Difference between revisions of "धार्मिक शिक्षा के व्यावहारिक आयाम प्रश्नावली"
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Revision as of 17:01, 12 December 2020
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अध्याय १७
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम प्रश्रावलि इस ग्रन्थमाला के निर्माण में अनेक विट्रज्जनों और सामान्यजनों को सहभागी बनाने का प्रयास किया गया है यह “सम्पादकीय' में कहा गया है । इस दृष्टि से शिक्षा के अनेक आयामों को लेकर यह प्रश्नावलि तैयार की गई । देश के अनेक नगरों, महानगरों में स्थित शिक्षा के साथ विभिन्न भूमिकाओं में जुडे महानुभावों को ये प्रश्नावलियाँ भेजी गईं । अनेक कार्यकर्ताओ ने अनेक लोगोंं का सम्पर्क कर इन प्रश्नावलियों को लेकर चर्चा की और उनके उत्तर प्राप्त किये । उन उत्तरों के आधार पर उनका सारसंक्षेप तैयार किया गया । उसे इस ग्रन्थ में प्रस्तुत किया गया है ।
प्रश्नावलियों को लेकर चर्चा करने वाले, उत्तर प्राप्त करनेवाले कार्यकर्ताओं का चयन करना, उनसे सम्पर्क बनाये रखना, उत्तर प्राप्त करना, उनका सारसंक्षेप तैयार करना और उन पर अपना अभिमत तैयार करना यह सारा कार्य पुनरुत्थान विद्यापीठ की आचार्य परिषद की सदस्य तथा इस ग्रन्थमाला के सम्पादन में सहयोगी की भूमिका निभानेवाली, नासिक (महाराष्ट्र) की सौ. वन्दना फड़केने किया है । इस ग्रन्थ में हर प्रश्नावलि का प्राप्त उत्तर का सारसंक्षेप, अभिमत, विमर्श और उस विषय से सम्बन्धित अधिक विचार इस क्रम में की गई है ।
प्रश्नावलि हर विषय के प्रारम्भ में तो दी ही गई है । परन्तु जिस किसी को भी इस का उपयोग हो सकता हैं उसके लिये यहाँ एकत्रित रूप में दी गई है ।