Difference between revisions of "पाठ्यक्रम - कक्षा १ से कक्षा ३"
(→कक्षा १ पाठ्यक्रम: लेख सम्पादित किया) |
(→कक्षा २ पाठ्यक्रम: लेख सम्पादित किया) |
||
Line 98: | Line 98: | ||
* हमारे पूर्वज | * हमारे पूर्वज | ||
** राम, कृष्ण, माता कुंती, सावित्री, महाराणा प्रताप, पृथु, हरिश्चन्द्र, भरत, कम्बु, कौंडिण्य, पुष्यमित्र शुंग, चन्द्रगुप्त, विकमादित्य, शालिवाहन, शैलेन्द्र, यशोधर्मा | ** राम, कृष्ण, माता कुंती, सावित्री, महाराणा प्रताप, पृथु, हरिश्चन्द्र, भरत, कम्बु, कौंडिण्य, पुष्यमित्र शुंग, चन्द्रगुप्त, विकमादित्य, शालिवाहन, शैलेन्द्र, यशोधर्मा | ||
+ | * कृतिपाठ | ||
+ | * योगासन (अल्पकालीन), सुखासन- पालथी लगा कर बैठना | ||
+ | * हवन, अग्निहोत्र करना | ||
+ | * समंत्र सूर्यनमस्कार, | ||
+ | * गुरुकूल के वातावरण,/ परिवेश का चित्रांकन, प्रतिकृति बनाना। | ||
+ | * स्वादसंयम | ||
+ | * घर में घरेलू कार्य सीखना और करना | ||
+ | * व्यवहारसूत्र | ||
+ | ** विविधता में एकता। | ||
+ | ** पंचऋण। | ||
+ | ** देने की संस्कृति | ||
+ | ** माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या | ||
==References== | ==References== | ||
Revision as of 09:49, 29 April 2021
This article relies largely or entirely upon a single source.April 2021) ( |
कक्षा 1 से 3- आयु के अनुसार (7 से 9 वर्ष) अपेक्षित बिन्दु [1] :
1. मन के विकास का काल: एकाग्रता, षड्विकारों से मुक्ति, इच्छाशक्ति, कल्पनाशक्ति, संयम
2. केवल विजय, शौर्य, त्याग, तपस्या, धर्मनिष्ठा, सदाचार, सादगी, स्वदेशभक्ति, स्वावलंबन,| सांस्कृतिक भारत का दर्शन
3. संस्कृति, क॒टंब, ग्राम, जनपद, भाषा, समाज, सामाजिकसंगठन, सामाजिक व्यवस्थाएँ, देश, राष्ट्र, आंतरराष्ट्रीय संबंध
4. सृष्टि निर्माण की मान्यता, हिन्दु जीवनदृष्टि के व्यवहारसूत्रों की जानकारी, शाकाहार, सात्विक आहार, आदतें
5. स्वभाव के अनुसार काम करने के लाभ, मार्गदर्शन, कौटुंबिक उद्योगों का महत्व, जातिव्यवस्था, ग्रामकुल, क॒टुंब, आश्रम, कौटुम्बिक संबंध
6. समय विकास की अवधारणा, खेल, व्यायाम, सूर्यनमस्कार, शरीर का महत्व
7. धर्म की समझ, शरीरधर्म, पुत्रधर्म, पडोसीधर्म,
8. प्रत्येक कक्षा में पिछली कक्षा के सारे कार्य की पुनरावृत्ति अपेक्षित है।
कक्षा १ पाठ्यक्रम
सार्थ कंठस्थीकरण:
- गायत्री मंत्र
- संगठन मंत्र
- पवमान मंत्र (असतो मा सद्गमय)
- शान्तिमंत्र
- एकात्मता स्तोत्र
- गीता के निम्न श्लोक- सार्थ
- सर्वोपनिषदो गावो...
- अध्याय 3: 10 से 16
- अध्याय 7: 4 से 6, 19
- अध्याय 18: 40
- कुल 13 श्लोक
- जीवनदृष्टि का गीत
- हमारा देश
- कुटुम्ब, पडोसी, गॉव, जनपद, राज्य, देश की संकल्पनाएँ, धरती और उस पर रहने वाले अन्य प्राणी- जैवविविधता
- भारत देश की प्राचीनता
- नगाधिराज हिमालय, अन्य महत्वपूर्ण पर्वत
- नाम स्थान महत्व
- महत्वपूर्ण नदियाँ- लोकमाता, देवतारूप में पूजने की संस्कृति
- चार धाम एवं अन्य मुख्य तीर्थस्थान-काशी, प्रयाग, तिरुपति,
- गंगासागर, कामाख्या ( नाम, महत्व, नक्शे में स्थान दिखाना)
- अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तैते मोक्षदायिका:।
- हमारा साहित्य
- संक्षिप्त ज्ञान - वेद, वेदांग, उपनिषद् पुराण रामायण, रामचरितमानस, महाभारत पंचतंत्र, हितोपदेश
- हमारे पूर्वज:
- व्यास, वाल्मीकि, पतंजलि, पाणिनि, छत्रपति शिवाजी, संत रविदास, तिरुवल्लुवर, आलवार, कबीर, रामदास, नरसी मेहता, मीरा, तुलसीदास, नायन्मार
- कृतिपाठ
- योगासन (अल्पकालीन), सुखासन- पालथी लगा कर बैठना
- हवन करना,
- पृथ्वीमाता को नमस्कार- समुद्रवसने देवि...
- नमस्कार करना, ओम का उच्चारण (ब्रह्मनाद)
- उपनयन संस्कार
- वाणीसंयम, मधुर वचन बोलना।
- घर में घरेलू कार्य सीखना और करना
- व्यवहारसूत्र
- अमृतस्य पुत्रा: वयम्।
- परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम्।
- वसुधैव कुटुम्बकम्
- कृतज्ञता।
- आत्मवतसर्वभूतेषु ।
कक्षा २ पाठ्यक्रम
सार्थ कंठस्थीकरण:
- शान्तिमंत्र
- स्वस्तिवाचन,
- भूमिसूक्त मंत्र क. 1, 3, 4, 6, 12, (कुल 5)
- संकल्प मंत्र एवं अग्निहोत्र के दो मंत्र- सूर्योदय-1, सूर्यास्त-1 (कुल 3)
- गीता के निम्न श्लोक- सार्थ
- अध्याय 8: 5, 6, 22
- अध्याय 14: 14, 18
- अध्याय 3: 42
- अध्याय 17: 7 से 10, 23, 24
- कुल 12
- जीवनदृष्टि का गीत
- हमारा देश
- सूर्यमाला एवं ग्रह
- पृथ्वी : मानवजाति का एकमेव निवासस्थान
- भारत का विशिष्ट स्थान एवं दर्शन ( सोच)
- हमारे पडोसी देश
- 1971 की अद्भुत विजय।
- भारत की एकता
- सांस्कृतिक एकता
- बारह मास, छः ऋतुएँ
- विविधता में एकता
- हमारी कृषि और संबंधित विविध उत्पादन।
- कृषिसंबंधित पशुसंपत्ति, उनसे मिलने वाली उपज और उनकी निगरानी
- 12 ज्योतिर्लिंग, 52 शक्तिपीठ, स्थापत्य-कैलास, मदुराई, सेतुबंध रामेश्वरम्
- हमारे विजय और स्थापत्य की गाथाएँ
- कुम्भमेला
- गुरुकूल में शिक्षा
- सोलह संस्कार
- हमारा साहित्य
- वेद, उपवेद, वेदांग, षड़दर्शन, ऋषिकाएँ
- ग्यारह मुख्य उपनिषदों के नाम
- श्रीमद्भगवद्गीता गीता की कहानी- (गीता का बहिरंग)- खंड 1 अ. 5
- हमारे पूर्वज
- राम, कृष्ण, माता कुंती, सावित्री, महाराणा प्रताप, पृथु, हरिश्चन्द्र, भरत, कम्बु, कौंडिण्य, पुष्यमित्र शुंग, चन्द्रगुप्त, विकमादित्य, शालिवाहन, शैलेन्द्र, यशोधर्मा
- कृतिपाठ
- योगासन (अल्पकालीन), सुखासन- पालथी लगा कर बैठना
- हवन, अग्निहोत्र करना
- समंत्र सूर्यनमस्कार,
- गुरुकूल के वातावरण,/ परिवेश का चित्रांकन, प्रतिकृति बनाना।
- स्वादसंयम
- घर में घरेलू कार्य सीखना और करना
- व्यवहारसूत्र
- विविधता में एकता।
- पंचऋण।
- देने की संस्कृति
- माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या
References
- ↑ दिलीप केलकर, भारतीय शिक्षण मंच