Difference between revisions of "Subanta (सुबन्तम्)"
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Latest revision as of 14:14, 15 September 2022
What is सुप्?
सुबन्त-पद
सुप्तिङन्तम् पदम् १-४-१४
प्रातिपदिक + सुप्-प्रत्यय => पद
सुबन्त-पद
सुप् प्रत्ययाः
स्वौजसमौद्छष्टाभ्याम्भिस्ङेभ्याम्भ्यस्ङसिभ्याम्भ्यस्ङसोसाम्ङ्योस्सुप् ४-१-२
विभक्तिः/वचनम् | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सुँ | औ | जस् |
द्वितीया | अम् | औट् | शस् |
तृतीया | टा | भ्याम् | भिस् |
चतुर्थी | ङे | भ्याम् | भ्यस् |
पञ्चमी | ङसिँ | भ्याम् | भ्यस् |
षष्ठी | ङस् | ओस् | आम् |
सप्तमी | ङि | ओस् | सुप् |
सुप् प्रत्यय applied to प्रातिपदिक=>देव
विभक्तिः/वचनम् | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | देवः | देवौ | देवाः |
द्वितीया | देवम् | देवौ | देवान् |
तृतीया | देवेन | देवाभ्याम् | देवैः |
चतुर्थी | देवाय | देवाभ्याम् | देवेभ्यः |
पञ्चमी | देवात् | देवाभ्याम् | देवेभ्यः |
षष्ठी | देवस्य | देवयोः | देवानाम् |
सप्तमी | देवे | देवयोः | देवेषु |
संबोधना प्रथमा | हे देव | हे देवौ | हे देवाः |
Distinguish प्रातिपदिक based on its ending वर्ण
प्रातिपदिक takes different transformations based on the gender and its ending वर्ण.
० अजन्त (Ending in अच्)
० हलन्त (Ending in हल्)
अजन्त-प्रातिपदिक
अजन्तम्/लिङ्गम् | पुंल्लिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
---|---|---|---|
अकारान्तम् | राम, शिव | फल, वन | |
आकारान्तम् | रमा, सीता | ||
इकारान्तम् | हरि, पति, सखि | मति, रुचि | वारि, दधि, शुचि |
ईकारान्तम् | नदी, श्री, स्त्री | ||
उकारान्तम् | गुरु, भानु | धेनु, रज्जु | गुरु, मृदु |
ऊकारान्तम् | वधू, भू | ||
ऋकारान्तम् | दातृ, पितृ, भ्रातृ | स्वसृ, मातृ | दातृ, कर्तृ |
ऒकारान्तम् | गो | गो |
हलन्त-प्रातिपदिक
हलन्तम्/लिङ्गम् | पुंल्लिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
---|---|---|---|
चकारान्तम् | जलमुच् | वाच् | सुवाच् |
जकारान्तम् | वणिज्, राज् | स्रज् | असृज् |
तकारान्तम् | मरुत्, पचत्, महत् | सरित् | जगत्, बृहत्, ददत्, पचत्, महत् |
दकारान्तम् | सुहृद् | शरद्, सम्पद्, आपद् | हृद् |
धकारान्तम् | क्षुध् | ||
नकारन्तम् | राजन्, करिन्, पथिन् | सीमन्, दामन् | नामन्, व्योमन्, कर्मन्, अहन्, गुणिन् |
पकारान्तम् | अप् | ||
भकारान्तम् | ककुभ् | ||
रकारान्तम् | गिर्, पुर् | वार् | |
वकारान्तम् | दिव् | ||
शकारान्तम् | विश्, तादृश् | निश्, दिश् | तादृश् |
षकारान्तम् | द्विश् | प्रावृष् | सुत्विष् |
सकारान्तम् | वेधस्, विद्वस्, पुंस् | भास्, आशिस् | मनस्, हविस्, वपुस् |
हकारान्तम् | लिह् | उपानह् | अम्भोरुह् |
सर्वनाम-प्रातिपदिक
सर्वनाम
सर्वनाम/लिङ्गम् | पुंलिङ्गम् | स्त्रीलिङ्गम् | नपुंसकलिङ्गम् |
---|---|---|---|
अकारान्तम् | सर्व, पूर्व, विश्व, उभ | सर्वा | सर्व |
दकारान्तम् | तद्, एतद्, यद् | तद्, एतद्, यद् | तद्, एतद्, यद् |
दकारान्तम् (३) | युष्मद्, अस्मद् | ||
मकारान्तम् | किम्, इदम्, अदस् | किम्, इदम्, अदस् | किम्, इदम्, अदस् |
तकारान्तम् | त्वत्, भवत् | त्वत्, भवत् |
० पदस्वरूप-चिन्तनम्
Statistics
Statistical study done by Prof. Tirumala Kulkarni on a text with 40000 words, where unique words were 7000. This would help us prioritize the memorization of सुबन्त-पद forms.
अकारान्तम् 3618 | आकारान्तम् 344 | इकारान्तम् 361 |
त्-कारान्तम् 146 | इन्-अन्तम् 111 | अन्-अन्तम् 50 |
पुं-लिङ्गम् 2152 | नपुं-लिङ्गम् 1007 | पुं-नपुं-लिङ्गम् 921 |
स्त्री 650 | पुं-स्त्री 129 | पुं-स्त्री-नपुं 120 |
प्र.वि 2028 | द्वि.वि 464 | तृ/सप्त 372, 369 |
एकवचन 4170 | द्विवचन 228 | बहुवचन 598 |
References
- ↑ Sridhar Subbanna, Prakrti Pratyaya Vyavastha, Samskritadhyayana Karyashala, Vidyasvam.