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| अनुकम्पां हि भक्तेषु देवता ह्यपि कुर्वते। | | अनुकम्पां हि भक्तेषु देवता ह्यपि कुर्वते। |
| विशेषतो ब्राह्मणेषु सदाचारावलम्बिषु॥ 3-2-6 | | विशेषतो ब्राह्मणेषु सदाचारावलम्बिषु॥ 3-2-6 |
− | युधिष्ठिर उवाच
| + | [[:Category:Yudhishtir - brahmans conversation|''Yudhishtir - brahmans conversation'']] [[:Category:युधिष्टीर ब्राह्मण संवाद|''युधिष्टीर ब्राह्मण संवाद'']] |
− | ममापि परमा भक्तिर्ब्राह्मणेषु सदा द्विजाः।
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− | सहायविपरिभ्रंशस्त्वयं सादयतीव माम्॥ 3-2-7
| + | युधिष्ठिर उवाच |
− | आहरेयुरिमे येऽपि फलमूलमृगांस्तथा[मधूनि च]।
| + | ममापि परमा भक्तिर्ब्राह्मणेषु सदा द्विजाः। |
− | त इमे शोकजैर्दुःखैर्भ्रातरो मे विमोहिताः॥ 3-2-8
| + | सहायविपरिभ्रंशस्त्वयं सादयतीव माम्॥ 3-2-7 |
− | द्रौपद्या विप्रकर्षेण राज्यापहरणेन च।
| + | आहरेयुरिमे येऽपि फलमूलमृगांस्तथा[मधूनि च]। |
− | दुःखार्दितानिमान्क्लेशैर्नाहं योक्तुमिहोत्सहे॥ 3-2-9
| + | त इमे शोकजैर्दुःखैर्भ्रातरो मे विमोहिताः॥ 3-2-8 |
− | [[:Category:Sadness|''Sadness'']] [[:Category:दु:ख|''दु:ख'']] [[:Category:शोक|''शोक'']]
| + | द्रौपद्या विप्रकर्षेण राज्यापहरणेन च। |
| + | दुःखार्दितानिमान्क्लेशैर्नाहं योक्तुमिहोत्सहे॥ 3-2-9 |
| + | [[:Category:Yudhishtir - brahmans conversation|''Yudhishtir - brahmans conversation'']] [[:Category:युधिष्टीर ब्राह्मण संवाद|''युधिष्टीर ब्राह्मण संवाद'']] [[:Category:Sadness|''Sadness'']] [[:Category:दु:ख|''दु:ख'']] [[:Category:शोक|''शोक'']] |
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| ब्राह्मणा ऊचुः | | ब्राह्मणा ऊचुः |
| अस्मत्पोषणजा चिन्ता मा भूत्ते हृदि पार्थिव। | | अस्मत्पोषणजा चिन्ता मा भूत्ते हृदि पार्थिव। |