अर्थव्यवस्था और समाज के लिए महिला फोरम

From Dharmawiki
Revision as of 17:00, 18 March 2020 by Pṛthvī (talk | contribs) (Pṛthvī moved page अर्थव्यवस्था और समाज के लिए महिला फोरम to [[ग्रंथ 5: पर्व 1: अध्याय 12: अर्थव्यवस्था और समाज क...)
Jump to navigation Jump to search

वीमन्स फोरम फोर ईकोनोमी एन्ड सोसायटी, महिलाओं के दृष्टिकोण से प्रमुख सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को देखते हुए एक अंतरराष्ट्रीय मंच है। २००५ में स्थापित फोरम विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मीटिंग्स के माध्यम से राजनीति, व्यवसाय, नागरिक, समाज और विश्वविद्यालयों में अग्रणी महिलाओं और पुरुषों को आह्वान कर, और उन परियोजनाओं को उजागर करने की कोशिश करता है, जो महिला उद्यमिता को शिक्षा, कॉर्पोरेट समता और महिलाओं के मीडिया में बेहतर प्रतिनिधित्व के माध्यम से होती है।

फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा वर्ष २००७ में वीमन्स फोरम फोर ईकोनोमी एन्ड सोसायटी को दुनिया भर में शीर्ष पांच प्रभावशाली मंचों में स्थान दिया गया था। पब्लिसिस ग्रुप द्वारा २००९ से स्वामित्व और संचालित, महिला फोरम कॉर्पोरेट साझेदारी द्वारा समर्थित है।

इतिहास

वीमन्स फोरम फोर ईकोनोमी एन्ड सोसायटी २००५ में औडियो डी थुइन द्वारा स्थापित किया गया था, जिसमें प्रभावशाली फ्रांसीसी महिलाओं के समूह जैसेकि वेरोनिक मोराली, ऐनी लॉवरेजन, लॉरेंस पेरिसॉट और डोमिनिक हैरियाद डबर्रेइल शामिल थे। उनका लक्ष्य नेताओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज में महिलाओं के योगदान को बढ़ाने के तरीके पर सहमत करना था। द विमन्स फोरम, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के आधार पर किया गया था, जो डेवोस में होता है।

महिला फोरम की वैश्विक बैठक हर साल डेओविल, फ्रांस में अक्टूबर में आयोजित की जाती है। यह वैश्विक घटनाओं और लिंग विविधता के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लगभग १३०० प्रतिभागियों को आमंत्रित करता है।

पहल

महिला फोरम ने दुनिया भर में महिलाओं के समर्थन के लिए एक व्यावहारिक पहल की शुरूआत की है।

'कार्टियर महिला पहल पुरस्कार' महिलाओं के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-योजना प्रतियोगिता है, जो २००६ में क्लेटीन फर्म मैकिन्से एंड कंपनी और इनसीड बिजनेस स्कूल के समर्थन से कार्टियर और विमेन फोरम द्वारा बनाई गई थी। पांच महाप्रबंधक प्रति महाद्वीप प्रतिवर्ष पुरस्कृत किये जाते है। प्रत्येक को पूर्ण वर्ष के लिए कोचिंग समर्थन मिलता है, $ २०,००० अनुदान और कार्टियर द्वारा डिजाइन कि गई एक विशिष्ट ट्रॉफी है। इस प्रतियोगिता में दो राउंड हैं: जून में अंतिम प्रतिस्पर्धियों का चयन उनकी छोटी व्यावसायिक योजनाओं के आधार पर होता है और अक्टूबर में विजेताओं का चयन उनकी विस्तृत व्यापार योजनाओं के आधार पर किया जाता है।

बढ़ती प्रतिभा का उद्देश्य उच्च प्रतिभाशाली युवा महिलाओं को अलग छाँटना है जो भविष्य में हमारी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों में प्रभावशाली बन पायें। हर साल, २० युवा महिलाओं को 'महिला फोरम ग्लोबल मीटिंग' में भाग लेने और बढ़ती प्रतिभा नेटवर्क में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है, जिसमें १०० से ज्यादा सदस्य शामिल होते हैं । वे व्यवसाय, समाज और मानवतावादी संघों में विज्ञान, राजनीति और कलाओं में काम करती हैं, और सभी ने अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों जीवन में महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को ले जाने की वास्तविक क्षमता का प्रदर्शन किया है।

सीईओ चैंपियंस २०१०, अन्स्टर्ड एंड यंग के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया, यह पहला सीईओ समूह है जहाँ महिलाओं की प्रगति के लिए खानगी क्षेत्र की कंपनीओं में पुरुष सीईओ और उनके सहयोगियों द्वारा प्रयत्न किया जाता हैं।

मीडिया में फ्रांस टेलीविजन चैनल टीएफ १ , एजेंस फ्रांस प्रेसे , लैगाड्र्रे एक्टिव , लिंक्डइन और फेसबुक के साथ साझेदारी में, महिला फोरम, डेलोइट और वोक्सफेमिना द्वारा एक संयुक्त पहल है। यह मीडिया में महिलाओं की आवाजों को बढ़ावा देने और विशेषज्ञों के रूप में उनके प्रतिनिधित्व को मजबूत करने के लिए मौजूद है।

डायवर्सिटी क्लब फॉर बिज़नेस, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ बनाई गई एक पहल है, जो विविधता को बढ़ावा देने में शामिल कंपनियों को इकट्ठा करती है, ताकि वे कॉर्पोरेट संस्कृति के लिए विविधता बनाए रखने के सर्वोत्तम और सबसे प्रभावी तरीके की पहचान कर सकें।

द विमेन फोर एज्युकेशन एवोर्ड, एल्ले पत्रिका और एडडए फाउंडेशन के साथ २००७ में बनाया गया, जो सालाना विकासशील देशों में महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए काम कर रहे एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन का सम्मान करती हैं। मेडागास्कर, अफगानिस्तान, भारत, मैक्सिको, इथियोपिया, हैती और मिडवाइव्स के लिए अखिल अफ्रीकी शिक्षा अभियान - इन सभी को परियोजनाओं में यह पुरस्कार मिला है।

References

भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे