Difference between revisions of "Festival in month of Kartika (कार्तिक मास के अंतर्गत व्रत व त्यौहार)"
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Revision as of 20:17, 14 October 2021
कार्तिक मास की कथा सुनने मात्र से मनुष्य के सब पाप नष्ट होकर बैकुण्ठ लोक की प्राप्ति हो जाती है। एक समय श्री नारायणजी ब्रह्मलोक में गये और सारे जगत के कर्ता श्री ब्रह्माजी को अति विनीत भाव से कहने लगे-"आप! सारे जगत के कर्ता और सर्वज्ञ हो, अत: आप धर्मोपदेश की कोई सुन्दर कथा कहिए, क्योंकि मैं भगवान का भक्त और आपका दास हूं तथा आप कार्तिक मास की कथा भी कहिए, क्योंकि मैंने सुना है कि कार्तिक मास भगवान को अति प्रिय है, और इस मास में किया हुआ व्रत नियमन पादन दिया हुआ अनन्त फल को प्राप्त होता है।" ब्राह्माजी कहने लगे-“हे पुत्र, तुमने अति सुन्दर प्रश्न किया है, क्योंकि कुरूक्षेत्र पुष्कर तथा तीर्थों का वास इतना फल नहीं देते हैं। जैसे कि कार्तिक मास का फल है।" प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत करने वाला शौच आदि से निवृत होकर,