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सृष्टि की उत्पत्ति
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=== सृष्टि की उत्पत्ति ===
 
   
ऋग्वेद में अनेक ऋषि-मुनियों जैसे-प्रजापति, परमेष्ठी नारायण तथा दीर्घतमा आदि ने सृष्टि रचना की आरंभिक अवस्था का वर्णन किया है।
 
ऋग्वेद में अनेक ऋषि-मुनियों जैसे-प्रजापति, परमेष्ठी नारायण तथा दीर्घतमा आदि ने सृष्टि रचना की आरंभिक अवस्था का वर्णन किया है।
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सत्त्व, रजस्‌ और तमस्‌ क्रमशः धनात्मक, ऋणात्मक एवं शून्य आवेश से युक्त माने जाते है। इनका उल्लेख “आपः” नाम से किया गया है। आधुनिक विज्ञान ने ` आपः को ही “एटॉमिक पार्टिकल” नाम दिया है। वेदों में सत्व, रजस एवं तमस को क्रमशः मित्र, वरुण और अर्यमा नाम दिया है। आधुनिक विज्ञान मित्र को इलेक्ट्रॉन, वरुण को प्रोटोन तथा अर्यमा को न्यूट्रॉन नाम से संबोधित करती है।
 
सत्त्व, रजस्‌ और तमस्‌ क्रमशः धनात्मक, ऋणात्मक एवं शून्य आवेश से युक्त माने जाते है। इनका उल्लेख “आपः” नाम से किया गया है। आधुनिक विज्ञान ने ` आपः को ही “एटॉमिक पार्टिकल” नाम दिया है। वेदों में सत्व, रजस एवं तमस को क्रमशः मित्र, वरुण और अर्यमा नाम दिया है। आधुनिक विज्ञान मित्र को इलेक्ट्रॉन, वरुण को प्रोटोन तथा अर्यमा को न्यूट्रॉन नाम से संबोधित करती है।
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[[File:58.jpg|center|thumb|चित्र १.३]]
     
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