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===अर्थशास्त्र में नौका॥ Nauka in Arthshastra===
 
===अर्थशास्त्र में नौका॥ Nauka in Arthshastra===
कौटिल्य रचित अर्थशास्त्र के अध्यक्षप्रचार अधिकरण के नावध्यक्ष प्रकरण में नौका से संबंधित विविध क्रिया कलापों का विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है। नावध्यक्ष बंदरगाह का अधिकारी होता था, उसका कार्य नौका चालकों से कर संग्रह करना था - <blockquote>नावध्यक्षः समुद्रसंयाननदीमुखतरप्रचारान्देवसरोनदीतरांश्च स्थानीयदिष्ववेक्षेत। मत्स्यबन्धका नौकाभाटकं षड्भागंदह्यु॥ (अर्थशास्त्र, अध्यक्ष प्रचार २८/१-३)</blockquote>इस अध्याय में नदी, समुद्रादि का यातायात के साधन के रूप में वर्णन के साथ विस्तार से कर-संग्रहण तालिका का वर्णन भी प्राप्त होता है। यह मौर्यकाल में नौकायान के उन्नत स्वरूप को प्रस्तुत करता हूं।
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कौटिल्य रचित अर्थशास्त्र के अध्यक्षप्रचार अधिकरण के नावध्यक्ष प्रकरण में नौका से संबंधित विविध क्रिया कलापों का विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है। नावध्यक्ष बंदरगाह का अधिकारी होता था, उसका कार्य नौकाकों के टैक्स (कर) आदिको  वसूल करना था -<ref name=":4">प्रो० उदयवीर शास्त्री, [https://archive.org/details/KautilyaKaArthshastra-Hindi-Kautilya/page/n302/mode/1up कौटिलीय अर्थशास्त्र - हिन्दी भाषानुवाद सहित], सन १९२५, मेहरचन्द्र लक्ष्मणदास, अध्यक्ष संस्कृत पुस्तकालय, लाहौर (पृ० २८५)।</ref> <blockquote>नावध्यक्षः समुद्रसंयाननदीमुखतरप्रचारान्देवसरोविसरोनदीतरांश्च स्थानीयदिष्ववेक्षेत॥<ref name=":4" /> मत्स्यबन्धका नौकाभाटकं षड्भागंदह्यु॥ (अर्थशास्त्र, अध्यक्ष प्रचार २८/१-३)</blockquote>इस अध्याय में नदी, समुद्रादि का यातायात के साधन के रूप में वर्णन के साथ विस्तार से कर-संग्रहण तालिका का वर्णन भी प्राप्त होता है। यह मौर्यकाल में नौकायान के उन्नत स्वरूप को प्रस्तुत करता हूं।
    
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में विभिन्न प्रशासनिक पदों का उल्लेख है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण पद "नावध्यक्षः" (नौका विभागाध्यक्ष) है। यह अधिकारी जलमार्गों, नौका-परिवहन, नदी व्यापार, एवं सुरक्षा का प्रबंधन करता था। नावध्यक्षः शब्द दो भागों में विभाजित किया जा सकता है -<ref>[https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8C%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A5%8D_%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%8D/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A5%8D कौटिलीय अर्थशास्त्र], गाणनिक्यधिकार - द्वितीयमधिकरण।</ref>  
 
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में विभिन्न प्रशासनिक पदों का उल्लेख है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण पद "नावध्यक्षः" (नौका विभागाध्यक्ष) है। यह अधिकारी जलमार्गों, नौका-परिवहन, नदी व्यापार, एवं सुरक्षा का प्रबंधन करता था। नावध्यक्षः शब्द दो भागों में विभाजित किया जा सकता है -<ref>[https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8C%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A5%8D_%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%8D/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A5%8D कौटिलीय अर्थशास्त्र], गाणनिक्यधिकार - द्वितीयमधिकरण।</ref>  
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