पश्चिमीकरण से धार्मिक शिक्षा की मुक्ति
पर्व १ : भारत में ब्रिटिश शिक्षा
प्राचीनता
भौगोलिक एवं सांस्कृतिक इकाई, विश्वकल्याणकारी ज्ञानोपासना
भारत की शिक्षाव्यवस्था के प्रमुख आयाम
स्वायत्त शिक्षा, समाज का सहयोग, आध्यात्मनिष्ठ शिक्षा
भारतीय शिक्षा भारतीय नहीं है
तान्त्रिक रूप से भारतीय, अथर्जिन : अनर्थकारी उद्देश्य
सत्ता का प्रभाव
स्वायत्तता का नाश, स्वाधीन भारत में परतन्त्र शिक्षा, शिक्षा
शासन के अधीन होने के दुष्परिणाम
भारत में ब्रिटिश शिक्षानीति का विकास
वर्तमान शिक्षा प्रणाली एक समस्या, राष्ट्रीय शिक्षा आन्दोलन,
ब्रिटिश शासन की शिक्षा नीति, प्रथम चरण (१८१९ ईसवी तक) ,
देशी शिक्षा व्यवस्था की हत्या, दूसरा चरण
भारतीय शिक्षा का सर्वनाश
अंग्रेजों से पहले भारत में शिक्षा की व्यवस्था, प्राचीन भारत में
शिक्षा का प्रचार, कम्पनी -शासन में भारतीय शिक्षा का,
उद्योगधन्धों और शिक्षा का हास, प्राचीन पाठशालाओं की
व्यवस्था, साहित्यिक अवनति, भारतीय शिक्षा के सर्वनाश के
कारण, जातपांत से अंग्रेजों को लाभ, सन् १८१३ की मंजूरी,
लिओनेल स्मिथ का डर, अंग्रेजी राज के लिए शिक्षा की
आवश्यकता, १८३३ में द्स लाख की मंजूरी, ईसाई धर्म प्रचार,
शिक्षित भारतवासियों से डर, कुछ विपरीत विचार, पूर्वी और
पश्चिमी शिक्षा पर बहस, बै्ण्टिंक का फैसला, देशी भाषाओं का
दबाना, लार्ड मैकाले की रिपोर्ट, अंग्रेजी शिक्षा का उद्देश्य,
ट्रवेलियन के और अधिक स्पष्ट विचार
भारत में ब्रिटिश शिक्षा की प्रतिष्ठा
ब्रिटिश शिक्षा का प्रारम्भ, १८१३ेई, का आज्ञा पत्र, मैकाले का
प्रभाव, देशज शिक्षा प्रणाली का अध्ययन, वुड्स डिस्पेच, ब्रिटिश
सरकार का शासन, शिक्षा आयोग तथा समितियाँ, १. भारतीय
शिक्षा आयोगश्८८२, २. शिमला शिक्षा सम्मेलन, 2.
विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग १९०२, ४. कर्जन की शिक्षा नीति,
५. विश्वविद्यालय अधिनियम १९०४, ६. नई शिक्षा नीति
१९१०-१९१२, ७. कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग १९१७,
८. मान्टफोर्ड सुधार कानून १९२१, ९. हार्टाग समिति १९२७,
१०, एबट-वुड रिपोर्ट १९३७, १४. सार्जट शिक्षा योजना १९४४
संस्कृत के लिये लड़ाई
ओरिएन्टालिस्ट विलियम जोन्स, तथाकथित हिन््दु न्यायव्यवस्था
पर्व २ : स्वतन्त्र भारत में पश्चिमी शिक्षा का स्वरूप
शिक्षा विभाग संरचना पद
यूजीसी
इतिहास, व्यावसायिक परिषर्दे, १. अखिल भारतीय तकनीकी
शिक्षा परिषद (#1017), इतिहास, रे. भारतीय कृषि अनुसंधान
परिषद (10/#0२९, २. भारतीय चिकित्सा परिषद (01), परिषद
का कार्य, प्रमुख लक्ष्य, ४. दूरशिक्षा परिषद (DEC), He,
६. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (४८1४६), ५. भारतीय बार परिषद्
(80), इतिहास, ७. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण
परिषद (८९), संगठनात्मक ढाँचा, ८. राष्ट्रीय शैक्षिक योजना
एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (५७६९७), विभागों, ९. भारतीय
फार्मेसी परिषद् (९0८1), पीसीआई का परिचय, उद्देश्य, कार्य और
कर्तव्य, लक्ष्य, कार्य, १०, भारतीय नर्सिंग परिषद (॥५४८),
१४, भारतीय दृंतचिकित्सा परिषद् (001), १२. केन्द्रीय होम्योपैथी
परिषद (CCH), १४. पुनर्वास परिषद (Rehabilitation
Council of India), है रे . केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद
(000५), लक्ष्य, १५. राष्ट्रीय ग्रामीण संस्था परिषद (५0२९),
दृष्टि, मिशन,
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग
भारत भर में प्राथमिक / माध्यमिक स्कूलों की संख्या -भारत में प्रारंभिक शिक्षा : विश्लेषणात्मक ताल्िकाएँ
विभिन्न माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
१. सीबीएसई, २. सीआईएससीई (काउन्सिल फॉर द इंडियन
स्कूल सर्टिफिकेट एजजामिनेशन (01502), रे. आईबी
(इंटरनेशनल बेकेलॉरेट) (18), आईजीसीएसई (16052) -
इंटरनेशनल जनरल सर्टिकिट ऑफ सेकेण्डरी एज्युकेशन, ५. स्टेट
बोर्ड
भारतभर में सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों की सूची
राज्य अनुसार विविध प्रकार के विश्व विद्यालयों की सूची
क्या आपको मालूम है?, राज्य के अनुसार विविध प्रकार के
विश्वविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्थानों की सूची
विश्वविद्यालयों का वर्गीकरण
भारत के दूरशिक्षा विश्वविद्यालयों की सारिणी (दि. ५ मई २०१५
के अनुसार), आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, आसाम, बिहार,
छत्तिसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जे एन्ड
के, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिझोराम,
नागालैंड, ओडीशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम,
तामिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, वेस्ट बेंगाल
महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान,उजन (म.प्र. )
एक समालोचनात्मक सिंहावलोकन, प्रतिष्ठान का प्रादुर्भाव,
वेदविद्या प्रतिष्ठान का परिचय, प्रतिष्ठान के उद्देश्य, मानवीय
संसाधन (स्टाफ), संचालन एवं प्रबन्धन, कार्य एवं गतिविधियाँ,
१, गुरु-शिष्य परम्परा ईकाइयों का संचालन, २. वैदिक पाठशाला
विद्यालय योजना, रे. सभी के लिए वैदिक कक्षाएँ योजना, ४.
स्थानीय, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय संगोष्टियाँ, ५. अध्येतावृत्तियाँ
(छात्रवृत्तियाँ), ६. वेद्पाठियों का सम्मान, ७. वेदज्ञान सप्ताह
आयोजन, ८. नित्य अगिहोत्रियों को वित्तीय सहायता, ९. वयोवृद्ध
वेद्पाठियों को वित्तीय सहायता, १०. वैदिक गणित कार्यशालाएँ,
११, विश्व वैदिक सम्मेलन, १२. ऑडियो सी.डी. का निर्माण, १३.
प्रकाशन कार्य, १४. शोध पत्रिका - ‘defen’, १५.
पुस्तकालय, १६. वैदिक डायरेक्टरी का निर्माण, १७, वेद पाठों
का ध्वन्यांकन (टेप रिकोर्डिंग ), १८. पत्राचार पाठ्यक्रम
शिक्षा आयोग श्०१
स्वातंत्रय पूर्व का समय, स्वातंत्रयोत्तर समय, अ. कमिशन ऑन
टेकनिकल WaT, ब.. कमिशन ऑन पोलिटिकल
88.
२०,
२१.
एज्युकेशन, क. कमिशन ऑन नेशनल इंस्टिस्युट ऑफ
टेकनिकल, टीचर्स ट्रैनिंग एंड रीसर्च ( एन आई टी टी आर ))
यूनिसेफ (गछखउएत्रजे Rox
स्वास्थ्य और पोषण, बाल सुरक्षा, शिक्षा, पानी और स्वच्छता,
शिक्षा, मुख्य चुनौतियाँ, मुख्य अवसर, मुख्य उपलब्धियाँ, १.
प्रश्नावली - गृहिणियों के लिए
वर्तमान शिक्षा विषयक एक सर्वेक्षण १०७
२. प्रश्नावली - अभिभावकों के लिए, ३. प्रश्नावली - शिक्षकों
के लिए, ४. प्रश्नावली - महाविद्यालयों के शिक्षकों हेतु, ५.
प्रश्नावली - संस्था संचालकों के लिए, ६. प्रश्नावली - युवाओं
के लिए, निष्कर्ष, ७. प्रश्नावली - सांस्कृतिक संगठनों के लिए,
निष्कर्ष, ८. प्रश्नावली - प्रशासनिक अधिकारियों के लिए,
निष्कर्ष, ९, प्रश्नावली - जनप्रतिनिधियों के लिए, १०. प्रश्नावली
- उद्योजकों के लिए, निष्कर्ष, निष्कर्षो का सार
पर्व ३ : शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयास
राष्ट्रीय शिक्षा आन्दोलन का स्वरूप (स्वतन्त्रता पूर्व) १२५
१, सन् १८६६ में उठा राष्ट्रीय स्वर : राजनारायण बसु, २. बंगाल
में राष्ट्रीय शिक्षा आन्दोलन और श्री अरविन्द, श्री अरविन्द, श्री
अरविंद कॉलेज से विदा, प्राचीन शिक्षा-पद्धति के मूल तत्त्व, नई
शिक्षा-प्रणाली असफल क्यों ?, युगानुकूल पद्धति की खोज,
धर्म-शिक्षा का महत्त्व, मातृभाषा, पांडिचेरी की साधना गुफा में ,
राष्ट्रीय शिक्षा आंदोलन का पुनर्मूल्यांकन, राष्ट्रीय शिक्षा की
व्याख्या, कया शिक्षा 'राष्ट्री' हो सकती है ?, आधुनिक विज्ञान
बनाम राष्ट्रीय शिक्षा, व्यक्ति, राष्ट्र और मानव जाति, ३. स्वामी
विवेकानन्द का शिक्षा दर्शन, शिक्षा कया है ?, शिक्षा कया नहीं है
?, शिक्षा का लक्ष्य - चरित्र-निर्माण, धार्मिक शिक्षा क्यों ?,
पहले फुटबॉल, फिर गीता, एकाग्रता व ब्रह्मचर्य, शिक्षक और
शिष्य, ताड़ना नहीं, सहानुभूति, ख्त्रीशिक्षा, जनशिक्षा की
आवश्यकता, ४. राष्ट्रीय शिक्षा कया, कैसी : भगिनी निवेदिता,
राष्ट्रनिर्माणकारी शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा की व्याख्या, ५. राष्ट्रीय
शिक्षा की रूपरेखा : बिपिनचंद्र पाल, प्रचलित शिक्षा के
दुष्परिणाम, जनशिक्षा का दायित्व हम लें, हमारी शिक्षाप्रणाली का
ढाँचा, तीन शाखाएँ, ६. रवीन्द्रनाथ ठाकुर की शिक्षा संस्थाएँ,
शिक्षा संस्थाओं का निर्माण, शांति निकेतन, श्री निकेतन,
शिक्षासत्र, लोकशिक्षा संसद, विश्वभारती, विश्वभारती में अग्रांकित
दस विभाग हैं -, ७. गांधीजी के शैक्षिक प्रयोग, प्रत्यक्ष अनुभव,
विद्यापीठों की श्रृंखला, जामिया मिछ्लिया, बेसिक शिक्षा का जन्म,
बेसिक शिक्षा के मूलभूत सिद्धांत, बेसिक शिक्षा का कार्यान्वयन,
............. page-15 .............
22.
23.
हिंदुस्तानी तालीमी संघ, बेसिक शिक्षा की समीक्षा, गांधीवादी
दर्शन का व्यावहारिक पक्ष, अनिवार्यता एवं माध्यम का प्रश्न,
क्रिया-केंट्रित शिक्षा की विदेशों में भी मान्यता, स्वावलंबन पर
बल देना आवश्यक नहीं, बेसिक शिक्षा का अंतिम संस्कार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अन्यान्य संगठनों के प्रयास १५१
१, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, स्थापना, शैक्षिक परिवर्तन
की ओर, देश निर्माण में युवावर्ग की भूमिका, शिक्षा की
स्वायतत्ता के प्रयत्न, तकनीकी शिक्षा पर बल, कार्य के विभिन्न
आयाम, २. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, १.
संगठन का उद्देश्य, नई शिक्षानीति, २. उद्देश्य की पूर्ति हेतु कार्य
का स्वरूप, ३. संस्थागत जानकारी, ४. उद्देश्य के अनुरूप
उपलब्धि, ५. समाज से अपेक्षा, ३. अखिल भारतीय वनवासी
कल्याणाश्रम, शिक्षा विभाग, शिक्षा एवं जनजातियाँ, प्राथमिक
शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, सेकेण्डरी शिक्षा, उच्च शिक्षा, ४.
भारतीय शिक्षण मंडल : ध्येयवादी वैचारिक संगठन, संगठन का
ध्येय, संगठन की कार्यप्रणाली, अ. अनुसंधान, आ. प्रबोधन, इ.
प्रेरणा (प्रशिक्षण), ई. प्रकाशन, उ. संगठन, शिक्षण मंडल का
गौरवमय इतिहास, ५. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,
एक परिचय, पंजीकरण एवं केन्द्रीय कार्यालय, दृष्टि, संगठन
संरचना, सम्बद्धता, उद्देश्य, कार्यक्रम, आगामी योजना, ६. शिक्षा
संस्कृति उत्थान न्यास, १, संगठन का इतिहास, २. शिक्षा
संस्कृति उत्थान न्यास का उद्देश्य, ३. उद्देश्यपूर्ति हेतु अपनाई गई
पद्धति, ४. संख्यात्मक जानकारी, ५. प्रमुख कार्यक्रम, भारतीय
भाषा मंच, भारतीय भाषा अभियान, संघ लोक सेवा आयोग
(0९50), भारतीय भाषा मंच, भारतीय भाषा मंच के उद्देश्य व
कार्य, सम्पन्न कार्य, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास : एक परिचय,
न्यास का उद्देश्य है -, शिक्षा स्वास्थ्य न्यास, शिक्षा स्वास्थ्य
न्यास की आवश्यकता क्यो ?, न्यास का कार्य
सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों द्वारा शिक्षा
के भारतीयकरण के प्रयास oe
१. चिन्मय मिशन, आप किस प्रकार सहयोग कर सकते है ?, २.
ईशा फाउण्डेशन, ३. अखिल विश्व गायत्री परिवार, ४. वेद विज्ञान
संस्थान, वेद विज्ञान संस्थान, उद्देश्य, स्कूल के शैक्षिक पहलू,
स्कूल की सामाजिक गतिविधियाँ, संस्कार केन्द्र, वेद-सप्ताह,
व्यक्तित्व विकास शिविर, प्रवेश, प्रवेश के लिए योग्यताएँ -, ५.
संस्कृत महा पाठशाला, परिचय, स्कूल की गतिविधियाँ, स्कूल
के शैक्षिक पहलू, ६. नन्दग्राम : एक वैदिक ग्राम की परियोजना,
घरों में शिक्षण, प्रवेश की शर्ते, अधिक विवरण के लिए संपर्क
करें, परियोजना के दो विभाग, ७. विवेकानन्द केन्द्र, ८.
आर्यसमाज, ९. सत्य साई हायर सेकेन्डरी स्कूल, १०. गुजरात
का साबरमती गुरूकुलम अभिनव स्वायत्त शैक्षणिक प्रयोग,
प्रारंभिक इतिहास, कार्य-पद्धति, गुरुकुल शिक्षा का आदर्श, ११,
गृहविद्यालय (होम स्कूलिंग)
शिक्षा के भारतीय करण के प्रयासों की समीक्षा २०१
ud x:
पश्चिमी शिक्षा के सांस्कृतिक दुष्परिणाम
हमारे हीनताबोध के पत्र पुष्प फल Bee
मानसिकता, आहारविहार, पाश्चात्य मापदण्ड
वर्तमान भारतीय शिक्षा में मूल्यों का हास श्श्प
भारतीय संज्ञा, दो विरोधी प्रतिमान, मान्यता और व्यवहार में
विरोध, सारांश, शिक्षा की व्यावहारिक समस्याएँ
बुद्धिविश्रम २२९
भारत में ब्रिटिशों के उद्देश्य, बुद्धि विश्रम : कारण और परिणाम,
संकल्पनात्मक शब्द
व्यक्तिकेन्द्री व्यवस्था का स्वरूप २२७
भारत की व्यवस्था से सर्वथा विपरीत, पश्चिम से स्त्री अधिक
प्रभावित, परम्परा और परिवार भावना पर आधात, ध्वस्त
समाजरचना
भौतिकता को आधार मानने के परिणाम 23¥
शिक्षा का बाजारीकरण र३६
क्यों हुआ बाजारीकरण
यन्त्रसंस्कृति की यात्रा २३८
कर्म संस्कृति का नाश श्ढ०
कर्म संस्कृति किसे कहते है, कर्म संस्कृति के नाश का कारण,
दुष्परिणाम
मनुष्य की निहित सम्पदाओं का नाश Wwe
दुर्बलतायें, मूल कारण पश्चिमी शिक्षा
दायित्वबोध के अभाव का संकट Ie
कुछ उदाहरण, पश्चिमी शिक्षा के परिणाम
अपने देश के विषय में घोर अज्ञान Be
कुछ उदाहरण, कारण, विजातीय पदार्थों की खिचडी का प्रयास
यदि ऐसा ही चलता रहा तो... QP
भारत रोगग्रस्त होने के कारण, अंग्रेजों के उद्देश्य, साम्यवाद का
संकटविश्च का युरोपीकरण
३७. आशा कहाँ है र्५६
सामान्य भारतीय से आशा है
पर्व ५ :
भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु करणीय प्रयास
३८... पश्चिमीकरण से जन्मे हीनताबोध से मुक्त होने के उपाय २५७
हीनता एक मनोरुग्णता है, हिनता बोध का स्वरूप, पारिवारिक
समरसता, सामाजिक समरसता, सामाजिक सौहार्द, संचार माध्यम
का प्रभाव, प्रजामानस समर्थ बनाने के उपाय
38. हमारी शोधद्ष्टि २६७
भारतीय दृष्टि की आवश्यकता, यह कसौटी कया है ?
४०... अध्ययन और अनुसन्धान २७१
वर्तमान अध्ययन पद्धति, अध्ययन का उद्देश एवं स्वरूप,
प्रमाणव्यवस्था, युगानुकूलता, अध्ययन अनुसन्धान की देशव्यापी
योजना
४१... भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु करणीय कार्य -
व्यक्तिगत जीवन २८२
खानपान वस्त्र आदि, दृष्टिकोण, कौशलविकास
४२... भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु परिवार में
करणीय कार्य २९०
परिवार एक सामाजिक इकाई, परिवार महत्त्वपूर्ण शिक्षाकेन्द्र,
एकात्मता, संस्कृति को बाधक, परिवार और सामाजिक दायित्व
४३... भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु विद्यालय क्या करे २९८
शिक्षा को रोगमुक्त करना, शिक्षा की स्वायत्तता, नई व्यवस्था का
विचार, वर्तमान ढाँचे की परिष्कृति, विद्यालय का घटक विद्यार्थी,
शिक्षक
४४... भारतीय शिक्षा की पुनर्प्रतिष्ठा हेतु
सामाजिक स्तर पर करणीय प्रयास ३०९
व्यवस्थाओं में परिवर्तन, मानसिकता, सामाजिक व्यवहार
४५... ध्माचार्य और शिक्षा ar
धर्माचार्यों से निवेदन, धर्मसभा, धर्मचर्चा, स्वामीजी और आचार्य
विश्वावसु, धर्माचार्यो की भूमिका
४६. देशीय ज्ञान की प्रतिष्ठा हेतु करणीय कार्य ३३३
अनुभूतिजन्य ज्ञान, ज्ञान की प्रतिष्ठा हेतु उपाय
४७. अपेक्षित परिवर्तन की ओर ३३८
समग्रता में परिवर्तन, ज्ञानात्मक पक्ष, स्वतन्त्र और स्वायत्त रचना,
स्वतन्त्र प्रयोग, परिवार शिक्षा और परिवार में शिक्षा,
“अनौपचारिक' को अधिक महत्त्व, सामान्य जन के सामान्य ज्ञान
की प्रतिष्ठा, देशव्यापी सन्दर्भ
शैक्षिक संगठन क्या करें 3m
पर्व ६ : भारतीय ज्ञान के कुछ मुखर उदाहरण
शंखविज्ञान 343
विज्ञान के अनुसार शंख क्या है ?, शंख की शरीर रचना, शंख
का वैज्ञानिक महत्त्व, शरीर स्वास्थ्य हेतु उपयोगी शंख, १.
शंखनाद का मस्तिष्क पर चमत्कारी प्रभाव, २. शंख का आँख
पर तेजस्वी प्रभाव, ३. कान के रोगों में उपयोगी, ४. शंखनाद का
गले के ऊपर असरदार परिणाम, ५. शंखनाद से फेफड़ों व छाती
पर मजबूत असर, ६. शंखनाद से हृदय की बीमारियों पर
सकारात्मक प्रभाव, ७. शंखनाद का पेट ऊपर सकारात्मक
प्रभाव, ८. शंखनाद का किडनी ऊपर प्रबल प्रभाव, शंख के
विविध सफल नुस्खे, कुछ विचारणीय बिन्दु
प्रथम स्वदेशी वायुयान - मरुत्सखा ३६०
काटे कादु जोड़े त्रिभुवन ELA
बंगाल में सम्पन्न चेचक का टीकाकरण BER
सन के उपयोग एवं भारत में कागज का निर्माण ३६३
पूर्वी भारत में बर्फ बनाने की प्रक्रिया Bax
रामनकपेठ में लोहे के कारखाने BRE
अदभुत क्षमता के दो नमूने ३६८
बनारस की वेधशाला ३६९
जीता जागता पुल ROR
जीते-जागते पुलों के स्थान, जीते-जागते पुलों के उदाहरण,
मेघालय में जीते-जागते स्थापत्य के अन्य उदाहरण
अनोखी पाठशाला : बेरफुट कॉलेज ३७३