भारत अपने लिये तो इस सामाजिक करार के सिद्धान्त का स्वीकार नहीं ही करेगा अपितु विश्वकल्याण की दृष्टि से भी उसको छोडना आवश्यक है यह समझाने का प्रयास करेगा। | भारत अपने लिये तो इस सामाजिक करार के सिद्धान्त का स्वीकार नहीं ही करेगा अपितु विश्वकल्याण की दृष्टि से भी उसको छोडना आवश्यक है यह समझाने का प्रयास करेगा। |