मुझसे अपनी गलती का एहसाश हो चूका है मै कभी अपनी कला पर घमंड नही करूंगा और किसी का अपमान नही करूंगा |तेनालीरामा जादूगर से कहते है की आप को अपनी गलती का एहसाश हो गया मेरे लिए बहुत है| मै आप को क्षमा करता हूँ |महाराज तेनालीरामा के राष्ट्र प्रेम और बुद्धि कौशल पर बहुत प्रसन्न होते है और उपहार स्वरूप चार एकड़ जमीन देते है | | मुझसे अपनी गलती का एहसाश हो चूका है मै कभी अपनी कला पर घमंड नही करूंगा और किसी का अपमान नही करूंगा |तेनालीरामा जादूगर से कहते है की आप को अपनी गलती का एहसाश हो गया मेरे लिए बहुत है| मै आप को क्षमा करता हूँ |महाराज तेनालीरामा के राष्ट्र प्रेम और बुद्धि कौशल पर बहुत प्रसन्न होते है और उपहार स्वरूप चार एकड़ जमीन देते है | |