Difference between revisions of "मानव गरीबी सूचकांक"

From Dharmawiki
Jump to navigation Jump to search
(re-categorising)
Line 33: Line 33:
 
[[Category:Education Series]]
 
[[Category:Education Series]]
 
[[Category:Dharmik Shiksha Granthmala(धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला)]]
 
[[Category:Dharmik Shiksha Granthmala(धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला)]]
[[Category:धार्मिक शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण धार्मिक शिक्षा]]
+
[[Category:धार्मिक शिक्षा ग्रंथमाला 5: वैश्विक संकटों का निवारण धार्मिक शिक्षा]]
 
[[Category:धार्मिक शिक्षा ग्रंथमाला 5: पर्व 1: अन्तर्जाल पर विश्वस्थिति]]
 
[[Category:धार्मिक शिक्षा ग्रंथमाला 5: पर्व 1: अन्तर्जाल पर विश्वस्थिति]]

Revision as of 22:52, 24 June 2020

ToBeEdited.png
This article needs editing.

Add and improvise the content from reliable sources.


अध्याय ८

मानव. गरीबी सूचकांक (एचपीआई) देश में जीवनस्तर के मानक को दर्शाता हैं। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के पूरक स्वरुप इसे संयुक्त राष्ट्र (संयुक्त राष्ट्र) द्वारा विकसित किया गया था। पहली बार १९९७ में मानव विकास रिपोर्ट के भाग के रूप में प्रस्तुत कीया गया था। यह एचडीआई की तुलना में विकसित देशों में अभाव की सीमा को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने के लिए माना जाता था। २०१० में यह संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी गरीबी सूचकांक द्वारा मुहैया कराया गया था।

एचपीआई मुख्यत : मानव जीवन के तीन आवश्यक तत्वों को मानक मानके चलता हैं, जो पहले से ही एचडीआई में परिलक्षित है : दीर्घायु, जानकारी और उच्च जीवनस्तर। सामाजिक-आर्थिक मतभेदों को प्रतिर्बिबित करने के लिए एचपीआई विकासशील देशों (एचपीआई - १) और उच्च आयवाले चयनीत ओईसीडी देशों (एचपीआई -२) के समूह के लिए, अलग-अलग प्रतिपादित कीया गया हैं। विकासशील देशों (एचपीआई -१) के लिए मानव विकास रिपोर्ट की वेबसाइट इसको मानव विकास सूचकांक में तीन मूल आयामों के अभाव को दशनिवाला सूचकांक हैं- लंबा और स्वस्थ जीवन, जानकारी और उच्च जीवन स्तर का एक सभ्य मानक। यह गणना करने के लिए सूत्र है :

Capture३२ .png

P3 : बेहतर जल स्रोत के लिए स्थायी पहुंच के बिना जनसंख्या की अनिर्धारीत औसत और उम्र के हिसाब से कम वजनवाले बच्चे

Capture४१ .png

मानव विकास रिपोर्ट की वेबसाइट इसे मानव विकास सूचकांक में तीन मूल आयामों के अभाव को दर्शानवाला सूचकांक हैं- लंबा और स्वस्थ जीवन, जानकारी और उच्च जीवन स्तर का एक सभ्य मानक - और सामाजिक बहिष्कार को भी गिनती हैं।यह गणना करने के लिए सूत्र है:

Capture42 .png

P1 : ६० साल की आयु तक जीवित न रहने की संभावना (१०० बार)

P2. : कार्यात्मक साक्षता कौशल की कमी वाले वयस्क

P3. : गरीबी रेखा से नीचे आयवाली जनसंख्या

P4. : दीर्घकालिक बेरोजगारी की दर (स्थायी १२ महीने या उससे अधिक)

Capture४१ .png

अंतिम रिपोर्ट, २००७-२००८ :

केवल २२ देशों में से १९ के लिए उच्चतम मानव विकास सूचकांक रैंकिंग है। रैंकिंग निम्नानुसार है (शीर्ष पर गरीबी की सबसे कम राशि वाला देश):

Capture४४ .png

एवडीआई ट्वारा २२ देशों में स्थान दिया गया है और जो इस सूची में नहीं हैं -- आइसलैंड, न्यूजीलैंड और लिक्टेस्टीन सभी देशों को इस रैंकिंग में शामिल नहीं किया जाता क्योंकि डेटा हमेशा उपलब्ध नहीं होता है। यदि सूची में अधिक देश शामिल होते तो कई देशों में, विशेष रूप से उन लोगों के रैंक जो नीचे हैं, काफी अधिक गिरावट कर सकते हैं।

References

धार्मिक शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण धार्मिक शिक्षा (धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे