Changes

Jump to navigation Jump to search
Line 58: Line 58:  
बडे विद्यार्थियों की ही बात क्यों करें ? छोटे विद्यार्थी बेन्च और डेस्क पर कुछ लिखते हैं, पंखों के पंख मरोडते हैं, स्वीचों को तोडते हैं, दीवारों को गन्दा करते हैं, कूडा कहीं पर भी फैंकते हैं तब विद्यालय किसका होता है ?
 
बडे विद्यार्थियों की ही बात क्यों करें ? छोटे विद्यार्थी बेन्च और डेस्क पर कुछ लिखते हैं, पंखों के पंख मरोडते हैं, स्वीचों को तोडते हैं, दीवारों को गन्दा करते हैं, कूडा कहीं पर भी फैंकते हैं तब विद्यालय किसका होता है ?
   −
............. page-202 .............
+
विद्यालय के भवन को यदि आग लग जाय तो किसकी क्या प्रतिक्रिया होगी ?
   −
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
+
विद्यार्थी का कोई नुकसान नहीं होता, उन्हें दुःख नहीं होता, न वे नुकसान भरपाई के लिये कुछ भी करते हैं।
   −
विद्यालय के भवन को यदि आग. से, विद्यालय की व्यवस्था से, विद्यालय की रीतिनीति से
+
शिक्षकों को कोई दुःख नहीं होगा । उल्टे दो तीन दिन की छुट्टी होने की खुशी ही होगी।
   −
लग जाय तो किसकी क्या प्रतिक्रिया होगी ? उसका सम्बन्ध समाप्त हो जाता है । परीक्षा में उत्तीर्ण होने के
+
संचालकों का क्या होगा ? यदि भवन की मालिकी किसी एक व्यक्ति की है तो उसे चिन्ता होगी, यदि ट्रस्ट की है तो भागदौड की परेशानी होगी अन्यथा कोई दुःख नहीं होगा क्योंकि वह समाज के पैसे से बना है इसलिये समाज का नुकसान होगा।
 +
 
 +
सरकार को तो दुःख होने का प्रश्न ही नहीं है क्योंकि सरकार किसी व्यक्ति की नहीं बनती, वह एक व्यवस्था है, एक तन्त्र है व्यवस्था में भावना नहीं होती।
 +
 
 +
यह तो विद्यालय के भवन की बात हुई। यह तो केवल भौतिक पदार्थ है।
 +
 
 +
परन्तु विद्यालय में किसी विद्यार्थी ने किसी लडकी पर बलात्कार किया, या विद्यालय के विद्यार्थी परीक्षा में नकल करते पकडे गये या विद्यालय के शिक्षक परीक्षा में भ्रष्टाचार करते पकडे गये तो विद्यार्थी, शिक्षक, संचालक और सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी ?
 +
 
 +
या विद्यालय में अच्छी पढाई नहीं होती ऐसा बोला जाता है तब किसकी क्या प्रतिक्रिया होती है ?
 +
 
 +
सरकारी विद्यालयों के व्यवस्थातन्त्र के बारे में, शिक्षकों के बारे में खूब आलोचना होती है तब सरकार और शिक्षकों की क्या प्रतिक्रिया होती है ?
 +
 
 +
देखा यह जाता है कि इन चारों में से किसी भी वर्ग का _ विद्यालय के साथ कोई भावनात्मक सम्बन्ध नहीं होता । सबका अपने अपने स्वार्थ से प्रेरित सम्बन्ध होता है और अपने स्वार्थ की पूर्ति होने पर समाप्त हो जाता है।
 +
 
 +
विद्यार्थी अपनी पढाई हेतु विद्यालय से जुडा है, विद्यालय के भवन से, व्यवस्थातन्त्र से, नीतिनियमों से उसका कोई लेना देना नहीं है । पढाई के कार्य में भी प्रत्यक्ष ज्ञान से कोई सम्बन्ध नहीं, परीक्षा के परिणाम के साथ ही सम्बन्ध है । इसलिये परीक्षा समाप्त होते ही अध्ययन से, अध्यापकों से, विद्यालय की व्यवस्था से, विद्यालय की रीतिनीति से उसका सम्बन्ध समाप्त हो जाता है । परीक्षा में उत्तीर्ण होने के अलावा उसे और कुछ नहीं करना है । इसलिये विद्यालय के भवन को आग लगे, या शिक्षकों पर कोई आरोप लगे या विद्यालय की प्रतिष्ठा दांव पर लगे उसका कोई नुकसान नहीं होता । यह हकीकत बताती है कि विद्यालय विद्यार्थियों का तो नहीं है । वे विद्यालयके लिये कुछ भी नहीं करेंगे ।
 +
 
 +
शिक्षकों का भाव कैसा है ?हम सरकार के अथवा संचालकों के विद्यालय में नौकरी करते हैं । वेतन के बदले में पढाना हमारा काम है । पढाने के सम्बन्ध में जो नियम कानून हैं उनको हम मानेंगे, उनका पालन करेंगे । पढाने के सम्बन्ध में हमारे जो अधिकार हैं वे माँगेंगे । विद्यालय का समय पूरा हुआ हमारा काम भी पूरा हुआ । शेष समय हमारा है । उस शेष समय में विद्यालय का विचार करने की हमारी जिम्मेदारी नहीं।
 +
 
 +
संचालक कहते हैं कि विद्यालय के भवन की मालिकी हमारी है, हमने शिक्षकों को नियुक्त किया है, हमने विद्यर्थियों को प्रवेश दिया है इसलिये हमारा अधिकार है परन्तु पढाने का काम हमारा नहीं है, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है। अध्ययन विषयक, विद्यार्थियों के चरित्र विषयक कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी शिक्षकों और अभिभावकों की है । हम उनके विरुद्ध कार्यवाही करेंगे, उन्हें दण्ड देंगे।
 +
 
 +
परन्तु इससे आगे बात नहीं बढती ।
 +
 
 +
सरकार की तो कोई भूमिका बनती ही नहीं है ।
 +
 
 +
शिक्षा संस्थाओं को लेकर चित्र आज ऐसा है। विद्यालय के भवन की मालिकी संचालकों की इसलिये उनका मालिकयत का सम्बन्ध, सरकार का नियन्त्रक के नाते सम्बन्ध. शिक्षकों का अपने वेतन का सम्बन्ध और विद्यार्थियों का अपनी परीक्षा से सम्बन्ध । इसमें विद्या कहाँ है ? विद्या की प्रतिष्ठा कहाँ है ? विद्या की साधना का तो प्रश्न ही नहीं है । ज्ञानसाधना का मिशन होने की सम्भावना ही नहीं है।
 +
 
 +
देश में अनेक विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय हैं जहाँ अध्ययन - अध्यापन अच्छा होता है और
 +
 
 +
विद्यालय के भवन को यदि आग. से, विद्यालय की व्यवस्था से, विद्यालय की रीतिनीति से लग जाय तो किसकी क्या प्रतिक्रिया होगी ? उसका सम्बन्ध समाप्त हो जाता है । परीक्षा में उत्तीर्ण होने के
    
विद्यार्थी का कोई नुकसान नहीं होता, उन्हें दुःख नहीं... अलावा उसे और कुछ नहीं करना है । इसलिये विद्यालय के
 
विद्यार्थी का कोई नुकसान नहीं होता, उन्हें दुःख नहीं... अलावा उसे और कुछ नहीं करना है । इसलिये विद्यालय के
1,815

edits

Navigation menu