Education on Bharatiya and Hindu

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साध्य । Aim

मर्म बिन्दु । Salient features

शिक्षण व्यवस्था ।

रक्षण व्यवस्था ।

पोषण व्यवस्था ।

अपनी भूमिका ।

  • अपनी आयु को ध्यान में रखते हुए अपनी अपनी भूमिका तय करना और करणीय कार्य करना |
  • जिन के करने की सामर्थ्य न हो उन्हें करने का दुस्साहस कर विरोध को आमंत्रित नहीं करना |
आयु की अवस्था | करणीय कार्य |

गर्भपूर्व ॥ Before Conception

  1. श्रीमद्भगवद्गीता में बताये गए वर्णधर्म याने ‘स्वधर्म’ को समझना |  
  2. अपने वर्ण के अनुसार ज्ञानार्जन करना | आदतें बनाना |  
  3. यम नियमों का अनुपालन करना |
  4. एकात्मता स्तोत्र का कंठस्थीकरण करना |
  5. सांस्कृतिक भारत के मानचित्र का वर्तमान मानचित्र के सन्दर्भ में अध्ययन करना |
  6. भारत के भूगोल के इतिहास को समझना |

शैक्षणिक कार्य ।

  1. अध्यापक बनने के लिए आवश्यक बातें करना ।
  2. नियमित स्वाध्याय करना ।
  3. स्वाध्याय से अर्जित ज्ञान को समझना ।
  4. व्यावहारिक युगानुकुल पद्धति से समाज के घटकों को समझाने के प्रयास करना |

रक्षण कार्य ।

रक्षण के लिए आवश्यक बातें करना |

  1. व्यक्तिगत स्वास्थ्य, बल, युद्ध कौशल में वृद्धि के प्रयास करना ।
  2. संगठन बनाना या संगठन से जुड़ना |

पोषण कार्य ।

  1. अध्यापकों और रक्षकों को धन साधन और संसाधनों की (पोषण) कमी न रहे, इस हेतु प्रयास करना |
  2. रक्षक संगठनों से जुड़ना |

गर्भावस्था ॥ During Pregnancy

  • यहाँ मुख्य भूमिका माता की होगी | पिता सहायक होगा |
  • गर्भपूर्व के करणीय कार्यों में से जो भी संभव हैं उन्हें वैद्य की अनुमति से करना |
  • अष्टांग योग के यम, नियमों की नींव यहीं से डाली जाती है | यम, नियम आत्मसात करना सभी वर्णों के लिए अनिवार्य है |
  • एकात्मता स्तोत्र का कंठस्थीकरण करना |
  • सांस्कृतिक भारत के मानचित्र का वर्तमान मानचित्र के सन्दर्भ में अध्ययन करना |

शैक्षणिक कार्य ।

  1. भारतीय शास्त्रीय साहित्य पढ़ना | मनन चिंतन करना | विविध आयु के लोगों से विषय की चर्चा करना | जो समझने के लिए उत्सुक हैं ऐसे लोगों को ढूँढना और उनका मार्गदर्शन करना |
  2. इस दृष्टी से बच्चों के लिए कथाओं का उपयोग करना | जैसे युधिष्ठिर की कथा |

रक्षण कार्य ।

  1. सम्राटों की, धर्मरक्षकों की कथाएँ पढ़ना/पढ़ाना |
  2. शारीरिक बल, स्वास्थ्य, युद्ध कौशल आदि की गर्भ की अवस्था को ध्यान में रखकर (वैद्य के मार्गदर्शन में) वृद्धि के प्रयास करना |
  3. धर्म रक्षकों का सत्संग करना |

पोषण कार्य ।

  1. धर्म रक्षकों का सत्संग करना |
  2. धन-दान देना | समय देना | सुविधाएं देना |
  3. रघुराजा की, हर्षवर्धन की कथाएँ पढ़ना/पढ़ाना |

शिशु अवस्था ॥ Childhood (Until the age of 5years)

  • यहाँ भी मुख्य भूमिका माता की रहेगी | पिता तथा कुटुंब के अन्य सदस्यों की भूमिका सहायक की होगी |
  • यम. नियमों का अनुपालन करवाना |
  • बच्चे को सांस्कृतिक भारत का मानचित्र दिखाना |
  • एकात्मता स्तोत्र का कंठस्थीकरण करवाना |

शैक्षणिक कार्य ।

  1. वेदव्यास, याज्ञवल्क्य, मध्वाचार्य विद्यारण्य, तुकाराम, रामदास, गुरु गोविन्दसिंह आदि की प्रतिमाएँ बताना, नमन करवाना, उन की कहानियाँ कहना | वेश पहनाना |
  2. भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिमाएँ बताना, नमन करवाना, उन की कहानियाँ कहना | वेश पहनाना | उन के जैसा बनने की प्रेरणा देना |
  3. भारत, हिन्दुस्थान की व्याख्याएँ कंठस्थ करवाना |
  4. सांस्कृतिक भारत का मानचित्र बताना/बनवाना |

रक्षण कार्य ।

  1. सम्राटों की, रामायण, महाभारत की शौर्य कथाएँ सुनाना
  2. रघुराजा, हर्षवर्धन, बाप्पा रावल, शिवाजी, रणजीतसिंह आदि की कहानियाँ सुनाना |
  3. बच्चे को बलार्जन की प्रेरणा देना |
  4. हनुमान, भीम आदि की कहानियाँ सुनाना |

पोषण कार्य ।

  1. रघुराजा, हर्षवर्धन, तुकाराम, भामाशाह, दामाजी आदि की कहानियाँ सुनाना |  

बाल अवस्था ॥ Childhood (From the age between 6 to 10 years)

  • यहाँ से आगे पिता, गुरू(मानसपिता) की भूमिका मुख्य होती है | माता तथा कुटुंब के अन्य सदस्यों की भूमिका सहायक की होगी |
  • यही आयु अच्छी आदतों की प्रतिष्ठापना के लिए अत्यंत उपयुक्त होती है | यहाँ ताडन का उपयोग भी आवश्यकतानुसार स्वीकृत है |
  • रोज एकात्मता स्तोत्र पाठन करवाना | रा.स्व.संघ की शाखा में भेजना
  • संभाजी, बन्दा बैरागी, बाल हकीकत, सिख गुरुपुत्रों जैसी कथाएँ सुनाना |
  • अनसूया, लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी, कुंती, द्रौपदी, सत्यभामा, सीता, सावित्री, भारती, रानी रुद्रमाम्बा, रानी चन्नम्मा, ताराबाई आदि पुण्यप्रतापी स्त्रियों की, क्रांतिकारियों की, वेदव्यास, याज्ञवल्क्य, मध्वाचार्य विद्यारण्य, तुकाराम, रामदास, गुरु गोविन्दसिंह आदि की कथाओं का वाचन करवाना | कथन करवाना |
  • कणाद, कपिल, वराहमिहीर, भास्कराचार्य, नागार्जुन आदि भारतीय वैज्ञानिकों की, रामायण, महाभारत की कथाओं का वाचन करवाना | कथन करवाना |
  • भारत के गौरवमय अतीत की, विश्वगुरुत्व की जानकारी देना |

शैक्षणिक कार्य ।

  • उपर्युक्त में श्रेष्ठ विप्र, श्रेष्ठ क्षत्रिय और श्रेष्ठ वैश्य कैसे होते हैं, इसे स्पष्ट करना | श्रेष्ठ विप्र बनने की प्रेरणा देना |

रक्षण कार्य ।

  • उपर्युक्त में श्रेष्ठ विप्र, श्रेष्ठ क्षत्रिय और श्रेष्ठ वैश्य कैसे होते हैं, इसे स्पष्ट करना | श्रेष्ठ क्षत्रिय बनने की प्रेरणा देना |

पोषण कार्य ।

  • उपर्युक्त में श्रेष्ठ विप्र, श्रेष्ठ क्षत्रिय और श्रेष्ठ वैश्य कैसे होते हैं, इसे स्पष्ट करना | श्रेष्ठ वैश्य बनने की प्रेरणा देना |  

किशोर अवस्था ॥ Adolescence (Age between 11 and 15 years)

  • इस आयु में भी पिता, गुरु (मानसपिता) की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है | माता और घर के अन्य सदस्यों की भूमिका सहायक की होगी |
  • इस आयु में बुद्धि का उपयोग शुरू हो जाता है | इसलिए ‘भारतीय’ की बुद्धियुक्त पहचान कराना | वर्णानुसार कर्म/व्यवहार का महत्त्व समझाना |
  • रा.स्व.संघ की शाखा में गटनायक/गणशिक्षक बनने की प्रेरणा देना |
  • श्रीमद्भगवद्गीता, एकात्म मानव दर्शन, सत्यार्थ प्रकाश जैसे पुस्तकों का अध्ययन, मनन, चिंतन करने की प्रेरणा देना |

शैक्षणिक कार्य ।

  1. सांस्कृतिक भारत के मानचित्र का वर्तमान मानचित्र के सन्दर्भ में अध्ययन करना |
  2. भारत के भूगोल के इतिहास को समझना | इस में विप्र की भूमिका का विचार करना | इस में विप्र होने के नाते मेरी क्या भूमिका होगी? यह विचार शुरू हो |
  3. समविचारी विप्र वृत्ति के मित्र जोड़ना | ऐसा विचार करनेवाले संगठन से जुड़ना |
  4. बलोपार्जन करना | नियुद्ध, दण्डयुद्ध, बन्दूक चलाना सीखना |

रक्षण कार्य ।

सांस्कृतिक भारत के मानचित्र का वर्तमान मानचित्र के सन्दर्भ में अध्ययन करना| भारत के भूगोल के इतिहास को समझना| इस में क्षत्रिय होने के नाते मेरी क्या भूमिका होगी? यह विचार शुरू हो| क्षत्रिय वृत्ति के समविचारी मित्र जोड़ना| ऐसा विचार करनेवाले संगठन से जुड़ना| बलोपार्जन करना| नियुद्ध, दण्डयुद्ध, बन्दूक चलाना सीखना| हवाई बन्दूक (एयर रायफल) खरीदने के लिए आग्रह करना|

पोषण कार्य ।

सांस्कृतिक भारत के मानचित्र का वर्तमान मानचित्र के सन्दर्भ में अध्ययन करना| भारत के भूगोल के इतिहास को समझना| इस में वैश्य होने के नाते मेरी क्या भूमिका होगी? यह विचार शुरू हो| समविचारी वैश्य वृत्ति के मित्र जोड़ना| ऐसा विचार करनेवाले संगठन से जुड़ना| बलोपार्जन करना| नियुद्ध, दण्डयुद्ध, बन्दूक चलाना सीखना|

युवा अवस्था ॥ Youth (Age between 16 and 25 years)

शैक्षणिक कार्य ।

रक्षण कार्य ।

पोषण कार्य ।

गृहस्थ अवस्था ॥ Householder's phase (Age between 26 to 60)

शैक्षणिक कार्य ।

रक्षण कार्य ।

पोषण कार्य ।

प्रौढ अवस्था ॥ Elderly phase

शैक्षणिक कार्य ।

रक्षण कार्य ।

पोषण कार्य ।

वृद्ध अवस्था ॥ Old age

शैक्षणिक कार्य ।

रक्षण कार्य ।

पोषण कार्य ।