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| # संस्कृति - सम् (अच्छी या सबके लिए समान) और कृति (सर्वे भवन्तु सुखिन: से सुसंगत कृति) इन दो शब्दों से संस्कृति और संस्कार दोनों शब्द बने हैं । | | # संस्कृति - सम् (अच्छी या सबके लिए समान) और कृति (सर्वे भवन्तु सुखिन: से सुसंगत कृति) इन दो शब्दों से संस्कृति और संस्कार दोनों शब्द बने हैं । |
| # प्रकृति - जो स्वाभाविक (कर्मों के अच्छे फल की इच्छा) है | | | # प्रकृति - जो स्वाभाविक (कर्मों के अच्छे फल की इच्छा) है | |
− | # संस्कृति - नि:स्वार्थ भावना से लोगों के हित के कर्म | | + | # संस्कृति - नि:स्वार्थ भावना से लोगोंं के हित के कर्म | |
| # विकृति - दूसरे के किये कर्मों का अच्छा फल उसे नहीं मुझे मिले । | | # विकृति - दूसरे के किये कर्मों का अच्छा फल उसे नहीं मुझे मिले । |
| # संस्कार (संस्कृति का निकटतम शब्द) - भिन्न बातों का हमारे शरीर पर, मन पर, बुद्धि पर परिवर्तन करनेवाला जो प्रभाव पड़ता है | संस्कृति अच्छे/बुरे संस्कारों से बनती है | पितरों से स्वाभाविक | समाज की संस्कृति | १६ संस्कार कृत्रिम | | # संस्कार (संस्कृति का निकटतम शब्द) - भिन्न बातों का हमारे शरीर पर, मन पर, बुद्धि पर परिवर्तन करनेवाला जो प्रभाव पड़ता है | संस्कृति अच्छे/बुरे संस्कारों से बनती है | पितरों से स्वाभाविक | समाज की संस्कृति | १६ संस्कार कृत्रिम |
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| जिस गति से समाज का अंतिम व्यक्ति भी साथ चल सके, जिसमें धर्म तथा संस्कृति के पनपने के लिए वातावरण रहे | | | जिस गति से समाज का अंतिम व्यक्ति भी साथ चल सके, जिसमें धर्म तथा संस्कृति के पनपने के लिए वातावरण रहे | |
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− | भारतीय संस्कृति के वैश्विक विस्तार के कारण सभी राज्यों की जनता समान संस्कृति की थी | शरद हेबालकर “कृण्वन्तो विश्वमार्यम्” ग्रन्थ में यह चार तालिकाओं में लिखिते हैं ।
| + | धार्मिक संस्कृति के वैश्विक विस्तार के कारण सभी राज्यों की जनता समान संस्कृति की थी | शरद हेबालकर “कृण्वन्तो विश्वमार्यम्” ग्रन्थ में यह चार तालिकाओं में लिखिते हैं । |
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| हजार वर्ष पूर्व तक सीमाएँ ईरान से ब्राह्मदेश और हिमालय से समुद्रतक फैली हुई थीं । दीर्घ काल तक भारतवर्ष की भूमि के निरंतर घटने के (संख्या में भी घटे) इतिहास के कुछ तथ्य : | | हजार वर्ष पूर्व तक सीमाएँ ईरान से ब्राह्मदेश और हिमालय से समुद्रतक फैली हुई थीं । दीर्घ काल तक भारतवर्ष की भूमि के निरंतर घटने के (संख्या में भी घटे) इतिहास के कुछ तथ्य : |
− | # युधिष्ठिर द्वारा किये यज्ञ में मेहमान के रूप में बुलाने के लिये अर्जुन मेक्सिको के राजा तक गये । | + | # युधिष्ठिर द्वारा किये यज्ञ में अतिथि के रूप में बुलाने के लिये अर्जुन मेक्सिको के राजा तक गये । |
| # अरबस्तान में ईस्लामी सत्ता सन 632 में और 642 तक इस्लामी सत्ता अफगानिस्तान को पादाक्रांत कर हिंदुकुश तक थी । धर्मसत्ता और राजसत्ता बेखबर | | | # अरबस्तान में ईस्लामी सत्ता सन 632 में और 642 तक इस्लामी सत्ता अफगानिस्तान को पादाक्रांत कर हिंदुकुश तक थी । धर्मसत्ता और राजसत्ता बेखबर | |
− | # पारसी लोग ईस्लाम के आक्रमण से ध्वस्त होकर 637 से 641 के बीच भारत के शरण में आए | | + | # पारसी लोग ईस्लाम के आक्रमण से ध्वस्त होकर 637 से 641 के मध्य भारत के शरण में आए | |
− | # 743 मे ‘देवल स्मृति’ में धर्मांतरित लोगों को परावर्तित कर फिर से हिंदु बनाने का प्रावधान | जो मुसलमान बन गए उनको हिंदु मानना था या फिर उन्हें हिंदु बनाना था | | + | # 743 मे ‘देवल स्मृति’ में धर्मांतरित लोगोंं को परावर्तित कर फिर से हिंदु बनाने का प्रावधान | जो मुसलमान बन गए उनको हिंदु मानना था या फिर उन्हें हिंदु बनाना था | |
| अंग्रेजी शासन का भारत राष्ट्र की संस्कृति पर हुआ परिणाम कुछ इस प्रकार हैं : | | अंग्रेजी शासन का भारत राष्ट्र की संस्कृति पर हुआ परिणाम कुछ इस प्रकार हैं : |
| # गुलामी की मानसिकता | | | # गुलामी की मानसिकता | |
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| == शिक्षण व्यवस्था । == | | == शिक्षण व्यवस्था । == |
| # घर की व्यवस्था ऐसे की शास्त्र ग्रंथों का, देवा पूजा का, यज्ञ का नियमित सानिध्य हो । | | # घर की व्यवस्था ऐसे की शास्त्र ग्रंथों का, देवा पूजा का, यज्ञ का नियमित सानिध्य हो । |
− | # घर में हमेशा श्लोकों/मन्त्रों का पठन /श्रवण हो । | + | # घर में सदा श्लोकों/मन्त्रों का पठन /श्रवण हो । |
| # शुद्ध मातृभाषा का प्रयोग (जिससे भविष्य में अनुवाद का कार्य भी हो सके) । | | # शुद्ध मातृभाषा का प्रयोग (जिससे भविष्य में अनुवाद का कार्य भी हो सके) । |
| # दान दिलवाना/देना हो । | | # दान दिलवाना/देना हो । |
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| == रक्षण व्यवस्था । == | | == रक्षण व्यवस्था । == |
| # घर की व्यवस्था ऐसे की शस्त्रों का, राजर्षियों के चित्रों का नियमित सानिध्य रहे । | | # घर की व्यवस्था ऐसे की शस्त्रों का, राजर्षियों के चित्रों का नियमित सानिध्य रहे । |
− | # घर में हमेशा राजा सम्बंधित गीतों/नारों का पठन /श्रवण हो । | + | # घर में सदा राजा सम्बंधित गीतों/नारों का पठन /श्रवण हो । |
| # भय से मुक्ति के लिए चुनौतियों (challenging परिस्थितिओं ) का सामना/exposure । | | # भय से मुक्ति के लिए चुनौतियों (challenging परिस्थितिओं ) का सामना/exposure । |
| # विद्वानों एवं दुर्बल सज्जनों को दान देने का वातावरण हो । | | # विद्वानों एवं दुर्बल सज्जनों को दान देने का वातावरण हो । |
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| == पोषण व्यवस्था । == | | == पोषण व्यवस्था । == |
| # घर की व्यवस्था ऐसे की नैसर्गिक उत्पादनों का, कृषि एवं धेनु, प्रकृति का संतुलन बिगाड़े बिना उत्पादित वस्तुओं का नियमित सानिध्य । | | # घर की व्यवस्था ऐसे की नैसर्गिक उत्पादनों का, कृषि एवं धेनु, प्रकृति का संतुलन बिगाड़े बिना उत्पादित वस्तुओं का नियमित सानिध्य । |
− | # घर में हमेशा अन्न उत्पादन सम्बंधित विषयों की चर्चा/कार्य । | + | # घर में सदा अन्न उत्पादन सम्बंधित विषयों की चर्चा/कार्य । |
| # शुद्धजैविक खेती का प्रयोग । | | # शुद्धजैविक खेती का प्रयोग । |
| # दान देना । | | # दान देना । |
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| अन्त मे परमोच्य बिंदु | | | अन्त मे परमोच्य बिंदु | |
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− | पाने की प्रक्रिया क्या है : अधिजनन शास्त्र का अध्ययन (स्वाभाविक / कृत्रिम) जुडे हुए लोगों का मार्गदर्शन । | + | पाने की प्रक्रिया क्या है : अधिजनन शास्त्र का अध्ययन (स्वाभाविक / कृत्रिम) जुड़े हुए लोगोंं का मार्गदर्शन । |
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| संकल्प : विवेक के साथ । | | संकल्प : विवेक के साथ । |
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| # श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का अध्ययन करना | | | # श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का अध्ययन करना | |
| # कुरान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना | | | # कुरान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना | |
− | # भारतीयता, इस्लाम और इसाईयत को समझना | लोगों को समझाना | | + | # धार्मिकता, इस्लाम और इसाईयत को समझना | लोगोंं को समझाना | |
| # इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता ही इनकी विशेषता है, इसे समझना | इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना | | | # इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता ही इनकी विशेषता है, इसे समझना | इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना | |
| # नियुद्ध, दंड संचालन आदि में प्रवीणता प्राप्त करना | | | # नियुद्ध, दंड संचालन आदि में प्रवीणता प्राप्त करना | |
− | # भारतीयता के इस्लाम के, इसाईयत के, कम्युनिझम के अन्तरंग अध्ययन/अध्यापन की व्यवस्था करना | | + | # धार्मिकता के इस्लाम के, इसाईयत के, कम्युनिझम के अन्तरंग अध्ययन/अध्यापन की व्यवस्था करना | |
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| === रक्षण कार्य === | | === रक्षण कार्य === |
| # श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का दायित्व के दृष्टि से अध्ययन करना | | | # श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का दायित्व के दृष्टि से अध्ययन करना | |
| # कुरान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना | | | # कुरान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना | |
− | # भारतीयता, इस्लाम और इसाईयत को समझना | लोगों को समझाना । | + | # धार्मिकता, इस्लाम और इसाईयत को समझना | लोगोंं को समझाना । |
| # इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता ही इनकी विशेषता है, इसे समझना | इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना | | | # इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता ही इनकी विशेषता है, इसे समझना | इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना | |
| # नियुद्ध, दंड संचालन आदि में प्रवीणता प्राप्त करना | | | # नियुद्ध, दंड संचालन आदि में प्रवीणता प्राप्त करना | |
| # गोरक्षक दल, बजरंग दल आदि गतिविधियों से जुड़ना | | | # गोरक्षक दल, बजरंग दल आदि गतिविधियों से जुड़ना | |
− | # सेना, पुलिस, गुप्तचर विभाग में सेवाएँ देना | विपरीत विचार के लोगों/संगठनों में सेंध लगाना | | + | # सेना, पुलिस, गुप्तचर विभाग में सेवाएँ देना | विपरीत विचार के लोगोंं/संगठनों में सेंध लगाना | |
− | # भारतीयता की रक्षा की दृष्टी से धर्मान्तर/घरवापसी के क़ानून निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था आदि की आश्वस्ति के प्रयास करना | | + | # धार्मिकता की रक्षा की दृष्टी से धर्मान्तर/घरवापसी के क़ानून निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था आदि की आश्वस्ति के प्रयास करना | |
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| === पोषण कार्य === | | === पोषण कार्य === |
| # श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का अध्ययन करना | | | # श्रीमद्भगवद्गीता एवं गुह्यसूत्रों का अध्ययन करना | |
| # कुर्रान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना | | | # कुर्रान, हदीस, ओल्ड टेस्टामेंट, न्यू टेस्टामेंट (बायबल) का अध्ययन करना | |
− | # भारतीयता, इस्लाम और इसाईयत को समझना | लोगों को समझाना | | + | # धार्मिकता, इस्लाम और इसाईयत को समझना | लोगोंं को समझाना | |
| # इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता (श्रेष्ठ तत्व कैसे बनाये रखें) ही इनकी विशेषता है, इसे समझना | इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना | | | # इनकी श्रीमद्भगवद्गीता से भिन्नता (श्रेष्ठ तत्व कैसे बनाये रखें) ही इनकी विशेषता है, इसे समझना | इनकी विशेषता का योजनाबद्ध प्रचार प्रसार करना | |
| # नियुद्ध, दंड संचालन आदि में प्रवीणता प्राप्त करना | | | # नियुद्ध, दंड संचालन आदि में प्रवीणता प्राप्त करना | |