जंगल में एक कौआ था जो अपनी बदसूरती से परेशान था। एक दिन कौए ने जंगल में मोरों की बहुत सी पंख जमीन पर बिखरी पड़ी देखीं। वह अत्यंत प्रसन्न होकर कहने लगा- वाह भगवान! बड़ी कृपा की आपने, जो मेरी पुकार सुन ली। मैंं अभी इन पंखो से अच्छा खासा मोर बन जाता हूं। इसके बाद कौए ने मोरों की पंख अपनी पूंछ के आसपास लगा ली। फिर वह नया रूप देखकर बोला- अब तो मैंं मोरों से भी सुंदर हो गया हूं। अब उन्हीं के पास चलकर उनके साथ आनंद मनाता हूं। वह बड़े अभिमान से मोरों के सामने पहुंचा। उसे देखते ही मोरों ने जोर जोर से हँसना शुरू कर दिया। एक मोर ने कहा- जरा देखो इस दुष्ट कौए को। यह हमारी फेंकी हुई पंख लगाकर मोर बनने चला है। लगाओ बदमाश को चोंचों व पंजों से कस-कसकर। यह सुनते ही सभी मोर कौए पर टूट पड़े और मार-मारकर उसे अधमरा कर दिया। | जंगल में एक कौआ था जो अपनी बदसूरती से परेशान था। एक दिन कौए ने जंगल में मोरों की बहुत सी पंख जमीन पर बिखरी पड़ी देखीं। वह अत्यंत प्रसन्न होकर कहने लगा- वाह भगवान! बड़ी कृपा की आपने, जो मेरी पुकार सुन ली। मैंं अभी इन पंखो से अच्छा खासा मोर बन जाता हूं। इसके बाद कौए ने मोरों की पंख अपनी पूंछ के आसपास लगा ली। फिर वह नया रूप देखकर बोला- अब तो मैंं मोरों से भी सुंदर हो गया हूं। अब उन्हीं के पास चलकर उनके साथ आनंद मनाता हूं। वह बड़े अभिमान से मोरों के सामने पहुंचा। उसे देखते ही मोरों ने जोर जोर से हँसना शुरू कर दिया। एक मोर ने कहा- जरा देखो इस दुष्ट कौए को। यह हमारी फेंकी हुई पंख लगाकर मोर बनने चला है। लगाओ बदमाश को चोंचों व पंजों से कस-कसकर। यह सुनते ही सभी मोर कौए पर टूट पड़े और मार-मारकर उसे अधमरा कर दिया। |