Difference between revisions of "Bhagiratha (भगीरथ)"
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− | राजा सगर के वंशज और इक्ष्वाकुवंशी राजा दिलीप के पुत्र भगीरथ की कीर्ति [[Ganga (गङ्गा)|गंगा]] को भूलोक पर लाकर अपने उन पूर्वजों (राजा सगर के पुत्रों) का उद्धार करने के कारण है जो कपिल मुनि के कोप से दग्ध हुए थे। गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ के पिता और पितामह ने भी प्रयास किये थे, पर वे सफल नहीं हो पाये थे। भगीरथ अपने कठोर तप से इस कार्य में सफल हुए, | + | राजा सगर के वंशज और इक्ष्वाकुवंशी राजा दिलीप के पुत्र भगीरथ की कीर्ति [[Ganga (गङ्गा)|गंगा]] को भूलोक पर लाकर अपने उन पूर्वजों (राजा सगर के पुत्रों) का उद्धार करने के कारण है जो कपिल मुनि के कोप से दग्ध हुए थे। गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ के पिता और पितामह ने भी प्रयास किये थे, पर वे सफल नहीं हो पाये थे। भगीरथ अपने कठोर तप से इस कार्य में सफल हुए, अतः गंगा को भागीरथी नाम से अभिहित किया जाता है। गंगा की धारा को भूतल पर लाकर राजा भगीरथ ने [[Bharatavarsha (भरतवर्षम्)|भारत]] को श्रीवृद्धि प्रदान की और पितृ-ऋण से भी मुक्त हुए। कठोर साधना के लिए भगीरथ-प्रयत्न एक मुहावरा बन गया है। |
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Latest revision as of 21:30, 26 October 2020
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राजा सगर के वंशज और इक्ष्वाकुवंशी राजा दिलीप के पुत्र भगीरथ की कीर्ति गंगा को भूलोक पर लाकर अपने उन पूर्वजों (राजा सगर के पुत्रों) का उद्धार करने के कारण है जो कपिल मुनि के कोप से दग्ध हुए थे। गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ के पिता और पितामह ने भी प्रयास किये थे, पर वे सफल नहीं हो पाये थे। भगीरथ अपने कठोर तप से इस कार्य में सफल हुए, अतः गंगा को भागीरथी नाम से अभिहित किया जाता है। गंगा की धारा को भूतल पर लाकर राजा भगीरथ ने भारत को श्रीवृद्धि प्रदान की और पितृ-ऋण से भी मुक्त हुए। कठोर साधना के लिए भगीरथ-प्रयत्न एक मुहावरा बन गया है।