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==== <big>हनुमान</big> ====
भगवानराम के अनन्य भक्त एवं सेवक श्री हनुमान सुमेरु के राजा केसरी और गौतम-कन्या अंजनी के पुत्र हैं। इन्हें पवन—पुत्र और महाबली के नाम से भी स्मरण किया जाता है। बचपन में सूर्य को फल समझकर उसे तोड़ लाने के लिए झपटकर उसका अतिक्रमण किया, अपने मित्र किष्किन्धापति सुग्रीव से राम-लक्ष्मण की भेंट करायी, सीता की खोज में राम के सहायक बने, सागर लांघकर लंका गये, राम की मुद्रिका सीता माता तक पहुँचायी, अनेक राक्षसों को मारा, लंका-दहन किया, राम-रावण-युद्ध में महान् पराक्रम किया तथा शक्ति लगने के कारण लक्ष्मण के मूच्छित होने पर संजीवनी ओषधि के लिए द्रोणगिरि को उठा लाये। अतुल पराक्रमी, महाबली हनुमान् की उपासना को आधार बनाकर संतों-भक्तों ने समय-समय पर सद्धार्मिकों में शक्ति और बल का संचार करने के उपाय किये हैं। अजेय शक्ति के धनी, निष्कलंक चारित्र्य से सम्पन्न, ज्ञानगुण के आगार, विवेकशील व ध्येयनिष्ठा से युक्त हनुमान् ने एक समर्पित कार्यकर्ता का अनुकरणीय आदर्श उपस्थित किया है।