Difference between revisions of "पुत्र सुपुत्र होने के कारक"
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− | + | कई समय पूर्व की यह घटना है तीन महिलाएं नदी के तीर पर बैठकर अपने बेटों की प्रशंसा पर कर रही थी । पहली महिला ने कहा ,"मेरा बेटा बहुत बड़ा विद्वान् है , वह शहर से पढ़ कर आया है तब से सम्पूर्ण गाँव में उसकी चर्चायें चल रही है । जैसे ही पहली महिला ने अपनी बात समाप्त की वैसे ही दूसरी स्त्री ने कहा की ,"मेरा बेटा तो पहलवान है उसके जैसा पहलवान आस पास के किसी गाँव में नहीं है ।" | |
− | तीसरी | + | तीसरी महिला चुप चाप वही खड़ी थी। उन दोनों महिलाओं ने कहा की , "बहन लगता है की तुमारा पुत्र कुपुत्र है इसीलिए अपने पुत्र के बारे में तुम कुछ नहीं बोल रही हों । "तीसरी महिला गर्व से बोली ,"सुपुत्र या कुपुत्र जैसे शब्द तो मै नहीं जानती बस मेरा बेटा तो मेरा लाल है । वह एक सीधा साधा किसान है ,वह शाम को खेत से आता है उस के बाद भी घर के काम करता है । आज बहुत कहने सुनने के बाद वह मेला देखने गया है । प्रतिदिन पानी भरने भी वही आता हैं । |
− | तीनो | + | तीनो महिलाएं अपने सर पर पानी का घड़ा ले कर घर की ओर जा रही थी । तभी पहली महिला का बेटा दिखाई पड़ा , वह अपनी माँ से आकर कहा ,"माँ मै आज भाषण देने जा रहा हूँ । मै खाना भी वही से खा कर आऊंगा ।" ऐसा कह कर वह चला गया । |
− | थोड़े समय बाद दूसरी | + | थोड़े समय बाद दूसरी महिला का बेटा वहा आया और कहा ,"माँ आज मैने एक सुप्रसिद्ध पहलवान को हराया और माँ आप जल्दी घर आ जाओ मुझे भूख लगी है ।" ऐसा कहकर दूसरी महिला का भी बेटा चला गया । थोड़े समय बाद तीसरी महिला का बेटा आया और कहा ,"माँ आप पानी भरने क्यों आई है ? मै बस आ ही रहा था ।"ऐसा कह कर तीसरी महिला के बेटे ने अपनी माँ के सर से घड़ा उतारकर अपने सर पर रखकर कर घर की ओर चल पड़ा । |
− | यह सब देख कर बाकि की | + | यह सब देख कर बाकि की दोनों महिलाओं का सर लज्जा से निचा झुक गया । उन दोनों ने तीसरी महिला से कहा की ,"बहन ,तुम्हारा ही बेटा सुपुत्र है ।" |
− | ===== | + | ===== सीख : - घमंड का पल अधिक समय तक नहीं रहता । ===== |
Revision as of 16:02, 22 September 2020
कई समय पूर्व की यह घटना है तीन महिलाएं नदी के तीर पर बैठकर अपने बेटों की प्रशंसा पर कर रही थी । पहली महिला ने कहा ,"मेरा बेटा बहुत बड़ा विद्वान् है , वह शहर से पढ़ कर आया है तब से सम्पूर्ण गाँव में उसकी चर्चायें चल रही है । जैसे ही पहली महिला ने अपनी बात समाप्त की वैसे ही दूसरी स्त्री ने कहा की ,"मेरा बेटा तो पहलवान है उसके जैसा पहलवान आस पास के किसी गाँव में नहीं है ।"
तीसरी महिला चुप चाप वही खड़ी थी। उन दोनों महिलाओं ने कहा की , "बहन लगता है की तुमारा पुत्र कुपुत्र है इसीलिए अपने पुत्र के बारे में तुम कुछ नहीं बोल रही हों । "तीसरी महिला गर्व से बोली ,"सुपुत्र या कुपुत्र जैसे शब्द तो मै नहीं जानती बस मेरा बेटा तो मेरा लाल है । वह एक सीधा साधा किसान है ,वह शाम को खेत से आता है उस के बाद भी घर के काम करता है । आज बहुत कहने सुनने के बाद वह मेला देखने गया है । प्रतिदिन पानी भरने भी वही आता हैं ।
तीनो महिलाएं अपने सर पर पानी का घड़ा ले कर घर की ओर जा रही थी । तभी पहली महिला का बेटा दिखाई पड़ा , वह अपनी माँ से आकर कहा ,"माँ मै आज भाषण देने जा रहा हूँ । मै खाना भी वही से खा कर आऊंगा ।" ऐसा कह कर वह चला गया ।
थोड़े समय बाद दूसरी महिला का बेटा वहा आया और कहा ,"माँ आज मैने एक सुप्रसिद्ध पहलवान को हराया और माँ आप जल्दी घर आ जाओ मुझे भूख लगी है ।" ऐसा कहकर दूसरी महिला का भी बेटा चला गया । थोड़े समय बाद तीसरी महिला का बेटा आया और कहा ,"माँ आप पानी भरने क्यों आई है ? मै बस आ ही रहा था ।"ऐसा कह कर तीसरी महिला के बेटे ने अपनी माँ के सर से घड़ा उतारकर अपने सर पर रखकर कर घर की ओर चल पड़ा ।
यह सब देख कर बाकि की दोनों महिलाओं का सर लज्जा से निचा झुक गया । उन दोनों ने तीसरी महिला से कहा की ,"बहन ,तुम्हारा ही बेटा सुपुत्र है ।"