| | + | वास्तुशास्त्र में पञ्चमहाभूतों, चुम्बकीय प्रभावों, दिशाओं और गुरुत्वाकर्षण के नियमों को ध्यान में रखते हुए वास्तुशास्त्र की रचना की गयी तथा यह बताया गया है कि इन नियमों के पालन से मनुष्य के जीवन में सुख-शान्ति आती है और उत्तरोत्तर धन-धान्य में वृद्धि होती है।<ref>[https://egyankosh.ac.in/bitstream/123456789/95283/1/Unit-1.pdf औद्योगिक वास्तु]</ref> |