Difference between revisions of "संयुक्त राष्ट्र संघ और उसकी विश्वस्तरीय संस्थायें"
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== संयुक्त राष्ट्र == | == संयुक्त राष्ट्र == | ||
− | संयुक्त राष्ट्र संघ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के लिये सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत | + | संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के लिये सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना २४ अक्टूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र संघ अधिकारपत्र पर ५० देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। |
− | + | द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य मे फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न होने पायें। संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्चना में सुरक्षा परिषद्वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़ांस, रूस और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे। | |
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ मे १९३ देश है, जो विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश है। इस संस्था की संस्चना में आम सभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक व सामाजिक परिषद्, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है। | वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ मे १९३ देश है, जो विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश है। इस संस्था की संस्चना में आम सभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक व सामाजिक परिषद्, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है। | ||
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प्रथम विश्वयुद्ध के बाद १९२९ में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था। राष्ट्र संघ काफ़ी हद तक प्रभावहीन था और संयुक्त राष्ट्र का उसकी जगह लेने का यह बहुत बड़ा फायदा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सदस्य देशों की सेनाओं को शांति स्थापित करने के लिये तैनात कर सकता है। | प्रथम विश्वयुद्ध के बाद १९२९ में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था। राष्ट्र संघ काफ़ी हद तक प्रभावहीन था और संयुक्त राष्ट्र का उसकी जगह लेने का यह बहुत बड़ा फायदा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सदस्य देशों की सेनाओं को शांति स्थापित करने के लिये तैनात कर सकता है। | ||
− | संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में पहली बार विचार | + | संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में पहली बार विचार द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के पहले प्रारंभ हुए थे। द्वितीय विश्व युद्ध मे विजयी होने वाले देशों ने मिलकर कोशिश की कि वे इस संस्था की संस्चना, सदस्यता, आदि के बारे में कुछ निर्णय कर पाए। |
− | + | २४ अप्रैल १९४५ को, द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद, अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को में अंतराष्ट्रीय संस्थाओं का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ और यहां उपस्थित ४० देशों ने संयुक्त राष्ट्रीय संविधान पर हस्ताक्षर किया। पोलैंड इस सम्मेलन में उपस्थित तो नहीं था, पर उसके हस्ताक्षर के लिए खास जगह रखी गई थी और बाद में पोलैंड ने भी हस्ताक्षर कर दिये। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों के हस्ताक्षर के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। | |
== सदस्य वर्ग == | == सदस्य वर्ग == | ||
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संयुक्त राष्ट्र संघ ने ६ भाषाओं को राज भाषा के रूप में स्वीकृत किया है (अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़ांसीसी, रूसी और स्पेनीश), परंतु इन में से केवल दो भाषाओं को संचालन भाषा माना जाता है (अंग्रेज़ी और फ़ांसीसी )। | संयुक्त राष्ट्र संघ ने ६ भाषाओं को राज भाषा के रूप में स्वीकृत किया है (अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़ांसीसी, रूसी और स्पेनीश), परंतु इन में से केवल दो भाषाओं को संचालन भाषा माना जाता है (अंग्रेज़ी और फ़ांसीसी )। | ||
− | स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेज़ी, फ़ांसीसी, रूसी) और १९७३ में अरबी और स्पेनीश को भी संमिलित किया गया। इन भाषाओं के बारे में काफ़ी विवाद उठता है। कुछ | + | स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेज़ी, फ़ांसीसी, रूसी) और १९७३ में अरबी और स्पेनीश को भी संमिलित किया गया। इन भाषाओं के बारे में काफ़ी विवाद उठता है। कुछ लोगोंं का मानना है कि राज भाषाओं को ६ से एक (अंग्रेज़ी) तक घटाना चाहिए, परंतु इनके विरोध में वे देश है जो मानते है कि राज भाषाओं को बढ़ाना चाहिए। इन लोगोंं में से कई का मानना है कि हिंदी को भी संमिलित करना आवश्यक है। |
संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिकी अंग्रेज़ी की जगह ब्रिटिश अंग्रेज़ी का प्रयोग करता है। १९७१ तक, जब तक संयुक्त राष्ट्र संघ तईवान की सरकार को चीन के अधिकार की सरकार मानता था, चीनी भाषा के परम्परागत अक्षर का प्रयोग चलता था। जब तईवान की जगह आज की चीनी सरकार को स्वीकृत किया गया, तब संयुक्त राष्ट्र ने सरलीकृत अक्षर के प्रयोग का प्रारंभ किया। | संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिकी अंग्रेज़ी की जगह ब्रिटिश अंग्रेज़ी का प्रयोग करता है। १९७१ तक, जब तक संयुक्त राष्ट्र संघ तईवान की सरकार को चीन के अधिकार की सरकार मानता था, चीनी भाषा के परम्परागत अक्षर का प्रयोग चलता था। जब तईवान की जगह आज की चीनी सरकार को स्वीकृत किया गया, तब संयुक्त राष्ट्र ने सरलीकृत अक्षर के प्रयोग का प्रारंभ किया। | ||
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# मानव अधिकार संसद | # मानव अधिकार संसद | ||
# आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद | # आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद | ||
− | # जातीय | + | # जातीय भेदभाव निष्कासन संसद |
# नारी विरुद्ध भेदभाव निष्कासन संसद | # नारी विरुद्ध भेदभाव निष्कासन संसद | ||
# यातना विरुद्ध संसद | # यातना विरुद्ध संसद | ||
− | # | + | # बच्चोंं के अधिकारों का संसद |
# प्रवासी कर्मचारी संसद | # प्रवासी कर्मचारी संसद | ||
== संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन विमेन ) == | == संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन विमेन ) == | ||
− | विश्व में महिलाओं के समानता के मुद्दे को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्व निकाय के भीतर एकल एजेंसी के रूप में संयुक्त राष्ट्र महिला के गठन को ४ जुलाई २०१० को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। वास्तविक तौर पर ०१ जनवरी | + | विश्व में महिलाओं के समानता के मुद्दे को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्व निकाय के भीतर एकल एजेंसी के रूप में संयुक्त राष्ट्र महिला के गठन को ४ जुलाई २०१० को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। वास्तविक तौर पर ०१ जनवरी २०११ को इसकी स्थापना की गयी। मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में बनाया गया है। यूएन विमेन की वर्तमान प्रमुख चिली की पूर्व प्रधानमंत्री सुश्री मिशेल बैशलैट हैं। संस्था का प्रमुख कार्य महिलाओं के प्रति सभी तरह के भेदभाव को दूर करने तथा उनके सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास करना होगा। उल्लेखनीय है कि १९५३ में ८वें संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष होने का गौरव भारत की विजयालक्ष्मी पण्डित को प्राप्त है। संयुक्त राष्ट्र संघ के ४ संगठनों का विलय करके नई इकाई को संयुक्त राष्ट्र महिला नाम दिया गया है। ये संगठन निम्नवत हैं: |
* संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष १९७६ | * संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष १९७६ | ||
* महिला संवर्धन प्रभाग १९४६ | * महिला संवर्धन प्रभाग १९४६ | ||
− | * लिंगाधारित मुद्दे पर विशेष सलाहकार कार्यालय | + | * लिंगाधारित मुद्दे पर विशेष सलाहकार कार्यालय १९९७ |
* महिला संवर्धन हेतु संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शोध और प्रशिक्षण संस्थान १९७६ | * महिला संवर्धन हेतु संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शोध और प्रशिक्षण संस्थान १९७६ | ||
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संयुक्त राष्ट्र संघ के शांतिरक्षक वहां भेजे जाते हैं जहां हिंसा कुछ देर पहले से बंद है ताकि वह शांति संघ की शर्तों को लगू रखें और हिंसा को रोककर रखें। यह दल सदस्य राष्ट्र द्वारा भेजे जाते हैं और शांतिरक्षा के कार्यों में भाग लेना वैकल्पिक होता है। विश्व में केवल दो राष्ट्र हैं जिन्होंने हर शांतिरक्षा कार्य में भाग लिया है: कनाडा और पुर्तगाल। संयुक्त राष्ट्र संघ स्वतंत्र सेना नहीं रखती है। शांतिरक्षा का हर कार्य सुरक्षा परिषद् द्वारा अनुमोदित होता है। | संयुक्त राष्ट्र संघ के शांतिरक्षक वहां भेजे जाते हैं जहां हिंसा कुछ देर पहले से बंद है ताकि वह शांति संघ की शर्तों को लगू रखें और हिंसा को रोककर रखें। यह दल सदस्य राष्ट्र द्वारा भेजे जाते हैं और शांतिरक्षा के कार्यों में भाग लेना वैकल्पिक होता है। विश्व में केवल दो राष्ट्र हैं जिन्होंने हर शांतिरक्षा कार्य में भाग लिया है: कनाडा और पुर्तगाल। संयुक्त राष्ट्र संघ स्वतंत्र सेना नहीं रखती है। शांतिरक्षा का हर कार्य सुरक्षा परिषद् द्वारा अनुमोदित होता है। | ||
− | संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापकों को ऊची उम्मीद थी की वह युद्ध को | + | संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापकों को ऊची उम्मीद थी की वह युद्ध को सदा के लिए रोक पाएंगे, पर शीत युद्ध( १९४५ - १९९४१) के समय विश्व विरोधी भागों में विभाजित होने के कारण, शांतिरक्षा संघ को बनाए रखना बहुत कठिन था। |
== संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्थाएं == | == संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्थाएं == | ||
संयुक्त राष्ट्र संघ के अपने कई कार्यक्रमों और संस्थाओं के अलावा १४ स्वतंत्र संस्थाओं से इसकी व्यवस्था गठित होती है। स्वतंत्र संस्थाओं में विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन शामिल हैं। इनका संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सहयोग समझौता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की अपनी कुछ प्रमुख संस्थाएं और कार्यक्रम हैं। | संयुक्त राष्ट्र संघ के अपने कई कार्यक्रमों और संस्थाओं के अलावा १४ स्वतंत्र संस्थाओं से इसकी व्यवस्था गठित होती है। स्वतंत्र संस्थाओं में विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन शामिल हैं। इनका संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सहयोग समझौता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की अपनी कुछ प्रमुख संस्थाएं और कार्यक्रम हैं। | ||
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्थाएं''' | |
− | + | {| class="wikitable" | |
+ | |+ | ||
+ | !सं. | ||
+ | !लघुनाम | ||
+ | !संस्था | ||
+ | !मुख्यालय | ||
+ | !अध्यक्ष | ||
+ | !स्थापना | ||
+ | |- | ||
+ | |१ | ||
+ | |एफएओ | ||
+ | |खाद्य एवं कृषि संगठन | ||
+ | |रोम,इटली | ||
+ | |जैकस डियोफ | ||
+ | |१९४५ | ||
+ | |- | ||
+ | |२ | ||
+ | |आईएईए | ||
+ | |अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण | ||
+ | |वियना,ऑस्ट्रिया | ||
+ | |युकीया अमानो | ||
+ | |१९५७ | ||
+ | |- | ||
+ | |३ | ||
+ | |आईसीएओ | ||
+ | |अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन | ||
+ | |मॉन्ट्रियल,कनाडा | ||
+ | |रेमंड बेन्जामिन | ||
+ | |१९४७ | ||
+ | |- | ||
+ | |४ | ||
+ | |आईएफएडी | ||
+ | |अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष | ||
+ | |रोम,इटली | ||
+ | |कनायो एफ न्वान्जे | ||
+ | |१९७७ | ||
+ | |- | ||
+ | |५ | ||
+ | |आईएलो | ||
+ | |अंतर्राष्ट्रीय श्रम संघ | ||
+ | |जेनेवा,स्विट्जरलैंड | ||
+ | |जुआन सोमाविया | ||
+ | |१९४६ | ||
+ | |- | ||
+ | |६ | ||
+ | |आईएमओ | ||
+ | |अंतर्राष्ट्रीय सागरीय संगठन | ||
+ | |लंदन, ब्रिटेन | ||
+ | |ई. मित्रोपौलुस | ||
+ | |१९४८ | ||
+ | |- | ||
+ | |७ | ||
+ | |आईएमएफ | ||
+ | |अंतर्राष्ट्रीय मॉनीटरी फंड | ||
+ | |वाशिंगटन.सं.रा | ||
+ | |डोमिनीक स्ट्रॉस काह्न | ||
+ | |१९४५ | ||
+ | |- | ||
+ | |८ | ||
+ | |आईटीयू | ||
+ | |अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ | ||
+ | |जेनेवा,स्विट्जरलैंड | ||
+ | |हमादोऊ टौरे | ||
+ | |१९४७ | ||
+ | |- | ||
+ | |९ | ||
+ | |यूनेस्को | ||
+ | |संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन | ||
+ | |पैरिस,फ्रांस | ||
+ | |आयरीना बोकोवा | ||
+ | |१९४६ | ||
+ | |- | ||
+ | |१० | ||
+ | |यूएनआईडीओ | ||
+ | |संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन | ||
+ | |वियना,ऑस्ट्रिया | ||
+ | |कान्देह युमकेला | ||
+ | |१९६७ | ||
+ | |- | ||
+ | |११ | ||
+ | |यूपीयू | ||
+ | |वैश्विक डाक संघ | ||
+ | |बर्न,स्विट्जरलैंड | ||
+ | |एदुआर्दो डायन | ||
+ | |१९४७ | ||
+ | |- | ||
+ | |१२ | ||
+ | |डब्ल्यु बी | ||
+ | |विश्व बैंक | ||
+ | |वाशिंगटन,सं.रा | ||
+ | |रॉबर्ट बी ज़ोलिक | ||
+ | |१९४५ | ||
+ | |- | ||
+ | |१३ | ||
+ | |डब्ल्यु एफपी | ||
+ | |विश्व खाद्य कार्यक्रम | ||
+ | |रोम,इटली | ||
+ | |जोसेट शीरान | ||
+ | |१९६३ | ||
+ | |- | ||
+ | |१४ | ||
+ | |डब्ल्यु एच ओ | ||
+ | |विश्व स्वास्थ्य संगठन | ||
+ | |जेनेवा,स्विट्जरलैंड | ||
+ | |मार्गरेट चैन | ||
+ | |१९४८ | ||
+ | |- | ||
+ | |१५ | ||
+ | |डब्ल्युआईपीओ | ||
+ | |वर्ल्ड इन्टलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑर्गनाइजेशन | ||
+ | |जेनेवा,स्विट्जरलैंड | ||
+ | |फ्रांसिस गुरी | ||
+ | |१९७४ | ||
+ | |- | ||
+ | |१६ | ||
+ | |डब्ल्युएमओ | ||
+ | |विश्व मौसम संगठन | ||
+ | |जेनेवा,स्विट्जरलैंड | ||
+ | |एलेक्जेन्डर बेद्रित्स्की | ||
+ | |१९५० | ||
+ | |- | ||
+ | |१७ | ||
+ | |डब्ल्यूटीओ | ||
+ | |विश्व पर्यटन संगठन | ||
+ | |मद्रीद,स्पेन | ||
+ | |तालिब रिफाई | ||
+ | |१९७४ | ||
+ | |} | ||
− | + | ये इस प्रकार है : | |
− | + | ==== अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ==== | |
+ | विएन्ना में स्थित यह एजेंसी परमाणु निगरानी का काम करती है। | ||
− | + | ==== अंतराष्ट्रीय अपराध आयोग ==== | |
+ | हेग में स्थित यह आयोग यूगोस्लाविया में युद्ध अपराध के संदिग्ध लोगोंं पर मुकदमा चलाने के लिए बनाया गया है। | ||
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र बाल कोष :''' यूनिसेफ नामक यह संस्था बच्चोंं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा की देखरेख करती है। | |
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम :''' यूएनडीपी नामक संस्था गरीबी कम करने, आधारभूत ढाँचे के विकास और प्रजातांत्रिक प्रशासन को प्रोत्साहित करने का काम करती है। | |
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन :''' यह संस्था व्यापार, निवेश और विकास के मुद्दों से संबंधित उद्देश्य को लेकर चलती है। | |
− | + | '''अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निधि :''' अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीक सहायता देती है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। | |
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक परिषद :''' पेरिस में स्थित इस संस्था का उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से शांति और विकास का प्रसार करना है। | |
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम :''' यूएनईपी नामक यह संस्था नैरोबी में स्थित है। इस संस्था का काम पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देना है। | |
− | + | '''संयुक्त राष्ट्र राजदूत :''' इसका काम शरणार्थियों के अधिकारों और उनके कल्याण की देखरेख करना है। यह जीनिवा में स्थित है। | |
− | + | '''विश्व खाद्य कार्यक्रम :''' भूख के विरुद्द लड़ाई के लिए बनाई गई यह प्रमुख संस्था है। इसका मुख्यालय रोम में है। | |
− | + | '''अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ :''' अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम बनाता है। | |
− | + | '''अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन :''' यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय वायु नौवहन के सिद्धांत और तकनीकों को नियत करता है और अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात के विकास और योजना का पालन करता है, जिससे सुरक्षितता और विकास सुनिश्चित हो सके। | |
− | + | ==References== | |
− | + | धार्मिक शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण धार्मिक शिक्षा (धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला ५): पर्व १: अध्याय ३, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे | |
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− | + | [[Category:धार्मिक शिक्षा ग्रंथमाला 5: पर्व 1: अन्तर्जाल पर विश्वस्थिति]] | |
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Latest revision as of 22:43, 12 December 2020
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संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के लिये सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना २४ अक्टूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र संघ अधिकारपत्र पर ५० देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई।
द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य मे फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न होने पायें। संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्चना में सुरक्षा परिषद्वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़ांस, रूस और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे।
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ मे १९३ देश है, जो विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश है। इस संस्था की संस्चना में आम सभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक व सामाजिक परिषद्, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है।
इतिहास
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद १९२९ में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था। राष्ट्र संघ काफ़ी हद तक प्रभावहीन था और संयुक्त राष्ट्र का उसकी जगह लेने का यह बहुत बड़ा फायदा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सदस्य देशों की सेनाओं को शांति स्थापित करने के लिये तैनात कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में पहली बार विचार द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के पहले प्रारंभ हुए थे। द्वितीय विश्व युद्ध मे विजयी होने वाले देशों ने मिलकर कोशिश की कि वे इस संस्था की संस्चना, सदस्यता, आदि के बारे में कुछ निर्णय कर पाए।
२४ अप्रैल १९४५ को, द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद, अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को में अंतराष्ट्रीय संस्थाओं का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ और यहां उपस्थित ४० देशों ने संयुक्त राष्ट्रीय संविधान पर हस्ताक्षर किया। पोलैंड इस सम्मेलन में उपस्थित तो नहीं था, पर उसके हस्ताक्षर के लिए खास जगह रखी गई थी और बाद में पोलैंड ने भी हस्ताक्षर कर दिये। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों के हस्ताक्षर के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई।
सदस्य वर्ग
२००६ तक संयुक्त राष्ट्र संघ में १९२ सदस्य देश थे। विश्व के लगभग सारे मान्यता प्राप्त देश उसके सदस्य है। कुछ विषेश अपवाद तइवान (जिसकी सत्ता चीन को १९७१ में दे दी गई थी), वैटिकन, फ़िलिस्तीन (जिसको दर्शक की स्थिति का सदस्य माना जा सकता है), तथा और कुछ देशों का था। सबसे नए सदस्य देश है मँटेनीग्रो, जिसको २८ जून, २००६ को सदस्य बनाया गया।
मुख्यालय
संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पचासी लाख डॉलर के लिए खरीदी भूसंपत्ति पर स्थापित है। इस इमारत की स्थापना का प्रबंध एक अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकारों के समूह द्वारा हुआ। इस मुख्यालय के अलावा और अहम संस्थाएं जनीवा, कोपनहेगन आदि में भी है।
यह संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र संघ के स्वतंत्र अधिकार क्षेत्र तो नहीं हैं, परंतु उनको काफ़ी स्वतंत्रताएं दी जाती है।
भाषाएँ
संयुक्त राष्ट्र संघ ने ६ भाषाओं को राज भाषा के रूप में स्वीकृत किया है (अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़ांसीसी, रूसी और स्पेनीश), परंतु इन में से केवल दो भाषाओं को संचालन भाषा माना जाता है (अंग्रेज़ी और फ़ांसीसी )।
स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेज़ी, फ़ांसीसी, रूसी) और १९७३ में अरबी और स्पेनीश को भी संमिलित किया गया। इन भाषाओं के बारे में काफ़ी विवाद उठता है। कुछ लोगोंं का मानना है कि राज भाषाओं को ६ से एक (अंग्रेज़ी) तक घटाना चाहिए, परंतु इनके विरोध में वे देश है जो मानते है कि राज भाषाओं को बढ़ाना चाहिए। इन लोगोंं में से कई का मानना है कि हिंदी को भी संमिलित करना आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिकी अंग्रेज़ी की जगह ब्रिटिश अंग्रेज़ी का प्रयोग करता है। १९७१ तक, जब तक संयुक्त राष्ट्र संघ तईवान की सरकार को चीन के अधिकार की सरकार मानता था, चीनी भाषा के परम्परागत अक्षर का प्रयोग चलता था। जब तईवान की जगह आज की चीनी सरकार को स्वीकृत किया गया, तब संयुक्त राष्ट्र ने सरलीकृत अक्षर के प्रयोग का प्रारंभ किया।
उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र संघ के व्यक्त उद्देश्य हैं युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतर्राष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारना, जीवन स्तर सुधारना और बिमारियों से लड़ना। सदस्य राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं और राष्ट्रीय मामलों को सम्हालने का मौका मिलता है। इन उद्देश्य को निभाने के लिए १९४८ में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा प्रमाणित की गई है।
मानव अधिकार
द्वितीय विश्वयुद्ध के जातिसंहार के बाद, संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव अधिकारों को बहुत आवश्यक समझा था। ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकना अहम समझकर, १९४८ में सामान्य सभा ने मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत किया। यह अबंधनकारी घोषणा पूरे विश्व के लिए एक समान दर्जा स्थापित करती है, जिसका कि संयुक्त राष्टर संघ भी समर्थन करेगा। १५ मार्च २००६ को, समान्य सभा ने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकारों के आयोग को त्यागकर संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद् की स्थापना की।
आज मानव अधिकारों के संबंध में सात संघ निकाय स्थापित है। यह सात निकाय हैं :
- मानव अधिकार संसद
- आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद
- जातीय भेदभाव निष्कासन संसद
- नारी विरुद्ध भेदभाव निष्कासन संसद
- यातना विरुद्ध संसद
- बच्चोंं के अधिकारों का संसद
- प्रवासी कर्मचारी संसद
संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन विमेन )
विश्व में महिलाओं के समानता के मुद्दे को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्व निकाय के भीतर एकल एजेंसी के रूप में संयुक्त राष्ट्र महिला के गठन को ४ जुलाई २०१० को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। वास्तविक तौर पर ०१ जनवरी २०११ को इसकी स्थापना की गयी। मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में बनाया गया है। यूएन विमेन की वर्तमान प्रमुख चिली की पूर्व प्रधानमंत्री सुश्री मिशेल बैशलैट हैं। संस्था का प्रमुख कार्य महिलाओं के प्रति सभी तरह के भेदभाव को दूर करने तथा उनके सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास करना होगा। उल्लेखनीय है कि १९५३ में ८वें संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष होने का गौरव भारत की विजयालक्ष्मी पण्डित को प्राप्त है। संयुक्त राष्ट्र संघ के ४ संगठनों का विलय करके नई इकाई को संयुक्त राष्ट्र महिला नाम दिया गया है। ये संगठन निम्नवत हैं:
- संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष १९७६
- महिला संवर्धन प्रभाग १९४६
- लिंगाधारित मुद्दे पर विशेष सलाहकार कार्यालय १९९७
- महिला संवर्धन हेतु संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शोध और प्रशिक्षण संस्थान १९७६
शांतिरक्षा
संयुक्त राष्ट्र संघ के शांतिरक्षक वहां भेजे जाते हैं जहां हिंसा कुछ देर पहले से बंद है ताकि वह शांति संघ की शर्तों को लगू रखें और हिंसा को रोककर रखें। यह दल सदस्य राष्ट्र द्वारा भेजे जाते हैं और शांतिरक्षा के कार्यों में भाग लेना वैकल्पिक होता है। विश्व में केवल दो राष्ट्र हैं जिन्होंने हर शांतिरक्षा कार्य में भाग लिया है: कनाडा और पुर्तगाल। संयुक्त राष्ट्र संघ स्वतंत्र सेना नहीं रखती है। शांतिरक्षा का हर कार्य सुरक्षा परिषद् द्वारा अनुमोदित होता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापकों को ऊची उम्मीद थी की वह युद्ध को सदा के लिए रोक पाएंगे, पर शीत युद्ध( १९४५ - १९९४१) के समय विश्व विरोधी भागों में विभाजित होने के कारण, शांतिरक्षा संघ को बनाए रखना बहुत कठिन था।
संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्थाएं
संयुक्त राष्ट्र संघ के अपने कई कार्यक्रमों और संस्थाओं के अलावा १४ स्वतंत्र संस्थाओं से इसकी व्यवस्था गठित होती है। स्वतंत्र संस्थाओं में विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन शामिल हैं। इनका संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सहयोग समझौता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की अपनी कुछ प्रमुख संस्थाएं और कार्यक्रम हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट संस्थाएं
सं. | लघुनाम | संस्था | मुख्यालय | अध्यक्ष | स्थापना |
---|---|---|---|---|---|
१ | एफएओ | खाद्य एवं कृषि संगठन | रोम,इटली | जैकस डियोफ | १९४५ |
२ | आईएईए | अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण | वियना,ऑस्ट्रिया | युकीया अमानो | १९५७ |
३ | आईसीएओ | अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन | मॉन्ट्रियल,कनाडा | रेमंड बेन्जामिन | १९४७ |
४ | आईएफएडी | अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष | रोम,इटली | कनायो एफ न्वान्जे | १९७७ |
५ | आईएलो | अंतर्राष्ट्रीय श्रम संघ | जेनेवा,स्विट्जरलैंड | जुआन सोमाविया | १९४६ |
६ | आईएमओ | अंतर्राष्ट्रीय सागरीय संगठन | लंदन, ब्रिटेन | ई. मित्रोपौलुस | १९४८ |
७ | आईएमएफ | अंतर्राष्ट्रीय मॉनीटरी फंड | वाशिंगटन.सं.रा | डोमिनीक स्ट्रॉस काह्न | १९४५ |
८ | आईटीयू | अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ | जेनेवा,स्विट्जरलैंड | हमादोऊ टौरे | १९४७ |
९ | यूनेस्को | संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन | पैरिस,फ्रांस | आयरीना बोकोवा | १९४६ |
१० | यूएनआईडीओ | संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन | वियना,ऑस्ट्रिया | कान्देह युमकेला | १९६७ |
११ | यूपीयू | वैश्विक डाक संघ | बर्न,स्विट्जरलैंड | एदुआर्दो डायन | १९४७ |
१२ | डब्ल्यु बी | विश्व बैंक | वाशिंगटन,सं.रा | रॉबर्ट बी ज़ोलिक | १९४५ |
१३ | डब्ल्यु एफपी | विश्व खाद्य कार्यक्रम | रोम,इटली | जोसेट शीरान | १९६३ |
१४ | डब्ल्यु एच ओ | विश्व स्वास्थ्य संगठन | जेनेवा,स्विट्जरलैंड | मार्गरेट चैन | १९४८ |
१५ | डब्ल्युआईपीओ | वर्ल्ड इन्टलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑर्गनाइजेशन | जेनेवा,स्विट्जरलैंड | फ्रांसिस गुरी | १९७४ |
१६ | डब्ल्युएमओ | विश्व मौसम संगठन | जेनेवा,स्विट्जरलैंड | एलेक्जेन्डर बेद्रित्स्की | १९५० |
१७ | डब्ल्यूटीओ | विश्व पर्यटन संगठन | मद्रीद,स्पेन | तालिब रिफाई | १९७४ |
ये इस प्रकार है :
अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी
विएन्ना में स्थित यह एजेंसी परमाणु निगरानी का काम करती है।
अंतराष्ट्रीय अपराध आयोग
हेग में स्थित यह आयोग यूगोस्लाविया में युद्ध अपराध के संदिग्ध लोगोंं पर मुकदमा चलाने के लिए बनाया गया है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष : यूनिसेफ नामक यह संस्था बच्चोंं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा की देखरेख करती है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम : यूएनडीपी नामक संस्था गरीबी कम करने, आधारभूत ढाँचे के विकास और प्रजातांत्रिक प्रशासन को प्रोत्साहित करने का काम करती है।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन : यह संस्था व्यापार, निवेश और विकास के मुद्दों से संबंधित उद्देश्य को लेकर चलती है।
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निधि : अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीक सहायता देती है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है।
संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक परिषद : पेरिस में स्थित इस संस्था का उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से शांति और विकास का प्रसार करना है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम : यूएनईपी नामक यह संस्था नैरोबी में स्थित है। इस संस्था का काम पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देना है।
संयुक्त राष्ट्र राजदूत : इसका काम शरणार्थियों के अधिकारों और उनके कल्याण की देखरेख करना है। यह जीनिवा में स्थित है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम : भूख के विरुद्द लड़ाई के लिए बनाई गई यह प्रमुख संस्था है। इसका मुख्यालय रोम में है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ : अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम बनाता है।
अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन : यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय वायु नौवहन के सिद्धांत और तकनीकों को नियत करता है और अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात के विकास और योजना का पालन करता है, जिससे सुरक्षितता और विकास सुनिश्चित हो सके।
References
धार्मिक शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण धार्मिक शिक्षा (धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला ५): पर्व १: अध्याय ३, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे