Difference between revisions of "Varnamala (वर्णमाला)"
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Revision as of 18:27, 25 August 2022
माहेश्वरसूत्राणि ॥
अ इ उ ण् । ऋ लृ क्। ए ओ ङ् । ऐ औ च्।
ह य व र ट् । ल ण् । ञ म ङ ण न म् ।
झ भ ञ् । घ ढ ध ष् । ज ब ग ड द श् ।
ख फ छ ठ थ च ट त व् । क प य् ।
श ष स र् । ह ल् ।
वर्णमाला ॥
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋृ लृ ए ऐ ओ औ - स्वर
अं अः - अयोगवाह
व्यञ्जन
क ख ग घ ङ - कवर्ग - कुँ
च छ ज झ ञ - चवर्ग - चुँ
ट ठ ड ढ ण - टवर्ग - टुँ
त थ द ध न - तवर्ग - तुँ
प फ ब भ म - पवर्ग - पुँ
य र ल व श ष स ह - अवर्गीय-व्यञ्जन
व्यञ्जन-विभागाः ॥
क ख ग घ ङ ।
च छ ज झ ञ ।
ट ठ ड ढ ण ।
त थ द ध न ।
प फ ब भ म ।
य र ल व श ष स ह ।
- प्रथम-द्वितीय-वर्णs & श ष स - कर्कश-व्यञ्जन ।
तृतीय-चतुर्थ-पञ्चम-वर्णs & य र ल व ह - मृदु-व्यञ्जन ।
- क - म - स्पर्श-वर्ण ।
य र ल व - अन्तस्थ-वर्ण ।
श ष स ह - ऊष्म-वर्ण ।
- प्रथम-तृतीय-पञ्चम-वर्णऽ & य र ल व - अल्पप्राण-व्यञ्जन ।
द्वितीय-चतुर्थ-वर्णऽ & श ष स ह - महाप्राण-व्यञ्जन ।
- य यँ र ल लँ व वँ श ष स ह ।
पञ्चमवर्णs & यँ लँ वँ - अनुनासिकवर्ण ।
All other वर्णs - अननुनासिकवर्ण ।
स्वर-विधाः ॥
Number of variations in स्वरs
अ, इ, उ, ऋ - 3 * 3 * 2= 18 variations each.
लृ-does not have दीर्घ Variation. Therefore लृ - 2 *3* 2 = 12 Variations.
ए ऐ, ओ, औ - These do not have ह्रस्व variation. Therefore 2 *3* 2 = 12 variations each.
उच्चारणस्थानम् ॥ Points of Articulation
- अकुहविसर्जनीयानां कण्ठः - अ, कुँ, ह्, :
- इचुयशानां तालु - इ, चुँ, य्, श्
- उपूपध्मानीयानां ओष्ठौ - उ, पुँ , उपध्मानीयः (पिकःपिकः)
- ऋटुरषाणां मूर्धा - ऋ, टुँ, र्, ष्
- लृतुलसानां दन्तः - लृ, तुँ, ल्, स्
- ञमङणनानां नासिका च - ञ् , म् , ङ्, ण्, न्
- एदैतोः कण्ठतालु - ए, ऐ
- ओदौतोः कण्ठोष्ठम् - ओ , औ
- वकारस्य दन्तोष्ठम् - व्
- जिह्वामूलीयस्य जिह्वामूलम् - जिह्वामूलीय काकःकाकः, :ख
- नासिका अनुस्वारस्य - = अनुस्वारः