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| {{One source|date=November 2019}} | | {{One source|date=November 2019}} |
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− | == ॥ प्रार्थना ॥ == | + | == ॥ प्रार्थना ॥ (Prarthana) == |
− | ॐ गणानां त्वा हवामहे कर्विं कंवीना-मुंपमश्र॑वस्तमम्<ref>परिष्कर्ता स्वामी देवरूपानन्द:, रामकृष्ण मठ, खार, मुम्बई, Published By : The President, Ramakrishna Math, Khar, Mumbai - 400 052, Third Edition : January 23, 2007</ref> । | + | <big>ॐ गणानां त्वा गणपतिगम् हवामहे कर्विं कवीनामुपमश्र॑वस्तमम्<ref>परिष्कर्ता स्वामी देवरूपानन्द:, रामकृष्ण मठ, खार, मुम्बई, Published By : The President, Ramakrishna Math, Khar, Mumbai - 400 052, Third Edition : January 23, 2007</ref> ।</big> |
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− | ज्येष्ठराज॑ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पत आ नं:शुण्वनुतिमिंस्सीद साद॑नम् ॥
| + | <big>ज्येष्ठराजं ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पत आ न: शृण्वन्नूतिभिस्सीद साद॑नम् ॥</big> |
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− | ॐ हंस हुसाय॑ विदाहें परमहंसाय॑ घीमहि । तन्नों हंस:प्रचोदयात् | + | <big>ॐ हंस हुसाय विद्महें परमहंसाय॑ घीमहि । तन्नो हंस: प्रचोदयात् ॥</big> |
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− | ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतये | + | <big>ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतयेऽम्बिकापतय उमापतये पशुपतये नमो नमः ॥</big> |
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− | इम्बिकापतय उमापतये पशुपतयें नमो नमः ॥
| + | <big>ऋतगम् स॒त्यं पर ब्रह्म पुरुषं कृष्णपिङ्गलम् । ऊर्ध्वरेतं विरूपाक्षं विश्वरूपाय वै नमो नम: ॥</big> |
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− | ऋतगूं स॒त्यं पर ब्रह्म पुरुष कृष्णपिजंलम् । ऊर्ध्वरेंतं
| + | <big>ईशान-स्सर्व-विद्याना-मीश्वर-स्सर्व-भूतानां ब्रह्माऽघिपति-र्ब्रह्मणोऽघिपति-र्ब्रह्मा शिवोमे अस्तु सदाशिवोम् ॥</big> |
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− | विंरूपाक्षं विश्वरूपाय वै नमो नम: ॥ ईशान-स्सर्व-विद्याना-
| + | <big>ॐ भू-र्भूव-स्सूवः ॥ॐ नमः शम्भवे च मयोभवे च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च ॥</big> |
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− | मीश्वर-रसर्व-भूतानां ब्रह्माउचघिंपति-ब्रह्मणो5घिंपति-ब्रह्मां शिवो
| + | <big>ॐ निधनपतये नमः । निधनपतान्तिकाय नमः । ऊध्वार्य नम: । ऊर्घ्वलिङ्गाय नमः । हिरण्याय नमः । हिरण्यलिङ्गाय नमः ।</big> |
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− | में अस्तु सदाशिवोम् ॥
| + | <big>सुवर्णाय नमः । सुवर्णलिङ्गाय नमः । दिव्याय नम: । दिव्यलिङ्गाय नमः । भवाय नमः । भवलिङ्गाय नमः । शर्वाय नमः ।</big> |
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− | So yaaa: | de aH: THT Taya TH:
| + | <big>शर्वलिङ्गाय नमः । शिवाय नमः । शिवालिङ्गाय नमः । ज्वलाय नमः । ज्वललिङ्गाय नमः । आत्माय नमः । आत्मलिङ्गाय नमः ।</big> |
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− | ठांकराय॑ च मयस्कराय॑ च नमः दिवाय॑ च ras च ॥
| + | <big>परमाय नमः । परलिङ्गाय नमः । एतत्सोमस्य सूर्यस्य सर्वलिङ्गाय स्थापयति पाणिमन्त्रं पवित्रम् ॥</big> |
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− | ॐ निधनपतये नमः । निर्धनपतान्तिकाय नमः । ऊर्घ्वयि
| + | <big>सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।</big> |
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− | नम: । ऊर्घ्वलिड्राय नमः । हिरण्याय नमः । हिरण्यलिज्ाय नमः । | + | <big>भवे भवे नातिंभवे भवस्वमाम् । भवोदभ्वाय वै नमो नम: ॥ वामदेवाय नमो ज्येष्ठाय</big> |
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− | सुवर्णाय नमः । सुवर्णलिड्ाय नमः । दिव्याय नम: । दिव्यलिड़य
| + | <big>नम-श्श्रेष्ठाय नमो रुद्राय नमः कालाय नमः कलविकरणाय नमो</big> |
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− | नमः । भवाय नमः । भवलिक्ाय नमः । दर्वाय नमः । दार्वलिक्ाय
| + | <big>बलविकरणाय नमो बलाय नमो बलप्रमथनाय नम-स्सर्व-भूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नम: ॥</big> |
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− | नमः । शिवाय नमः । दिवलिक्ाय नमः । ज्वलाय नमः ।
| + | <big>अघोरेम्योऽथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेम्य: । सर्वेम्य-स्सर्वशार्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेम्य: ॥</big> |
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− | SHOOT नमः । आत्माय नमः । आत्मलिड्ाय नमः । परमाय
| + | <big>सर्वो वै रुद्र-स्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु | पुरुषो वै रुद्र-स्सन्महो नमो नमः । विश्वं भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायमानं च यत् ।</big> |
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− | ............. page-19 .............
| + | <big>सर्वो ह्येष रुद्र-स्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥</big> |
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− | 2 qaqa,
| + | <big>कद्रुद्राय प्रचेतसे मीढु्ष्टमाय तव्यसे | वो चेम शन्तमगं ह्रदे |</big> |
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− | नमः । परमठिज़ाय नमः । एतत्सोमस्य॑ सूर्यस्य सर्वजिद्नग्गू
| + | <big>सर्वो ह्येष रुद्र-स्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥</big> |
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− | स्थापयति पाणिमर्नन््त्र पवित्रम् ॥
| + | <big>त्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्ध॑नान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥</big> |
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− | waht Wey सद्योजाताय वै नमो TH: | WT AT
| + | <big>ये ते सहस्रमयुतं पाशा मृत्यो मर्त्यीय हन्तवे । तान् यज्ञस्य</big> |
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− | नातिं भवे भवस्वमाम् । भवोद्धवाय नम॑ः ॥ वामदेवाय नमों ज्येष्ठाय
| + | <big>मायया सर्वा-नवयजामहे ॥ मृत्यवे स्वाहा मृत्यवे स्वाहा ।</big> |
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− | नम॑-इश्रेष्ठाय नमों रुद्राय नमः कालाय नमः कर्टविकरणाय नमो
| + | <big>ॐ नमो भगवते रुद्राय विष्णवे मृत्युर्मे पाहि ॥</big> |
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− | बर्टविकरणाय नमो बलांय नमो बलंप्रमथनाय नम-स्सर्व-
| + | <big>ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ॥</big> |
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− | भूतदमनाय नमों मनोन्म॑नाय नम: ॥
| + | <big>ॐ नमस्ते अस्तु भगवन्विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यम्बकाय</big> |
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− | अघोरेम्योध्थ घोरेंभ्यो घोरघोरतरेम्य: । सर्वे म्य-स्सर्वशार्वे यो
| + | <big>त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्रिकालाय कालाग्रिरुद्राय नीलकण्ठाय</big> |
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− | नमंस्ते अस्तु रुद्ररूपेम्य: ॥
| + | <big>मृत्युज्जया सर्वेश्वराय सदाशिवाय श्रीमन्महादेवाय नम: ॥</big> |
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− | सर्वो वै रुद्र-स्तस्मैं रुद्राय THY ST | पुर्रषो वै रुद्र-स्सन्महों
| + | <big>ॐ शं च मे मयश्च मे प्रियं च मेऽनुकामश्च मे कामश्च मे सौमनसश्च मे मद्रं च मे श्रेयश्च मे वस्यश्च मे यशश्च मे भगश्च मे</big> |
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− | नमो नमः । विश्व भूत Yat fet agar at जायं॑मानें च यत् ।
| + | <big>द्रविणं च मे यन्ता च मे धर्ता च मे क्षेमश्र मे धृतिश्च मे विश्वं च मे महश्च मे संविश्च मे ज्ञात्रं च मे सूश्च मे प्रसुश्च मे</big> |
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− | सर्वो हॉष रुद्र-स्तस्मैं रुद्राय नमों अस्तु ॥
| + | <big>सीरं च मे लयश्च म ऋतं च मेऽमृतं च मेऽयक्ष्मं च मेऽनामयच्च मे जीवातुश्च</big> |
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− | कद्रुद्राय प्रचें तसे मीढु्टंमाय त्यंसे | at IH TAHT Ee |
| + | <big>मे दीर्घायुत्वं च मेऽनमित्रं च मेऽभयं च मे सुगं च मे शयनं च मे सूषा च मे सू दिनं च मे ॥ सदाशिवोम् ॥</big> |
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− | सर्वो-हॉष रुद्र-स्तस्मैं रुद्राय नमों अस्तु ॥
| + | <big>ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥</big> |
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− | त्यंम्बक॑ यजामहे सुगन्धिं पुंष्टिवर्धनम् । उवरठ्किमिव
| + | <big>ॐ असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर्माऽमृतं गमय ॥</big> |
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− | बन्ध॑नान्मृत्योर्मुक्षीय माइमृर्ता त् ॥
| + | <big>यो वेदादौ स्वर: प्रोक्तो वेदान्ते च प्रतिष्ठित: । तस्य प्रकृतिलीनस्य यः परस्स महेश्वर: ॥</big> |
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− | ये तें सहस्रंमयुतं पाशा मृत्यो मर्त्यीय हन्त॑वे । तान् यज्ञस्य॑
| + | <big>सदाशिवोम् ॥</big> |
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− | मायया सर्वा-नवं॑यजामहे ॥ मृत्यवे स्वाहां मृत्यवे TT ।
| + | <big>ॐ शान्ति: शान्ति: शान्तिं: ॥</big> |
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− | ॐ ० नमो भगवते रुद्राय विष्णवे मृत्युंमें पाहि ॥
| + | == ॥श्रीगुरुवन्दनम् ॥ (Shreeguruvandanam) == |
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− | ge तत्पुरुषाय विदाहें महादेवाय॑ धीमहि । तन्नों a:
| + | <big>यो देवाना प्रथमं पुरस्ताद्विश्वाधियो रुद्रो महरषि: । हिरण्यगर्भं पश्यत जायमानग्ं सनो देव-श्शुभया स्मृत्या संयुनक्तु । यस्मात्परं नापरमस्ति किंचि-द्यस्मान्नाणीयो न ज्यायो</big>ऽ<big>स्ति कश्चित् ।वृक्ष</big> इ<big>व स्तब्धो दिवि तिष्ठ-त्येकस्तेनेदं पूर्णं पुरुषेण सर्वम् । न कर्मणा न प्रजया धनेन त्यागेनैके अमृतत्व-मानशु: । परेण नाकं</big> <big>निहितं गुहायां विभ्राजदेतद्यतयो विशन्ति । वेदान्तविज्ञान-सुनिश्चितार्था-स्संन्यास योगाद्यतयश्शुद्धसत्त्वा: । ते ब्रह्मलोकेतु परान्तकाले परामृतात्परिमुच्यन्ति सर्वे</big> । दह्नं विपापं <big>परमे</big>ऽश्मभूतं <big>यत्पुण्डरी</big>कं <big>पुरमध्यसग्ग्स्थम् । तत्रापि दह्नं गगनं विशोक-स्तस्मिन् यद॒न्तस्त-दुपासितव्यम् । यो वेदादी स्वरः प्रोक्तो वेदान्ते च प्रतिष्ठित: । तस्य प्रकृति -लीनस्य य: पर॑स्स महेश्वरः ॥</big> |
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− | प्रचोदयाँत् ॥
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− | ॐ नमस्ते अस्तु भगवन्विश्वेश्वराय॑ महादेवाय॑ श्रयम्बकाय॑
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− | त्रिपुरान्तकायंत्रिकाग्िकालाय॑ कालाग्रिरुद्राय॑ नीलकण्ठाय॑
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− | मृत्युअ्याय॑ सर्वेश्वराय॑ सदाशिवाय॑ श्रीमन्महादेवाय नम: ॥
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− | ॐ हां च॑ में मयंश्व में प्रिय॑ च॑ मेडनुकामश्रे मे का्मश्व मे
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− | सौमनसभ् में मद्रं च॑ में श्रेयंश्व मे वस्यंश्व में यशंश्व में भरगंश्व में
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− | after च मे यन्ता च॑ में घ॒र्ता चं में क्षेमंश्र में घृिश्व मे विश्व च
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− | मे महंश्व मे संविच॑ मे ज्ञात्र॑ च मे सूश्व॑ मे प्रसुश मे aa
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− | ठयश्वं म ऋतं चं॑ मेउमर्ते च मेडयक्ष्म॑ च मेडनांमयज्न मे जीवातुंश्व
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− | में दीर्घायुत्व॑ च॑ मेडनमित्रं च मे5मंयं च में सुगं च॑ में शर्यनं च में
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− | Ts a get च मे ॥ सदाशिवोम् ॥
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− | ॐ शान्ति: शान्ति: शान्तिं: ॥
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− | ॐ असतो मा सद्टमय । तमसो मा. ज्योतिर्गमय ।
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− | मृत्योर्माउमृतं गमय ॥
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− | यो वेदादौ स्वर: प्रोक्तो वेदान्तें च प्रतिष्ठित: । तस्य॑ प्रकृति - | |
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− | लीनस्य यः परंस्स महेश्वर: ॥ सदाशिवोम् ॥ | |
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− | ॐ शान्ति: शान्ति: शान्तिं: ॥
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| ==References== | | ==References== |
| <references /> | | <references /> |