Difference between revisions of "मानव विकास सूचकांक"
(new) |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
{{One source|date=Nov 2019}} | {{One source|date=Nov 2019}} | ||
+ | |||
+ | === अध्याय ४ === | ||
+ | |||
+ | === मानव विकास सूचकांक === | ||
+ | मानव विकास सूचकांक ( एचडीआई ) जीवन प्रत्याशा , शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय का संमिश्रीत आंक है, जो मानव विकास के चार स्तरों में देशों को रैंक करने के लिए उपयोग किया जाता है। देश उच्च एचडीआई स्कोर करता है जब जीवनकाल अधिक होता है, शिक्षा स्तर अधिक होता है, और जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक है। एचडीआई का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उलहक द्वारा किया गया था, जिसे अक्सर लोगों के जीवन में ईच्छानुसार बन सकना और वांछनीय बाते कर सकना की समर्थता का मापदंड माना जाता हैं। इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित किया गया था। | ||
+ | |||
+ | एचडीआई की उत्पत्ति संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा उत्पादित वार्षिक मानव विकास रिपोर्ट में पाई जाती हैं। ये १९९० में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा तैयार किए गए और शुरू किए गए थे, और उनका उद्देश्य था देश के विकास के केन्द्र को राष्ट्रीय आय से बदल कर लोक केंद्रित नीतियाँ तैयार करना। मानव विकास रिपोर्ट का निर्माण करने के लिए, महबूब उल हक ने पॉल स्ट्रीटन, फॅन्सस स्टीवर्ट , गुस्ताव रानीस , कीथ ग्रिफिन , सुधीर आनंद और मेघनाद देसाई सहित अनेक अर्थशास्त्रियों के एक समूह का गठन किया। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मानव क्षमताओं पर अपने काम में हक के काम का उपयोग किया। हक का मानना था कि मानव विकास सूचकांक जनता, शिक्षाविदों, और राजनेताओं को ये समझाने के लिए आवश्यक हैं कि वे केवल आर्थिक उन्नति से विकास का मूल्यांकन न करें लेकिन मानव कल्याण में हुए सुधार को भी देखें। | ||
+ | |||
+ | ==== आयाम और गणना ==== | ||
+ | नई पद्धति (२०१० इंडेक्स फॉरवर्ड) | ||
+ | |||
+ | ४ नवंबर २०१० को प्रकाशित (और १० जून २०११ को अपडेट किया गया), २०१० मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) तीन आयामों को जोड़ता है: | ||
+ | |||
+ | १.लंबा और स्वस्थ जीवनः जन्म पर जीवन प्रत्याशा | ||
+ | |||
+ | २.शिक्षा सूचकांक : MYSI +EYSI /2 (EI)= | ||
+ | |||
+ | २.१ स्कूली शिक्षा सूचकांक MYSI/15 वर्ष (MYSI )=पंद्रह 2025 के लिए अनुमानित अधिकतम सूचक है। | ||
+ | |||
+ | २.२ स्कूली शिक्षा सूचकांक के अपेक्षित EYSI/18 वर्ष (EYSI)= अठारह अधिकांश देशों में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बराबर है। | ||
+ | |||
+ | ३. आय सूचकांक (I) = In (GNI pc )- In(100)/In (GNIpc)- In(100) ॥ - १ है जब जीएनआई प्रति व्यक्ति $ ७५,००० और ० है जब जीएनआई प्रति व्यक्ति १०० है। | ||
+ | |||
+ | अंत में, एचडीआई पिछले तीन सामान्यीकृत सूचकांकों का ज्यामितीय मध्य है: | ||
+ | |||
+ | HDI =8th root of LEI*EI*II | ||
+ | |||
+ | LE : जन्म पर जीवन प्रत्याशा | ||
+ | |||
+ | MYS : स्कूली शिक्षा के वर्षों का ओसत (यानी २५ वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति औपचारिक शिक्षा में खर्च कर चुके वर्ष हैं) | ||
+ | |||
+ | EYS : स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष (यानी १८ वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के कुल वर्ष) | ||
+ | |||
+ | GNIpc : प्रति व्यक्ति क्रय शक्ति समानता पर सकल राष्ट्रीय आय | ||
+ | |||
+ | ==== २०१६ मानव विकास सूचकांक ==== | ||
+ | संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा २०१६ मानव विकास रिपोर्ट २१ मार्च २०१७ को जारी की गई और २०१५ के अनुमानों के आधार पर एचडीआई मूल्यों की गणना की गई। नीचे बहुत उच्च मानव विकास देशों की सूची है: | ||
+ | |||
+ | कौंस की संख्या २०१५ की रिपोर्ट में रैंकिंग के मुकाबले देश की रैंकिंग (ऊपर या नीचे) के चढ़ाई अथवा उतार की संख्या का प्रतिनिधित्व करती है। | ||
+ | [[File:Capture४ .png|none|thumb|696x696px]] | ||
==References== | ==References== |
Revision as of 15:53, 6 January 2020
This article relies largely or entirely upon a single source.Nov 2019) ( |
अध्याय ४
मानव विकास सूचकांक
मानव विकास सूचकांक ( एचडीआई ) जीवन प्रत्याशा , शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय का संमिश्रीत आंक है, जो मानव विकास के चार स्तरों में देशों को रैंक करने के लिए उपयोग किया जाता है। देश उच्च एचडीआई स्कोर करता है जब जीवनकाल अधिक होता है, शिक्षा स्तर अधिक होता है, और जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक है। एचडीआई का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उलहक द्वारा किया गया था, जिसे अक्सर लोगों के जीवन में ईच्छानुसार बन सकना और वांछनीय बाते कर सकना की समर्थता का मापदंड माना जाता हैं। इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित किया गया था।
एचडीआई की उत्पत्ति संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा उत्पादित वार्षिक मानव विकास रिपोर्ट में पाई जाती हैं। ये १९९० में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा तैयार किए गए और शुरू किए गए थे, और उनका उद्देश्य था देश के विकास के केन्द्र को राष्ट्रीय आय से बदल कर लोक केंद्रित नीतियाँ तैयार करना। मानव विकास रिपोर्ट का निर्माण करने के लिए, महबूब उल हक ने पॉल स्ट्रीटन, फॅन्सस स्टीवर्ट , गुस्ताव रानीस , कीथ ग्रिफिन , सुधीर आनंद और मेघनाद देसाई सहित अनेक अर्थशास्त्रियों के एक समूह का गठन किया। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मानव क्षमताओं पर अपने काम में हक के काम का उपयोग किया। हक का मानना था कि मानव विकास सूचकांक जनता, शिक्षाविदों, और राजनेताओं को ये समझाने के लिए आवश्यक हैं कि वे केवल आर्थिक उन्नति से विकास का मूल्यांकन न करें लेकिन मानव कल्याण में हुए सुधार को भी देखें।
आयाम और गणना
नई पद्धति (२०१० इंडेक्स फॉरवर्ड)
४ नवंबर २०१० को प्रकाशित (और १० जून २०११ को अपडेट किया गया), २०१० मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) तीन आयामों को जोड़ता है:
१.लंबा और स्वस्थ जीवनः जन्म पर जीवन प्रत्याशा
२.शिक्षा सूचकांक : MYSI +EYSI /2 (EI)=
२.१ स्कूली शिक्षा सूचकांक MYSI/15 वर्ष (MYSI )=पंद्रह 2025 के लिए अनुमानित अधिकतम सूचक है।
२.२ स्कूली शिक्षा सूचकांक के अपेक्षित EYSI/18 वर्ष (EYSI)= अठारह अधिकांश देशों में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बराबर है।
३. आय सूचकांक (I) = In (GNI pc )- In(100)/In (GNIpc)- In(100) ॥ - १ है जब जीएनआई प्रति व्यक्ति $ ७५,००० और ० है जब जीएनआई प्रति व्यक्ति १०० है।
अंत में, एचडीआई पिछले तीन सामान्यीकृत सूचकांकों का ज्यामितीय मध्य है:
HDI =8th root of LEI*EI*II
LE : जन्म पर जीवन प्रत्याशा
MYS : स्कूली शिक्षा के वर्षों का ओसत (यानी २५ वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति औपचारिक शिक्षा में खर्च कर चुके वर्ष हैं)
EYS : स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष (यानी १८ वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के कुल वर्ष)
GNIpc : प्रति व्यक्ति क्रय शक्ति समानता पर सकल राष्ट्रीय आय
२०१६ मानव विकास सूचकांक
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा २०१६ मानव विकास रिपोर्ट २१ मार्च २०१७ को जारी की गई और २०१५ के अनुमानों के आधार पर एचडीआई मूल्यों की गणना की गई। नीचे बहुत उच्च मानव विकास देशों की सूची है:
कौंस की संख्या २०१५ की रिपोर्ट में रैंकिंग के मुकाबले देश की रैंकिंग (ऊपर या नीचे) के चढ़ाई अथवा उतार की संख्या का प्रतिनिधित्व करती है।
References
भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे