− | # एक मात्र मनुष्य को ही बुद्धि का वरदान मिला है<ref>प्रारम्भिक पाठ्यक्रम एवं आचार्य अभिभावक निर्देशिका, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखिका: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref>। जीवन-व्यवहार में बुद्धि का उपयोग हर प्रसंग पर पड़ता ही है। शिक्षा के द्वारा बुद्धि का विकास अपेक्षित है। बुद्धि के विकास के लिए गणित एक बहुत ही उपयोगी विषय है। | + | # एक मात्र मनुष्य को ही बुद्धि का वरदान मिला है<ref>प्रारम्भिक पाठ्यक्रम एवं आचार्य अभिभावक निर्देशिका :अध्याय ७, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखिका: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref>। जीवन-व्यवहार में बुद्धि का उपयोग हर प्रसंग पर पड़ता ही है। शिक्षा के द्वारा बुद्धि का विकास अपेक्षित है। बुद्धि के विकास के लिए गणित एक बहुत ही उपयोगी विषय है। |
| # बुद्धि के कई आयाम हैं। जैसे परीक्षण, निरीक्षण, संश्लेषण, वर्गीकरण, तर्क, अनुमान, तुलना, निर्णय, विवेक... इत्यादि। इनमें से संश्लेषण, विश्लेषण, क्रमिकता, तर्क, तुलना इत्यादि का विकास गणित के कारण होता है। जीवन के रहस्यों को समझने में इन सभी क्षमताओं का बहुत उपयोग है। | | # बुद्धि के कई आयाम हैं। जैसे परीक्षण, निरीक्षण, संश्लेषण, वर्गीकरण, तर्क, अनुमान, तुलना, निर्णय, विवेक... इत्यादि। इनमें से संश्लेषण, विश्लेषण, क्रमिकता, तर्क, तुलना इत्यादि का विकास गणित के कारण होता है। जीवन के रहस्यों को समझने में इन सभी क्षमताओं का बहुत उपयोग है। |
| # गणित से बुद्धि बढ़ती है एवं व्यवस्थित होती है। प्रत्यक्ष जीवन में व्यवस्थित बुद्धि का बहुत बड़ा लाभ है। अन्य विषयों को सीखने में भी यह व्यवस्थित बुद्धि उपयोगी होती है। इसलिए शिक्षा के प्रारंभ से ही गणित को मुख्य व महत्वपूर्ण विषय माना गया है। | | # गणित से बुद्धि बढ़ती है एवं व्यवस्थित होती है। प्रत्यक्ष जीवन में व्यवस्थित बुद्धि का बहुत बड़ा लाभ है। अन्य विषयों को सीखने में भी यह व्यवस्थित बुद्धि उपयोगी होती है। इसलिए शिक्षा के प्रारंभ से ही गणित को मुख्य व महत्वपूर्ण विषय माना गया है। |