Difference between revisions of "चाणक्य जी के प्रेरक प्रसंग - कर्तव्य"

From Dharmawiki
Jump to navigation Jump to search
(नया लेख बनाया)
(No difference)

Revision as of 14:54, 8 August 2020

एक दिन मगध सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्या जी से मिलाने कुछ विशेष मेहमान आये उन्होंने सम्राट से आचार्य चाणक्य से मुलाकात का आग्रह किया | सम्राट ने उनसे कर्ण पूछा तो उन्होंने कहा हमारी एक निजी समस्या है आचार्य चाणक्य जी से मार्गदर्शन चाहिए था | सम्राट ने उत्तर दिया की रात्र अधिक हो चुकू है आप विश्रांति कर पथ में भेट कर ले, परन्तु उन्हें विलम्ब हो रहा था मेहमान इंतजार करने में संकोच महसूस हर रहे थे |

सम्राट ने कहा आप उनके निवास स्थान पर जा कर भेट कर ले | सभी मेहमान आचार्य के निवास पर पहुंचे रही थी रात्रि जी अपने निवास के कार्यालय में बैठकर कुछ राजकीय कार्य कर रहे थे | कुछ लोग अपनी समस्या लेकर आचार्य चाणक्य जी से मिलाने रात्रि में