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===== ९. पोहे =====
 
===== ९. पोहे =====
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पोहे पानी में धो कर उसमें से पूरा पानी निकाल कर दो-पाँच मिनिट रहने देते हैं। बादमें उसमें नमक, मिर्च, शक्कर, हल्दी इत्यादि मसाले मिलाकर बघारते हैं। दो तीन मिनिट ढक्कन रख कर पकाते हैं। इतने पर पोहे खाने के लिये तैयार हो जाते हैं।
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इसके बघार में स्वाद एवं रुचि के अनुसार प्याज अथवा आलू और हरीमिर्च, टमाटर इत्यादि का उपयोग होता है। पोहे तैयार हो जाने पर परोसने के बाद उसे धनिया एवं नारियल के बूरे से सजाया जाता है।
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स्वादिष्ट, पौष्टिक, बनाने में सरल, कभी भी खाये जा सकते हैं, परन्तु गरमागरम ही अच्छे लगते हैं। पाचन में अति भारी नहीं। पेटभर खा सकें ऐसा नाश्ता। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में अधिक प्रचलित ।
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===== १०. मुरमुरे की चटपटी =====
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मुरमुरे भीगोकर पूरा पानी निकालकर सब मसाले एवं गाजर, पत्ता गोभी इत्यादि को मिलाकर थोडी देर पकाया हुआ पदार्थ। मनचाहे मसाले डालकर स्वादिष्ट बनाया जाता है।  माध्यम पौष्टिक, बनाने में सरल परन्तु पोहे से कम प्रचलित।
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हुआ पदार्थ । मनचाहे मसाले डालकर स्वादिष्ट बनाया जात _है। मध्यम पौष्टिक, बनाने में सरल परन्तु पोहे से कम
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===== ११. उपमा =====
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सूजी सेंककर पानी बघारकर उसमें आवश्यक मसाले डालकर उबलने के बाद उसमें सेंकी हुइ सूजी डालकर पकाया गया पदार्थ। उसे नमकीन हलवा भी कह सकते हैं। इसमें भी आलू, प्याज, टमाटर, मटर, मूंगफली, तिल, नारियल, नीबू, कढीपत्ता, धनिया, इन सबका रुचि के अनुसार उपयोग किया जाता है। सूजी के स्थान पर गेहूँ का थोडा मोटा आटा, चावल अथवा ज्वार का आटा भी उपयोग में लिया जा सकता है। स्वादिष्ट, पौष्टिक, झटपट तैयार होनेवाला कभी भी खा सकें ऐसा सुलभ, सस्ता और सर्वसामान्य रुप से सबको पसंद ऐसा पदार्थ । इसका प्रचलन महाराष्ट्र और संपूर्ण दक्षिण भारतमें है। उत्तर एवं पूर्व में कम प्रचलित तो कभी कभी अप्रचलित भी। १२. खीच
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पानी उबालकर उसमें जीरे का चूर्ण, नमक, थोडी
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०... आयुष्य बढ़ाने वाला आहार कहते हैं । घी, तेल, मक्खन, दूध, तेल जिससे
 
०... आयुष्य बढ़ाने वाला आहार कहते हैं । घी, तेल, मक्खन, दूध, तेल जिससे
  
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