चक्रीयता, यत् पिंडे तत् ब्रह्मांडे की अनुभूति खगोल के ज्ञान से ही अच्छी तरह से हो सकती है। चराचर में व्याप्त आत्मतत्व को अनुमान प्रमाण के आधार पर जानने के लिए भी खगोल भूगोल का ज्ञान आवश्यक है। सृष्टि निर्माण की जो भी वैज्ञानिक मान्यताएँ हैं वे सभी मान्यताएँ खगोल के ज्ञान की ही उपज हैं। जड़़वादी सृष्टि निर्माण की अधार्मिक (अधार्मिक) खगोलीय दृष्टि ने ही विश्व को जड़़वादी, व्यक्तिवादी और इहवादी बनाकर विनाश की कगार पर लाकर खडा किया है। एकात्मवादी, अध्यात्मवादी, समग्रता की धार्मिक (धार्मिक) दृष्टि भी खगोलीय सृष्टि निर्माण के ज्ञान के आधार से ही पुष्ट हुई है। इस खगोलीय ज्ञान के कारण ही जीवन की स्थल और काल के सन्दर्भ में अखण्डता की अनुभूति हो पाती है। डेव्हिड बोह्म की खोज से हजारों वर्ष पूर्व से धार्मिक (धार्मिक) मनीषी यह जानते थे कि सारी सृष्टि बहुत निकटता से परस्पर सम्बद्ध है। धूल का एक कण हिलने का प्रभाव और परिणाम सारी सृष्टि पर होता है (द होल युनिव्हर्स इज व्हेरी क्लोजली इंटरकनेक्टेड – डेव्हिड बोह्म की प्रतिष्ठापना)। खगोल के ज्ञान से ही जीवन की चक्रियता समझ में आती है। उत्पत्ति, स्थिति और लय की सही समझ मन में बनती है। सृष्टि की प्राकृतिक व्यवस्थाओं के नियमों के आधार पर ही कर्म सिद्धांत, ऋण सिद्धांत जैसे धार्मिक (धार्मिक) जीवनदृष्टि के तर्क आधारित और मनुष्य को सन्मार्गगामी बनाने के लिए अत्यंत उपयुक्त व्यवहार सूत्र उभरकर आते हैं।  
    
भूगोल के गहराई से अध्ययन में कई प्रश्न उभरते हैं। वटवृक्ष के छोटे से बीज में पूरा वटवृक्ष होता है। एक छोटे से फल में बीजरूप में सैंकड़ों वृक्ष होते हैं। मनुष्य अपनी विभिन्न क्षमताओं के विकास के उपरांत भी ऐसा कुछ नहीं कर पाता। क्यों? गुलाब का रंग गुलाबी क्यों है और किसने बनाया। गुलाब में महक किसने निर्माण की। करने वाला कौन है? मौसम की विविधता किसने निर्माण की? यह पर्यावरण के सन्तुलन  की व्यवस्था किसने और क्यों निर्माण की है? कैसे निर्माण की? वर्तमान विज्ञान इनकी जानकारी तो देता है। क्या का उत्तर तो देता है, लेकिन क्यों, किसने, कैसे आदि प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाता। इनके उत्तर केवल अध्यात्म शास्त्र ही देता है। भूगोल का अध्ययन अध्यात्म शास्त्र का महत्व ही अधोरेखित करता है।  
 
भूगोल के गहराई से अध्ययन में कई प्रश्न उभरते हैं। वटवृक्ष के छोटे से बीज में पूरा वटवृक्ष होता है। एक छोटे से फल में बीजरूप में सैंकड़ों वृक्ष होते हैं। मनुष्य अपनी विभिन्न क्षमताओं के विकास के उपरांत भी ऐसा कुछ नहीं कर पाता। क्यों? गुलाब का रंग गुलाबी क्यों है और किसने बनाया। गुलाब में महक किसने निर्माण की। करने वाला कौन है? मौसम की विविधता किसने निर्माण की? यह पर्यावरण के सन्तुलन  की व्यवस्था किसने और क्यों निर्माण की है? कैसे निर्माण की? वर्तमान विज्ञान इनकी जानकारी तो देता है। क्या का उत्तर तो देता है, लेकिन क्यों, किसने, कैसे आदि प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाता। इनके उत्तर केवल अध्यात्म शास्त्र ही देता है। भूगोल का अध्ययन अध्यात्म शास्त्र का महत्व ही अधोरेखित करता है।  

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