Changes

Jump to navigation Jump to search
m
no edit summary
Line 13: Line 13:     
मुझसे अपनी गलती का एहसाश हो चूका है मै कभी अपनी कला पर घमंड नही करूंगा और किसी का अपमान नही करूंगा |तेनालीरामा  जादूगर से कहते  है की आप को अपनी गलती का एहसाश हो गया मेरे लिए बहुत है| मै आप को क्षमा करता हूँ |महाराज तेनालीरामा के राष्ट्र प्रेम और बुद्धि कौशल पर बहुत प्रसन्न होते है और उपहार स्वरूप चार एकड़ जमीन देते है  |
 
मुझसे अपनी गलती का एहसाश हो चूका है मै कभी अपनी कला पर घमंड नही करूंगा और किसी का अपमान नही करूंगा |तेनालीरामा  जादूगर से कहते  है की आप को अपनी गलती का एहसाश हो गया मेरे लिए बहुत है| मै आप को क्षमा करता हूँ |महाराज तेनालीरामा के राष्ट्र प्रेम और बुद्धि कौशल पर बहुत प्रसन्न होते है और उपहार स्वरूप चार एकड़ जमीन देते है  |
 +
 +
[[Category:बाल कथाए एवं प्रेरक प्रसंग]]
1,192

edits

Navigation menu