Changes

Jump to navigation Jump to search
m
no edit summary
Line 11: Line 11:  
  तत्र ते न्यवसन्वीरा वने बहुमृगद्विजे।
 
  तत्र ते न्यवसन्वीरा वने बहुमृगद्विजे।
 
  अन्वास्यमाना मुनिभिः सान्त्व्यमानाश्च भारत॥ 3-5-4
 
  अन्वास्यमाना मुनिभिः सान्त्व्यमानाश्च भारत॥ 3-5-4
  [[:Category:Kamyavana|''Kamyavan'']]  [[:Category:काम्यवन|''काम्यवन'']]
+
  [[:Category:Kamyavana|''Kamyavana'']]  [[:Category:काम्यवन|''काम्यवन'']]
    
  विदुरस्त्वथ पाण्डूनां सदा दर्शनलालसः।
 
  विदुरस्त्वथ पाण्डूनां सदा दर्शनलालसः।

Navigation menu