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*मत्स्य पुराण के दस अध्यायों में प्रतिमाओं के निर्माण आदि का वर्णन है। मूर्ति के पूर्व प्रतीक का पूजन होता था जैसे शालिग्राम, शिवलिंग आदि।
 
*मत्स्य पुराण के दस अध्यायों में प्रतिमाओं के निर्माण आदि का वर्णन है। मूर्ति के पूर्व प्रतीक का पूजन होता था जैसे शालिग्राम, शिवलिंग आदि।
 
*अग्नि पुराण के सोलह अध्यायों में देवालयवास्तु का विधान जिनमें से तेरह अध्यायों में केवल प्रतिमा निर्माण का ही वर्णन है।
 
*अग्नि पुराण के सोलह अध्यायों में देवालयवास्तु का विधान जिनमें से तेरह अध्यायों में केवल प्रतिमा निर्माण का ही वर्णन है।
प्रतिमा को अन्य शब्दों से भी परिभाषित किया जाता है -  
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प्रतिमा को अन्य शब्दों से भी परिभाषित किया जाता है -<ref>डॉ० नीलकण्ठ पुरुषोत्तम जोशी, [https://archive.org/details/PrachinaBharatiyaMurtiVigyanNilakanthaPurushottamJoshi/page/n2/mode/1up प्राचीन भारतीय मूर्ति विज्ञान], सन १९७७, बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद, पटना (पृ० १)।</ref>
    
*'''बेरा -''' प्रतिमा या चित्र।
 
*'''बेरा -''' प्रतिमा या चित्र।
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