Difference between revisions of "बाल संस्कार - पुण्यभूमि भारत"
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Revision as of 12:56, 9 December 2020
उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्वेश्चेव दक्षिणम्।
वर्ष तद्भारत नाम भारती यत्र सन्तति:।
हिन्द महासागर के उत्तर में तथा हिमालय के दक्षिण में स्थित महान् देश भारतवर्ष के नाम से जाना जाता है, यहाँ का पुत्र रूप समाज भारतीय हैं । प्रत्येक भारतीय को यह देश प्राणों से प्यारा है। क्योंकि इसका कण-कण पवित्र है, तभी तो प्रत्येक सच्चा भारतीय (हिन्दू) गाता है-"कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है"।इस भूमि पर
पग-पग में उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास अंकित है। श्री गुरुजी गोलवलकर उसकी साक्षात् जगज्जननी के रूप में उपासना करते थे। स्वामी विवेकानन्द ने श्रीपाद शिला पर इसका जगन्माता के रूप में साक्षात्कार किया। वह भारत माता हमारी आराध्या है। उसके स्वरूप का वर्णन वाणी व लेखनीद्वारा असंभव है, फिर भी माता के पुत्र के नाते उसके भव्य-दिव्य स्वरूप का अधिकाधिक ज्ञान हमें प्राप्त करना चाहिए। कैलास से कन्याकुमारी, अटक से कटक तक विस्तृत इस महान् भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों व धार्मिक स्थानों का वर्णन यहाँ दिया जा रहा हैं ।