Changes

Jump to navigation Jump to search
लेख सम्पादित किया
Line 4: Line 4:     
सभी बालक को बहुत आशीर्वाद देते है औए स्वादिस्ट भोजन का आनंद लेकर चले गये | अगले दिन प्रातः में जब महाराज प्रांगण में टहल रहे थे तभी वह महाराज के चाटुकार आये जो तेनालीरामा को हमेशा निचा दिखने का प्रयास करते थे | उन्होंने महाराज से कहा महाराज तेनालीरामा की हमें परीक्षा लेनी चाहिए ऐसे कैसे कोई किसी के बाहरी आवरण को देखकर उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है |  महाराज उनकी बातो से प्राभावित हो गये और तेनालीरामा की परीक्षा का निर्णय किया |
 
सभी बालक को बहुत आशीर्वाद देते है औए स्वादिस्ट भोजन का आनंद लेकर चले गये | अगले दिन प्रातः में जब महाराज प्रांगण में टहल रहे थे तभी वह महाराज के चाटुकार आये जो तेनालीरामा को हमेशा निचा दिखने का प्रयास करते थे | उन्होंने महाराज से कहा महाराज तेनालीरामा की हमें परीक्षा लेनी चाहिए ऐसे कैसे कोई किसी के बाहरी आवरण को देखकर उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है |  महाराज उनकी बातो से प्राभावित हो गये और तेनालीरामा की परीक्षा का निर्णय किया |
 +
 +
तेनालीरामा को बुलाया गया और महाराज ने तेनालीरामा से रात्रि की घटना के बारे में पुछा की की के बाहरी आवरण को देखकर आप उसके बारे में बता सकते है | तेनालीरामा ने कहा जी महाराज मै  बता सकता हूँ |
1,192

edits

Navigation menu