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* ऐसी ही अन्य रचनाएँ आचार्य अपनी कल्पनाशक्ति से रच सकते हैं।
 
* ऐसी ही अन्य रचनाएँ आचार्य अपनी कल्पनाशक्ति से रच सकते हैं।
 
* यह सब करने के लिए वातावरण मुक्त एवं उल्लासपूर्ण होना चाहिए।
 
* यह सब करने के लिए वातावरण मुक्त एवं उल्लासपूर्ण होना चाहिए।
वाद्यों का वादन
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<li> वाद्यों का वादन
    
१. इन कक्षाओ में वाद्य बिलकुल सामान्य होने चाहिए। वाद्यों के दो प्रकार हैं।
 
१. इन कक्षाओ में वाद्य बिलकुल सामान्य होने चाहिए। वाद्यों के दो प्रकार हैं।

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