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| मृत्युज्जया सर्वेश्वराय सदाशिवाय श्रीमन्महादेवाय नम: ॥ | | मृत्युज्जया सर्वेश्वराय सदाशिवाय श्रीमन्महादेवाय नम: ॥ |
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− | ॐ हां च॑ में मयंश्व में प्रिय॑ च॑ मेडनुकामश्रे मे का्मश्व मे | + | ॐ शं च मे मयश्च मे प्रियं च मेऽनुकामश्च मे कामश्च मे |
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− | सौमनसभ् में मद्रं च॑ में श्रेयंश्व मे वस्यंश्व में यशंश्व में भरगंश्व में
| + | सौमनसश्च मे मद्रं च मे श्रेयश्च मे वस्यश्च मे यशश्च मे भगश्च मे |
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− | after च मे यन्ता च॑ में घ॒र्ता चं में क्षेमंश्र में घृिश्व मे विश्व च
| + | द्रविणं च मे यन्ता च मे धर्ता च मे क्षेमश्र मे धृतिश्च मे विश्वं च |
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− | मे महंश्व मे संविच॑ मे ज्ञात्र॑ च मे सूश्व॑ मे प्रसुश मे aa | + | मे महश्च मे संविश्च मे ज्ञात्रं च मे सूश्च मे प्रसुश्च मे सीरं च मे लयश्च म ऋतं च मेऽमृतं च मेऽयक्ष्मं च मेऽनामयच्च मे जीवातुश्च |
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− | ठयश्वं म ऋतं चं॑ मेउमर्ते च मेडयक्ष्म॑ च मेडनांमयज्न मे जीवातुंश्व
| + | मे दीर्घायुत्वं च मेऽनमित्रं च मेऽभयं च मे सुगं च मे शयनं च मे सूषा च मे सू दिनं च मे ॥ सदाशिवोम् ॥ |
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− | में दीर्घायुत्व॑ च॑ मेडनमित्रं च मे5मंयं च में सुगं च॑ में शर्यनं च में
| + | ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥ |
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− | Ts a get च मे ॥ सदाशिवोम् ॥
| + | ॐ असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर्माऽमृतं गमय ॥ |
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− | ॐ शान्ति: शान्ति: शान्तिं: ॥
| + | यो वेदादौ स्वर: प्रोक्तो वेदान्ते च प्रतिष्ठित: । तस्य प्रकृतिलीनस्य यः परस्स महेश्वर: ॥ |
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− | ॐ असतो मा सद्टमय । तमसो मा. ज्योतिर्गमय ।
| + | सदाशिवोम् ॥ |
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− | मृत्योर्माउमृतं गमय ॥
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− | यो वेदादौ स्वर: प्रोक्तो वेदान्तें च प्रतिष्ठित: । तस्य॑ प्रकृति -
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− | लीनस्य यः परंस्स महेश्वर: ॥ सदाशिवोम् ॥
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| ॐ शान्ति: शान्ति: शान्तिं: ॥ | | ॐ शान्ति: शान्ति: शान्तिं: ॥ |