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'''जन्म स्थान'''
 
'''जन्म स्थान'''
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आर्यभट्ट जी ने ही अपने ग्रन्थ आर्यभट्टीयम में अपने ज्ञान प्राप्ति के स्थान का उल्लेख किया है। वह कहते हैं - <blockquote>कुसुमपुरे अभ्यर्चितं ज्ञानम्। (आर्यभटीय)</blockquote>'<nowiki/>''जन्मकाल'<nowiki/>'''''आर्यभट्ट की रचनाएं'''
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आर्यभट्ट जी ने ही अपने ग्रन्थ आर्यभट्टीयम में अपने ज्ञान प्राप्ति के स्थान का उल्लेख किया है। वह कहते हैं - <blockquote>कुसुमपुरे अभ्यर्चितं ज्ञानम्। (आर्यभटीय)</blockquote>'''जन्मकाल'''
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'''आर्यभट्ट की रचनाएं'''
    
पटना शहर को पाटलिपुत्र कहते थे। इस नगर में बगीचों में अधिकसंख्या में खिलनेवाले फूलों के कारण ही इस नगर को कुसुमपुर अथवा पुष्पपुर के नाम से भी जाना जाता था।  
 
पटना शहर को पाटलिपुत्र कहते थे। इस नगर में बगीचों में अधिकसंख्या में खिलनेवाले फूलों के कारण ही इस नगर को कुसुमपुर अथवा पुष्पपुर के नाम से भी जाना जाता था।  
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