शिक्षा की धार्मिक (भारतीय) दृष्टि और वर्तमान अधार्मिक (अभारतीय) दृष्टि में आमूलाग्र अन्तर है। यह अन्तर जीवन दृष्टि के अन्तर के कारण है। जीवन के लक्ष्य की भिन्नता के कारण है।<ref>जीवन का भारतीय प्रतिमान-खंड २, अध्याय २८, लेखक - दिलीप केलकर</ref>
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शिक्षा की धार्मिक (भारतीय) दृष्टि और वर्तमान अधार्मिक (अधार्मिक) दृष्टि में आमूलाग्र अन्तर है। यह अन्तर जीवन दृष्टि के अन्तर के कारण है। जीवन के लक्ष्य की भिन्नता के कारण है।<ref>जीवन का भारतीय प्रतिमान-खंड २, अध्याय २८, लेखक - दिलीप केलकर</ref>