Difference between revisions of "सीमंतोन्नयन"
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Revision as of 16:21, 7 April 2022
प्रव्यक्त गर्भा पति रब्धियानं,
मृतस्य वाहक्षुर कर्म संगम्।
क्षौरंतथष्नुगमनं नखकृन्तनंच
युद्धादिवास्तु करणंतु अतिदूरयानं ।।
हृदये पितरौ ज्ञाता पूर्ण दायित्वं उत्तमम्
जन्मन: संतते कुर्यात् व्यवस्था स्वागताय च ।।