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| == उद्देश्य == | | == उद्देश्य == |
− | # 'विज्ञान अर्थात् जैसा है वैसा ही जानना।' सृष्टि जैसी है, वैसी ही उसे जानना है सृष्टिविज्ञान<ref>प्रारम्भिक पाठ्यक्रम एवं आचार्य अभिभावक निर्देशिका, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखिका: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref>। पदार्थों को उनकी मूल स्थिति में जानना है पदार्थविज्ञान। प्राणियों के विषय में जानना है प्राणीविज्ञान। एवं वनस्पति के विषय में जानना है वनस्पतिविज्ञान। | + | # 'विज्ञान अर्थात् जैसा है वैसा ही जानना।' सृष्टि जैसी है, वैसी ही उसे जानना है सृष्टिविज्ञान<ref>प्रारम्भिक पाठ्यक्रम एवं आचार्य अभिभावक निर्देशिका: अध्याय ६, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखिका: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref>। पदार्थों को उनकी मूल स्थिति में जानना है पदार्थविज्ञान। प्राणियों के विषय में जानना है प्राणीविज्ञान। एवं वनस्पति के विषय में जानना है वनस्पतिविज्ञान। |
| # विज्ञान भी बुद्धि विकास से संबंधित विषय है। | | # विज्ञान भी बुद्धि विकास से संबंधित विषय है। |
| # बुद्धि के जो कारक सोपान हैं निरीक्षण, परीक्षण, संश्लेषण, विश्लेषण, वर्गीकरण, निष्कर्ष इन सबका उपयोग विज्ञान में होता है। इन सभी शक्तियों का विकास विज्ञान के द्वारा होता है। | | # बुद्धि के जो कारक सोपान हैं निरीक्षण, परीक्षण, संश्लेषण, विश्लेषण, वर्गीकरण, निष्कर्ष इन सबका उपयोग विज्ञान में होता है। इन सभी शक्तियों का विकास विज्ञान के द्वारा होता है। |
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| == आलंबन == | | == आलंबन == |
− | # सामान्यतः गणित एवं भाषा के जितनी अहमियत् विज्ञान को नहीं दी जाती है। परंतु यह बहुत बड़ी गलती है। विज्ञान तो यथार्थज्ञान के लिए बहुत ही उपयोगी विषय है। इसलिए उसे अहमियत देना चाहिए। | + | # सामान्यतः गणित एवं भाषा के जितनी अहमियत् विज्ञान को नहीं दी जाती है। परंतु यह बहुत बड़ी गलती है। विज्ञान तो यथार्थज्ञान के लिए बहुत ही उपयोगी विषय है। अतः उसे अहमियत देना चाहिए। |
− | # विज्ञान गणित के समान ही पढ़ने या लिखने का विषय नहीं है अपितु अनुभव करने का विषय है, प्रतीति का विषय है। (Subject of experience and realization) इसलिए पाठ्यपुस्तक के आधार पर उसका शिक्षणकार्य असंभव है। | + | # विज्ञान गणित के समान ही पढ़ने या लिखने का विषय नहीं है अपितु अनुभव करने का विषय है, प्रतीति का विषय है। (Subject of experience and realization) अतः पाठ्यपुस्तक के आधार पर उसका शिक्षणकार्य असंभव है। |
− | # जैसे गणित गणना करना होता है, वैसे ही विज्ञान निरीक्षण एवं परीक्षण करना होता है। निरीक्षण का अर्थ है ध्यान से देखना एवं परीक्षण का अर्थ है परखना। परखना प्रयोग करना है। इसलिए विज्ञान अर्थात् प्रयोग। प्रयोगशाला में ही विज्ञान की पढ़ाई हो सकती है। | + | # जैसे गणित गणना करना होता है, वैसे ही विज्ञान निरीक्षण एवं परीक्षण करना होता है। निरीक्षण का अर्थ है ध्यान से देखना एवं परीक्षण का अर्थ है परखना। परखना प्रयोग करना है। अतः विज्ञान अर्थात् प्रयोग। प्रयोगशाला में ही विज्ञान की पढ़ाई हो सकती है। |
− | # विज्ञान हमारे चारों ओर के वातावरण में स्थित है। रसोई, स्नानघर, मैदान, विद्यालय इत्यादि सभी जगहों पर विज्ञान दिखाई देता है। विज्ञान के आधार पर ही हमारे सब कार्य होते हैं। इसलिए विज्ञान को व्यवहार के साथ जोड़कर ही सिखाना चाहिए। निरीक्षण, परीक्षण, अनुभव, प्रतीति इत्यादि का अनुभव करते-करते ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही जगत के सारे कार्य संपन्न होते हैं। | + | # विज्ञान हमारे चारों ओर के वातावरण में स्थित है। रसोई, स्नानघर, मैदान, विद्यालय इत्यादि सभी जगहों पर विज्ञान दिखाई देता है। विज्ञान के आधार पर ही हमारे सब कार्य होते हैं। अतः विज्ञान को व्यवहार के साथ जोड़कर ही सिखाना चाहिए। निरीक्षण, परीक्षण, अनुभव, प्रतीति इत्यादि का अनुभव करते-करते ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही जगत के सारे कार्य संपन्न होते हैं। |
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| == पाठ्यक्रम == | | == पाठ्यक्रम == |
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| === खगोल === | | === खगोल === |
| # आकाशी पदार्थ : सूर्य, चंद्र, तारे, आकाश का निरीक्षण करने के लिए कहना। | | # आकाशी पदार्थ : सूर्य, चंद्र, तारे, आकाश का निरीक्षण करने के लिए कहना। |
− | # पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, इसलिए रातदिन होते हैं। इसी कारण सुबह, दोपहर एवं शाम होती है। धूप एवं परछाईं का निरीक्षण करवाना। | + | # पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, अतः रातदिन होते हैं। इसी कारण सुबह, दोपहर एवं शाम होती है। धूप एवं परछाईं का निरीक्षण करवाना। |
| # छः ऋतुओं का परिचय देना। उसके प्राकृतिक लक्षणों का वर्णन करना। उसका क्रम बनाए रखना। | | # छः ऋतुओं का परिचय देना। उसके प्राकृतिक लक्षणों का वर्णन करना। उसका क्रम बनाए रखना। |
| # पंचांग : तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग इन शब्दों की पहचान करवाना एवं उनके नाम बताना। यह सिर्फ जानकारी है। अभी इसका विवरण देने की आवश्यकता नहीं है। रसायण शास्त्र हमारे आसपास अनेकों रासायनिक प्रक्रियाएँ होती रहती हैं। यह बताना एवं पहचान करवाना। जैसे कि: | | # पंचांग : तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग इन शब्दों की पहचान करवाना एवं उनके नाम बताना। यह सिर्फ जानकारी है। अभी इसका विवरण देने की आवश्यकता नहीं है। रसायण शास्त्र हमारे आसपास अनेकों रासायनिक प्रक्रियाएँ होती रहती हैं। यह बताना एवं पहचान करवाना। जैसे कि: |
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| === वैज्ञानिकों का परिचय === | | === वैज्ञानिकों का परिचय === |
− | भारत ने विश्व को महान वैज्ञानिक प्रदान किए हैं। विज्ञान के क्षेत्र में इन वैज्ञानिकों ने अनेकों खोजें करके अमूल्य योगदान दिया है। प्रत्येक क्षेत्र में विश्व के देशों में वह आगे है। इसलिए इन वैज्ञानिकों का केवल नाम बताकर ही उनके चरित्र का अत्यंत सरल, एवं संक्षिप्त परिचय छात्रों को देना चाहिए। विज्ञान कथाएँ विज्ञान कथाएँ भी विज्ञान को रोचक बनाने के लिए हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एवं जानकारी प्राप्त करने के लिए हैं। साथ ही व्यवहार में तत्त्व कैसे अनुस्यूत होता है उसकी प्रतीति करने के लिए हैं। | + | भारत ने विश्व को महान वैज्ञानिक प्रदान किए हैं। विज्ञान के क्षेत्र में इन वैज्ञानिकों ने अनेकों खोजें करके अमूल्य योगदान दिया है। प्रत्येक क्षेत्र में विश्व के देशों में वह आगे है। अतः इन वैज्ञानिकों का केवल नाम बताकर ही उनके चरित्र का अत्यंत सरल, एवं संक्षिप्त परिचय छात्रों को देना चाहिए। विज्ञान कथाएँँ विज्ञान कथाएँँ भी विज्ञान को रोचक बनाने के लिए हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एवं जानकारी प्राप्त करने के लिए हैं। साथ ही व्यवहार में तत्त्व कैसे अनुस्यूत होता है उसकी प्रतीति करने के लिए हैं। |
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| + | इस विषय पर [[Dharmik Science and Technology (धार्मिक विज्ञान एवं तन्त्रज्ञान दृष्टि)|यह लेख]] भी देखें । |
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| ==References== | | ==References== |
| <references /> | | <references /> |
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| [[Category:शिक्षा पाठ्यक्रम एवं निर्देशिका]] | | [[Category:शिक्षा पाठ्यक्रम एवं निर्देशिका]] |
− | [[Category:Bhartiya Jeevan Pratiman (भारतीय जीवन प्रतिमान)]] | + | [[Category:Dharmik Jeevan Pratiman (धार्मिक जीवन प्रतिमान)]] |
− | [[Category:Education Series]]
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