Difference between revisions of "चूहे और हाथी भी मित्र हो सकते हैं"
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Revision as of 21:19, 26 October 2020
जंगल में सभी प्राणी मिलजुलकर रहते हैं। सभी प्राणियों का रहने का अपना अपना स्थान है। सभी की सीमाएं निश्चित है जंगल में भी नियमो द्वारा चला जाता था। एक समय की बात हैं, जंगल में कुछ हाथी का दल एक सरोवर के नजदीक रहता था ताकि उन्हें भोजन और जल की सुविधा हो। गर्मियों के कारण एक दिन हाथियों के सरोवर का पानी सुख गया। हाथियों का दल प्यास से तड़पने लगे और पूरा दल पानी की खोज में जंगल के दूसरी दिशा में चल पड़े।
हाथियों को एक नदी दिखाई दी हाथियों का झुंड नदी की ओर दौड़ पड़ा। परन्तु नदी के किनारे चूहों का दल अपना घर बना कर रहता था। वह हथियो का दल जिस रास्ते से नदी की ओरजा रहा था उस रास्ते पर कुछ चूहे रहते थे। प्रतिदिन जब हाथियों का झुंड स्नान करने जाता था तब कई सारे चूहे हथियो के पैर के नीचे दब कर मृत्यु को प्राप्त हो जाते थे।
चूहों का दल हाथियों के कृत्य से परेशान हो चूका था इसलिए सारे चूहों ने अपनी एक बैठक बुलाई और निश्चित किया की हम सब हथियो से अपनी समस्या बताएँगे ।सारे चूहों ने मिल कर हथियो से अपनी समस्या बताइ की जब आप सभी स्नान करने नदी की ओर जाते हैं तब हमारे कुछ साथी चूहे आप के पैरो के निचे दब जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।
चूहों की बात सुनकर हाथियों के सरदार ने चूहों से कहा की ,"हमें बहुत दुःख है की हमारे पैरो से दब कर आप के कुछ साथियों की मृत्यु हो गई। हम आप सभी को कोई नुकसान या कष्ट नही देना चाहते थे। हमें जानकारी नहीं थी की आप सभी भी यही रहते है। अब हम आपना रास्ता बदल रहे है तुम चिंता मत करो ।हाथियों ने चूहों का निवेदन स्वीकार किया। चूहों ने हाथियों को धन्यवाद किया और कहा की," कभी आप ने हमारा निवेदन स्वीकार कर हमपर जो उपकार किया है इसलिए आप सभी को हमारी सहायता की जब कभी भी आवश्यकता होगी हम भी आप की सहायता के लिए तुरंत उपस्थित होंगे।"
एक दिन शिकारियों को जानकारों हुई कि कुछ हाथियों का दल नदी में स्नान करने आते है। शिकारियों ने हाथियों को पकड़ने के लिए नदी के किनारे जाल बिछा दिया । हाथियों का दल उस जाल में फंस गया। हाथियों ने जाल से निकले का बहुत प्रयास किया परन्तु सफल ना हो सके और जोर जोर से चिन्घारने लगे । चूहों ने हाथियों की दर्द भरी आवाज सुनी और आवाज को सुनकर समझ गए की हाथियों का दल किसी बहुत बड़ी समस्या में फास गया है।
चूहों का दल तनिक भी देरी ना करते हुए ध्वनि की ओर बढ़ने लगे और स्थान पर पहुँच कर चूहों ने देखा हाथियों का पूरा दल जाल में फस कर छटपटा रहे है । तुरंत चूहों ने अपने धारदार दांतों से उस जाल को काट दिया और हाथियों के दल को समस्या से बहार निकल दिया। हाथियों का पूरा दल बहुत ही प्रसन्न हो गये और चूहों का नतमस्तक होकर धन्यवाद् करने लगे। चूहों ने कहा हाथी महाराज एक दुसरे की सहायता से ही जीवन चलता है। सभी जानवर मिलजुलकर जंगल में रहने लगे।