Difference between revisions of "चूहे और हाथी भी मित्र हो सकते हैं"
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− | + | जंगल में सभी प्राणी मिलजुलकर रहते थे | सभी प्राणियों का रहने का अपना अपना स्थान है | सभी की सीमाएं निश्चित थी जंगल में भी नियमो द्वारा चला जाता था | जंगल में कुछ हाथी का दल एक सरोवर के नजदीक रहता था ताकि उन्हें भोजन और जल की सुविधा हो | एक दिन हाथियों के सरोवर का पानी सुख गया | हाथियों का दल प्यास से तड़पने लगे और पूरा दल पानी की खोज में जंगल के दूसरी दिशा में चल पड़े | | |
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+ | हाथियों को एक नदी दिखाई दी हाथियों का झुंड नदी की ओर दौड़ पड़ा | परन्तु नदी के किनारे चूहों का दल अपना घर बना कर रखा था | वह हथियो का झुंड जिस रास्ते से जाते थे उस रास्ते पे कुछ चूहे रहते थे | प्रतिदिन जब हाथियों का झुंड स्नान करने जाता था तब कई सारे चूहों की हथियो के पैर के नीचे दब कर मृत्यु हो जाती थी | | ||
इस लिए सारे चूहों ने अपनी एक बैठक बुलाई और तय किया की हम सब हथियो से जा कर अपनी समस्या बताएँगे |सारे चूहे मिल कर हाथियों से मिलने के लिए गए और हथियो से अपनी समस्या बताइ की ,” जब आप सब स्नान करने जाते हैं तब हमारे कुछ साथी आप के पैरो के निचे दब कर मृत्यु हो जाती है |" | इस लिए सारे चूहों ने अपनी एक बैठक बुलाई और तय किया की हम सब हथियो से जा कर अपनी समस्या बताएँगे |सारे चूहे मिल कर हाथियों से मिलने के लिए गए और हथियो से अपनी समस्या बताइ की ,” जब आप सब स्नान करने जाते हैं तब हमारे कुछ साथी आप के पैरो के निचे दब कर मृत्यु हो जाती है |" | ||
− | + | हाथियों के सरदार ने चूहों से कहा की ,"हमें बहुत दुःख है की हमारे पैरो से दब कर आप के कुछ साथियों की मृत्यु हो गई ,हम तुम्हे नकसान नही पहुचना चाहते थे | अब हम आपना रास्ता बदल रहे है तुम चिंता मत करो |हाथियों ने चूहों का निवेदन स्वीकार किया | चूहों ने हाथियों को धन्यवाद किया और कहा की," कभी आप को हमारी सहायता की आवश्यकता पड़ने पर हम भी आप की मदत करेगे |" | |
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+ | एक दिन हाथी स्नान करने जा रहे थे तो शिकारियों ने हाथियों को अपने जाल में फसा लिया | |
Revision as of 14:35, 27 September 2020
जंगल में सभी प्राणी मिलजुलकर रहते थे | सभी प्राणियों का रहने का अपना अपना स्थान है | सभी की सीमाएं निश्चित थी जंगल में भी नियमो द्वारा चला जाता था | जंगल में कुछ हाथी का दल एक सरोवर के नजदीक रहता था ताकि उन्हें भोजन और जल की सुविधा हो | एक दिन हाथियों के सरोवर का पानी सुख गया | हाथियों का दल प्यास से तड़पने लगे और पूरा दल पानी की खोज में जंगल के दूसरी दिशा में चल पड़े |
हाथियों को एक नदी दिखाई दी हाथियों का झुंड नदी की ओर दौड़ पड़ा | परन्तु नदी के किनारे चूहों का दल अपना घर बना कर रखा था | वह हथियो का झुंड जिस रास्ते से जाते थे उस रास्ते पे कुछ चूहे रहते थे | प्रतिदिन जब हाथियों का झुंड स्नान करने जाता था तब कई सारे चूहों की हथियो के पैर के नीचे दब कर मृत्यु हो जाती थी |
इस लिए सारे चूहों ने अपनी एक बैठक बुलाई और तय किया की हम सब हथियो से जा कर अपनी समस्या बताएँगे |सारे चूहे मिल कर हाथियों से मिलने के लिए गए और हथियो से अपनी समस्या बताइ की ,” जब आप सब स्नान करने जाते हैं तब हमारे कुछ साथी आप के पैरो के निचे दब कर मृत्यु हो जाती है |"
हाथियों के सरदार ने चूहों से कहा की ,"हमें बहुत दुःख है की हमारे पैरो से दब कर आप के कुछ साथियों की मृत्यु हो गई ,हम तुम्हे नकसान नही पहुचना चाहते थे | अब हम आपना रास्ता बदल रहे है तुम चिंता मत करो |हाथियों ने चूहों का निवेदन स्वीकार किया | चूहों ने हाथियों को धन्यवाद किया और कहा की," कभी आप को हमारी सहायता की आवश्यकता पड़ने पर हम भी आप की मदत करेगे |"
एक दिन हाथी स्नान करने जा रहे थे तो शिकारियों ने हाथियों को अपने जाल में फसा लिया |