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| ===== विद्यालय में भोजन व्यवस्था ===== | | ===== विद्यालय में भोजन व्यवस्था ===== |
| विद्यालय में विद्यार्थी घर से भोजन लेकर आते हैं। इस सम्बन्ध में इतनी बातों की ओर ध्यान देना चाहिये... | | विद्यालय में विद्यार्थी घर से भोजन लेकर आते हैं। इस सम्बन्ध में इतनी बातों की ओर ध्यान देना चाहिये... |
− | | + | # प्लास्टीक के डिब्बे में या थैली में खाना और प्लास्टीक की बोतल में पानी का निषेध होना चाहिये । इस सम्बन्ध में आग्रहपूर्वक प्रशिक्षण भी होना चाहिये। इस सम्बन्ध में आग्रहपूर्वक प्रशिक्षण भी होना चाहिये। |
− | 1. प्लास्टीक के डिब्बे में या थैली में खाना और प्लास्टीक की बोतल में पानी का निषेध होना चाहिये । इस सम्बन्ध में आग्रहपूर्वक प्रशिक्षण भी होना चाहिये। इस सम्बन्ध में आग्रहपूर्वक प्रशिक्षण भी होना चाहिये।
| + | # प्लास्टीक के साथ साथ एल्यूमिनियम के पात्र भी वर्जित होने चाहिये। |
− | | + | # विद्यार्थियों को घर से पानी न लाना पडे ऐसी व्यवस्था विद्यालय में करनी चाहिये । |
− | 2.प्लास्टीक के साथ साथ एल्यूमिनियम के पात्र भी वर्जित होने चाहिये।
| + | # बजार की खाद्यसामग्री लाना मना होना चाहिये । यह तामसी आहार है। |
− | | + | # इसी प्रकार भले घर में बना हो तब भी बासी भोजन नहीं लाना चाहिये । जिसमें पानी है ऐसा दाल, चावल, रसदार सब्जी बनने के बाद चार घण्टे में बासी हो जाती है। विद्यालय में भोजन का समय और घर में भोजन बनने का समय देखकर कैसा भोजन साथ लायें यह निश्चित करना चाहिये । |
− | ३. विद्यार्थियों को घर से पानी न लाना पडे ऐसी व्यवस्था विद्यालय में करनी चाहिये ।
| + | # विद्यार्थी और अध्यापक दोनों ही ज्ञान के उपासक ही हैं। अतः दोनों का आहार सात्त्विक ही होना चाहिये । |
− | | + | # भोजन के साथ संस्कार भी जुडे हैं । इसलिये इन बातों का ध्यान करना चाहिये... |
− | ४. बजार की खाद्यसामग्री लाना मना होना चाहिये । यह
| + | * प्रार्थना करके ही भोजन करना चाहिये । |
− | | + | * पंक्ति में बैठकर भोजन करना चाहिये । |
− | तामसी आहार है। | + | * बैठकर ही भोजन करना चाहिये । |
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− | ५. इसी प्रकार भले घर में बना हो तब भी बासी भोजन नहीं लाना चाहिये । जिसमें पानी है ऐसा दाल, चावल, रसदार सब्जी बनने के बाद चार घण्टे में बासी हो जाती है। विद्यालय में भोजन का समय और घर में भोजन बनने का समय देखकर कैसा भोजन साथ लायें यह निश्चित करना चाहिये ।
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− | ६. विद्यार्थी और अध्यापक दोनों ही ज्ञान के उपासक ही हैं। अतः दोनों का आहार सात्त्विक ही होना चाहिये ।
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− | ७. भोजन के साथ संस्कार भी जुडे हैं । इसलिये इन बातों का ध्यान करना चाहिये...
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− | • प्रार्थना करके ही भोजन करना चाहिये ।
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− | • पंक्ति में बैठकर भोजन करना चाहिये ।
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− | • बैठकर ही भोजन करना चाहिये ।
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| कई आवासीय विद्यालयों में, महाविद्यालयों में, शोध संस्थानों में, घरों में कुर्सी टेबलपर बैठकर ही भोजन करने का प्रचलन है। यह पद्धति व्यापक बन गई है । परन्तु यह पद्धति स्वास्थ्य के लिये सही नहीं है। इस पद्धति को बदलने का प्रारम्भ विद्यालय में होना चाहिये । विद्यालय से यह पद्धति घर तक पहुँचनी चाहिये ।। | | कई आवासीय विद्यालयों में, महाविद्यालयों में, शोध संस्थानों में, घरों में कुर्सी टेबलपर बैठकर ही भोजन करने का प्रचलन है। यह पद्धति व्यापक बन गई है । परन्तु यह पद्धति स्वास्थ्य के लिये सही नहीं है। इस पद्धति को बदलने का प्रारम्भ विद्यालय में होना चाहिये । विद्यालय से यह पद्धति घर तक पहुँचनी चाहिये ।। |
− | | + | * भोजन प्रारम्भ करने से पूर्व गोग्रास तथा पक्षियों, चींटियों आदि के लिये हिस्सा निकालना चाहिये । |
− | • भोजन प्रारम्भ करने से पूर्व गोग्रास तथा पक्षियों, चींटियों आदि के लिये हिस्सा निकालना चाहिये ।
| + | * नीचे आसन बिछाकर ही बैठना चाहिये । |
− | | + | * सुखासन में ही बैठना चाहिये । |
− | नीचे आसन बिछाकर ही बैठना चाहिये । | + | * पात्र में जितना भोजन है उतना पूरा खाना चाहिये । जूठा छोडना नहीं चाहिये । इस दृष्टि से उचित मात्रा में ही भोजन लाना चाहिये । भोजन के बाद हाथ धोकर पोंछने के लिये कपडा साथ में लाना ही चाहिये । |
− | | + | * भोजन के बाद हाथ धोकर पोंछने के लिये कपडा साथ में लाना ही चाहिये । |
− | सुखासन में ही बैठना चाहिये । | + | * विद्यालय में भोजन करने का स्थान सुनिश्चित होना चाहिये। |
− | | + | * विद्यार्थियों को भोजन करने के साथ साथ भोजन बनाने की ओर परोसने की शिक्षा भी दी जानी चाहिये । इस दृष्टि से सभी स्तरों पर सभी कक्षाओं में आहारशास्त्र पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिये । |
− | पात्र में जितना भोजन है उतना पूरा खाना चाहिये । जूठा छोडना नहीं चाहिये । इस दृष्टि से उचित मात्रा में ही भोजन लाना चाहिये । भोजन के बाद हाथ धोकर पोंछने के लिये कपडा साथ में लाना ही चाहिये । | + | * आवासीय विद्यालयों में भोजन बनाने की विधिवत् शिक्षा देने का प्रबन्ध होना चाहिये । भोजन सामग्री की परख, खरीदी, सफाई. मेन बनाना. पाकक्रिया. परोसना, भोजन पूर्व की तथा बाद की सफाई का शास्त्रीय तथा व्यावहारिक ज्ञान विद्यार्थियों को मिलना चाहिये । सामान्य विद्यालयों में भी यह ज्ञान देना तो चाहिये ही परन्तु वह विद्यालय और घर दोनों स्थानों पर विभाजित होगा। विद्यालय के निर्देश के अनुसार अथवा विद्यालय में प्राप्त शिक्षा के अनुसार विद्यार्थी |
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− | भोजन के बाद हाथ धोकर पोंछने के लिये कपडा साथ में लाना ही चाहिये । | |
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− | विद्यालय में भोजन करने का स्थान सुनिश्चित होना चाहिये। | |
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− | विद्यार्थियों को भोजन करने के साथ साथ भोजन बनाने की ओर परोसने की शिक्षा भी दी जानी चाहिये । इस दृष्टि से सभी स्तरों पर सभी कक्षाओं में आहारशास्त्र पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिये । | |
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− | आवासीय विद्यालयों में भोजन बनाने की विधिवत् शिक्षा देने का प्रबन्ध होना चाहिये । भोजन सामग्री की परख, खरीदी, सफाई. मेन बनाना. पाकक्रिया. परोसना, भोजन पूर्व की तथा बाद की सफाई का शास्त्रीय तथा व्यावहारिक ज्ञान विद्यार्थियों को मिलना चाहिये । सामान्य विद्यालयों में भी यह ज्ञान देना तो चाहिये ही परन्तु वह विद्यालय और घर दोनों स्थानों पर विभाजित होगा। विद्यालय के निर्देश के अनुसार अथवा विद्यालय में प्राप्त शिक्षा के अनुसार विद्यार्थी | |
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| मोटे तौर पर जिसमें चिकनाई अधिक है उसे स्निग्ध | | मोटे तौर पर जिसमें चिकनाई अधिक है उसे स्निग्ध |
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