− | ॐ गणानां त्वा गणपंतिगूं हवामहे कर्विं कंवीना-मुंपमश्र॑वस्तमम्<ref>परिष्कर्ता स्वामी देवरूपानन्द:, रामकृष्ण मठ, खार, मुम्बई, Published By : The President, Ramakrishna Math, Khar, Mumbai - 400 052, Third Edition : January 23, 2007</ref> । | + | ॐ गणानां त्वा हवामहे कर्विं कंवीना-मुंपमश्र॑वस्तमम्<ref>परिष्कर्ता स्वामी देवरूपानन्द:, रामकृष्ण मठ, खार, मुम्बई, Published By : The President, Ramakrishna Math, Khar, Mumbai - 400 052, Third Edition : January 23, 2007</ref> । |