Difference between revisions of "वैश्विक आर्थिक असमानता"

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=== अध्याय १० ===
 
=== अध्याय १० ===
 
वैश्विक असमानता पर नजर रखना शोधकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार की सांख्यिकीय चुनौतियों की स्थिति पेदा करता हैं। अलग-अलग देशों, शुरुआत के लिए, अलग-अलग तरीकों से आय और धन की गणना करते हैं।लेकिन दुनिया भर में शोधकर्ताओं इन चुनौतियों पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हम अपने शोध से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्षों को नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं।
 
वैश्विक असमानता पर नजर रखना शोधकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार की सांख्यिकीय चुनौतियों की स्थिति पेदा करता हैं। अलग-अलग देशों, शुरुआत के लिए, अलग-अलग तरीकों से आय और धन की गणना करते हैं।लेकिन दुनिया भर में शोधकर्ताओं इन चुनौतियों पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हम अपने शोध से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्षों को नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं।
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वैश्विक जनसंख्या का हिस्सा गरीब के रूप में परिभाषित किया गया है - जो प्रतिदिन २ से कम कमाते हैं । - २००१ के बाद से लगभग आधे से १५ प्रतिशत तक गए हैं।कुल मिलाकर, दुनिया सहस्राब्दी की तुलना में अमीर हो गई है, विशेष रूप से, १० और २० प्रति दिन के बीच मध्य-आय वाले लोगों की वैश्विक उपस्थिति लगभग दोगुनी होकर ७ से १३ प्रतिशत हो गई है।
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दुनिया के लगभग तीन-चौथाई व्यक्ति संपत्ति में १०,००० डॉलर से कम के नीचे हैं। दुनिया के इस ७१ प्रतिशत हिस्से में वैश्विक संपत्ति का केवल ३ प्रतिशत हिस्सा है।दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों, जिनकी मिलकत में १००,००० डॉलर से अधिक संपत्ति है, कुल वैश्विक आबादी का केवल ८.१ प्रतिशत है, लेकिन वैश्विक धन का ८४.६ प्रतिशत है।
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पश्चिमी और यूरोपीय देशों में दुनिया के सबसे ज्यादा करोड़पति हैं।दुनिया के ७८% करोड़पति लोग यूरोप या उत्तरी अमेरिका में रहते हैं और इनमें करीब आधे से ज्यादा करोड़पति संयुक्त राज्य को अपना घर मानते हैं।गैर-पश्चिमी देशों में केवल जापान, चीन और ताइवान में करोड़पतियों की बड़ी मात्रा है।
  
 
==References==
 
==References==

Revision as of 03:29, 7 January 2020

अध्याय १०

वैश्विक असमानता पर नजर रखना शोधकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार की सांख्यिकीय चुनौतियों की स्थिति पेदा करता हैं। अलग-अलग देशों, शुरुआत के लिए, अलग-अलग तरीकों से आय और धन की गणना करते हैं।लेकिन दुनिया भर में शोधकर्ताओं इन चुनौतियों पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हम अपने शोध से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्षों को नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं।

Capture५६ .png

वैश्विक जनसंख्या का हिस्सा गरीब के रूप में परिभाषित किया गया है - जो प्रतिदिन २ से कम कमाते हैं । - २००१ के बाद से लगभग आधे से १५ प्रतिशत तक गए हैं।कुल मिलाकर, दुनिया सहस्राब्दी की तुलना में अमीर हो गई है, विशेष रूप से, १० और २० प्रति दिन के बीच मध्य-आय वाले लोगों की वैश्विक उपस्थिति लगभग दोगुनी होकर ७ से १३ प्रतिशत हो गई है।

Capture५७ .png

दुनिया के लगभग तीन-चौथाई व्यक्ति संपत्ति में १०,००० डॉलर से कम के नीचे हैं। दुनिया के इस ७१ प्रतिशत हिस्से में वैश्विक संपत्ति का केवल ३ प्रतिशत हिस्सा है।दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों, जिनकी मिलकत में १००,००० डॉलर से अधिक संपत्ति है, कुल वैश्विक आबादी का केवल ८.१ प्रतिशत है, लेकिन वैश्विक धन का ८४.६ प्रतिशत है।

Capture५८ .png

पश्चिमी और यूरोपीय देशों में दुनिया के सबसे ज्यादा करोड़पति हैं।दुनिया के ७८% करोड़पति लोग यूरोप या उत्तरी अमेरिका में रहते हैं और इनमें करीब आधे से ज्यादा करोड़पति संयुक्त राज्य को अपना घर मानते हैं।गैर-पश्चिमी देशों में केवल जापान, चीन और ताइवान में करोड़पतियों की बड़ी मात्रा है।

References

भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे