थोड़ी देर बाद उसने साहूकार से कहा कि दोस्त मैं नदी में नहाने जा रहा हूं। तुम अपने बेटे को भी मेरे साथ भेज दो। वो भी मेरे साथ नहा आएगा। साहूकार पारसमल के व्यवहार से बहुत खुश था, इसलिए उसने पारसमल के साथ अपने बेटे को नहाने के लिए नदी पर भेज दिया। पारसमल ने साहूकार के बेटे को नदी से से कुछ दूर ले जाकर एक गुफा में बंद कर दिया। उसने गुफा के दरवाजे पर बड़ा-सा पत्थर रख दिया, जिससे साहूकार का बेटा बचकर भाग न पाए। साहूकार के बेटे को गुफा में बंद करके जीर्णधन वापस साहूकार के घर आ गया। उसे अकेला देखकर साहूकार ने पूछा कि मेरा बेटा कहां हैं। जीर्णधन बोला कि माफ करना दोस्त तुम्हारे बेटे को चील उठाकर ले गई है। | थोड़ी देर बाद उसने साहूकार से कहा कि दोस्त मैं नदी में नहाने जा रहा हूं। तुम अपने बेटे को भी मेरे साथ भेज दो। वो भी मेरे साथ नहा आएगा। साहूकार पारसमल के व्यवहार से बहुत खुश था, इसलिए उसने पारसमल के साथ अपने बेटे को नहाने के लिए नदी पर भेज दिया। पारसमल ने साहूकार के बेटे को नदी से से कुछ दूर ले जाकर एक गुफा में बंद कर दिया। उसने गुफा के दरवाजे पर बड़ा-सा पत्थर रख दिया, जिससे साहूकार का बेटा बचकर भाग न पाए। साहूकार के बेटे को गुफा में बंद करके जीर्णधन वापस साहूकार के घर आ गया। उसे अकेला देखकर साहूकार ने पूछा कि मेरा बेटा कहां हैं। जीर्णधन बोला कि माफ करना दोस्त तुम्हारे बेटे को चील उठाकर ले गई है। |